हरियाणा: सेप्टिक टैंक की ज़हरीली गैस की चपेट में आकर चार लोगों की मौत

घटना बहादुरगढ़ ज़िले के झकोड़ा गांव की है. इस हादसे में मकान के मालिक समेत एक राजमिस्त्री और दो मज़दूरों की मौत हुई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है.

​​(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

घटना बहादुरगढ़ ज़िले के झकोड़ा गांव की है. इस हादसे में मकान के मालिक समेत एक राजमिस्त्री और दो मज़दूरों की मौत हुई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है.

​​(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: हरियाणा के बहादुरगढ़ जिले के झकोड़ा गांव में तीन मंजिला इमारत के बाथरूम में बने सेप्टिक टैंक में मंगलवार की दोपहर तीन मजदूरों और मकान मालिक की दम घुटने से मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों की पहचान जसौर खेड़ी गांव के मकान मालिक दीपक (36 वर्ष), मध्य प्रदेश के राजमिस्त्री महेंद्र (30 वर्ष), उत्तर प्रदेश के रहने वाले मजदूर देशराज (28 वर्ष) और कुलदीप उर्फ सतीश (29 वर्ष) के रूप में हुई है.

दीपक का झकोड़ा गांव में एक भूखंड था, जिसे उन्होंने मृतक मजदूरों सहित कई परिवारों को किराये पर दे रखा था.

पुलिस ने कहा कि घटना दोपहर करीब 2 बजे हुई जब दीपक अपने बाथरूम में सेप्टिक टैंक बनवा रहा था और इससे जुड़ी पाइपलाइन से कीचड़ साफ हो रहा था. इसके लिए उन्होंने तीन लोगों को काम पर रखा था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मजदूरों ने दस्ताने या मास्क जैसे कोई सुरक्षा उपकरण नहीं पहने थे. महेंद्र पहले टैंक में घुसे और कुछ सेकंड के बाद बेहोश हो गए. यह देख कुलदीप और देशराज टैंक में गए और वे भी बेहोश हो गए. आखिर में दीपक उन्हें बचाने के लिए सेप्टिक टैंक में घुस गए और उनका भी दम घुट गया.’

चारों को बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

एक अधिकारी ने कहा कि गैस रिसाव के प्रकार की जांच के लिए फॉरेंसिक टीमों को मौके पर भेजा गया, जिसके कारण पीड़ितों की मौत हुई.

अखबार के अनुसार, महेंद्र की पत्नी क्रांति (24 वर्ष) ने कहा कि जब दीपक ने महेंद्र से सेप्टिक टैंक और पाइप साफ करने के लिए कहा, तो वह तैयार हो गए क्योंकि उन्हें इस काम के लिए 800 रुपये जिए जाते. उन्होंने दो अन्य आदमियों से उनकी मदद करने के लिए कहा था.

क्रांति ने कहा कि महेंद्र परिवार का एकमात्र कमाने वाला था, जिसमें छह साल का बेटा और चार साल की बेटी शामिल है.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अगस्त में बहादुरगढ़ में एक कारखाने में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कथित तौर पर जहरीले धुएं के कारण चार श्रमिकों की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे.

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