बीते माह केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने टिप्पणी की थी कि कुछ रिटायर जज ‘भारत-विरोधी गैंग’ का हिस्सा हैं, इस संबंध में राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा कि न्याय विभाग केवल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को देखता है.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा को सूचित किया कि कानून मंत्रालय को समय-समय पर सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के बारे में शिकायतें मिलती हैं, लेकिन इनका संबंध केवल उच्च न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति और सेवा शर्तों से होता है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि ‘क्या केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के कुछ पूर्व न्यायाधीश भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं.’
मंत्री को सूचना के स्रोत का खुलासा करने के लिए भी कहा गया था और पूछा गया था कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में सूचित किया है.
जहां लिखित जवाब के अंग्रेजी संस्करण में रिजिजू ने चार उप-प्रश्नों का सीधा जवाब नहीं दिया, वहीं हिंदी संस्करण में उन्होंने ‘न’ में जवाब दिया है.
उन्होंने ए से डी तक के उप-प्रश्नों के लिए ‘जी नहीं’ के साथ जवाब दिया.
उन्होंने कहा, ‘समय-समय पर न्याय विभाग (कानून मंत्रालय में) में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट मौजूदा जजों के साथ-साथ सेवानिवृत्त जजों के खिलाफ भी शिकायतें प्राप्त होती हैं. न्याय विभाग केवल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को महत्व देता है.’
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर जजों से संबंधित शिकायतें न्याय विभाग के नियंत्रण में नहीं आती हैं.
उन्होंने कहा, ‘उच्च न्यायपालिका में जवाबदेही एक ‘आंतरिक तंत्र’ के माध्यम से बनाए रखी जाती है और कहा कि 7 मई 1997 को अपनी पूर्ण अदालत की बैठक में सुप्रीम कोर्ट ने दो प्रस्तावों को अपनाया था- एक न्यायिक जीवन के मूल्यों की बहाली से संबंधित और दूसरा न्यायिक जीवन के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मूल्यों का पालन नहीं करने वाले न्यायाधीशों के खिलाफ उपयुक्त उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए आंतरिक प्रक्रिया.’
उच्च न्यायपालिका के लिए स्थापित ‘आंतरिक तंत्र’ के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के जजों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के आचरण के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करने के लिए सक्षम हैं. इसी तरह, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट के जजों के आचरण के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करने के लिए सक्षम व्यक्ति हैं.
उन्होंने कहा, ‘न्याय विभाग द्वारा प्राप्त शिकायतों/अभ्यावेदनों को उचित कार्रवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश या संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, जैसा भी मामला हो, को भेजा जाता है.’
गौरतलब है कि केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बीते माह एक कार्यक्रम में कहा था कि कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं, वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए.
उन्होंने कहा था, ‘कुछ रिटायर जज हैं, कुछ- शायद तीन या चार- उनमें से कुछ एक्टिविस्ट हैं, जो भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं. ये लोग ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए. यहां तक कि कुछ लोग कोर्ट भी जाते हैं और कहते हैं कि प्लीज सरकार पर लगाम कसें, प्लीज सरकार की नीतियां बदलें.’
इस संबंध में बीते दिनों देश भर के 300 से अधिक वकीलों ने कानून मंत्री रिजिजू को एक पत्र भी लिखा था और कहा था कि ‘सरकार की आलोचना भारत-विरोध नहीं है.’