सरकार ने आर्टिलरी में महिला अधिकारियों को शामिल करने के सेना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि सरकार ने 20 मार्च, 2023 को आर्टिलरी रेज़िमेंट में महिलाओं को शामिल करने की मंज़ूरी दे दी है. आर्टिलरी रेज़िमेंट में विभिन्न कैलिबर की बंदूकें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, बंदूकें, मोर्टार शामिल होते हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि सरकार ने 20 मार्च, 2023 को आर्टिलरी रेज़िमेंट में महिलाओं को शामिल करने की मंज़ूरी दे दी है. आर्टिलरी रेज़िमेंट में विभिन्न कैलिबर की बंदूकें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, बंदूकें, मोर्टार शामिल होते हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: एक केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि आर्टिलरी (तोपखाना/​​हथियार) रेजिमेंट में महिला अधिकारियों को शामिल करने के भारतीय सेना के फैसले पर केंद्र सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आर्टिलरी में महिला अधिकारियों को शामिल करने का निर्णय 20 मार्च को लिया गया था, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 31 मार्च को लोकसभा में यह जानकारी दी थी. वह वडोदरा से भाजपा सांसद रंजनबेन धनंजय भट्ट के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पूछा था कि क्या सरकार का आर्टिलरी इकाइयों में महिलाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है और यदि हां, तो इस संबंध में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?

मंत्री ने अपने एक लाइन के जवाब में कहा था, ‘सरकार ने 20 मार्च, 2023 को आर्टिलरी रेजिमेंट में महिलाओं को शामिल करने की मंजूरी दे दी है.’

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने जनवरी में घोषणा की थी कि आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों को शामिल करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. जनरल ने उस समय कहा था कि सेना में लैंगिक सशक्तिकरण एक वरीयता वाला क्षेत्र है और महिलाओं से आर्टिलरी में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जाती है.

रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिलरी में शामिल होने वाली महिला अधिकारियों की सही संख्या इस साल के अंत में चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) से अगले बैच के कमीशन के समय ही पता चल पाएगी.

आर्टिलरी सेना की एक लड़ाकू सहायता शाखा है और इन्फैंट्री के बाद आकार में सबसे बड़ी है. आर्टिलरी रेजिमेंट में विभिन्न कैलिबर की बंदूकें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, बंदूकें, मोर्टार और मानव रहित हवाई प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

1 मार्च को केंद्र ने रिमाउंट और वेटरनरी कोर (आरवीसी) में महिला अधिकारियों को शामिल करने की भी मंजूरी दी थी. संसद में अजय भट्ट ने बताया कि 2023 में आरवीसी में शामिल 20 अधिकारियों में से चार महिलाएं हैं.

सेना की रेजिमेंट और कोर को आर्म्स और सर्विसेज में बांटा गया है. शस्त्रों में इन्फैंट्री, आर्मर्ड कोर, आर्टिलरी, इंजीनियर्स, सिग्नल, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स और मिलिट्री इंटेलिजेंस शामिल हैं.

सरकार के ताजा फैसले के साथ महिलाएं अब इन्फैंट्री और आर्मर्ड कोर को छोड़कर सभी सैन्य विभागों में सेवा देंगी, जिन्हें फाइटिंग आर्म्स माना जाता है.

इसके अलावा महिला अधिकारी – आर्मी सर्विस कॉर्प्स (एएससी), आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स (एओसी), आर्मी एजुकेशन कॉर्प्स (एईसी), जज एडवोकेट जनरल ब्रांच (जेएजी), कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई), आर्मी मेडिकल कॉर्प्स, आर्मी डेंटल कॉर्प्स और रिमाउंट एंड वेटरनरी कॉर्प्स (आरवीसी), मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में भी काम करती हैं.

रक्षा मंत्रालय द्वारा 17 मार्च को संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सेना में 6,993 महिला अधिकारी सेवारत हैं, जिनमें आर्मी मेडिकल कोर/आर्मी डेंटल कॉर्प्स और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस अधिकारी शामिल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार,  सेना में महिला अधिकारियों को शामिल करने की मंजूरी 1992 में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने शॉर्ट सर्विस कैडर के रूप में दी थी. 25 महिला अधिकारियों के पहले बैच को मार्च 1993 में आर्मी सर्विस कॉर्प्स (एएससी), आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स (एओसी), आर्मी एजुकेशन कॉर्प्स (एईसी) और जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) विभाग में नियुक्त किया गया था.

नवंबर 2021 में सरकार ने स्थायी कमीशन दिए जाने के बाद महिला अधिकारियों के लिए जेंडर न्यूट्रल करिअर प्रोग्रेशन पॉलिसी लागू की. इसने महिला अधिकारियों को उन शस्त्रों और सेवाओं में समान अवसर प्रदान किए, जहां उन्हें नियुक्ति दी गई है.

एक अन्य हालिया फैसले में रक्षा सेवाओं ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला उम्मीदवारों के लिए भी प्रवेश दिया है, जिसमें सेना के लिए 10 सहित 19 कैडेट हर छह महीने में अकादमी में शामिल होते हैं. महिला कैडेटों के पहले बैच ने जुलाई 2022 से और दूसरे बैच ने जनवरी 2023 से एनडीए में प्रशिक्षण शुरू कर दिया है.

2021 से सेना ने महिला अधिकारियों के लिए आर्मी एविएशन कोर में पायलट के रूप में काम करने के रास्ते भी खोल दिए हैं.

कर्नल (सिलेक्ट ग्रेड) रैंक के लिए महिला अधिकारियों पर भी विचार किया जा रहा है और उन्हें कमांड नियुक्तियां दी जा रही हैं.