कांग्रेस नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी भाजपा में शामिल हुए

किरण कुमार रेड्डी ने 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन से पहले अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों को लेकर मार्च 2023 में कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था. हालांकि, 2018 में वे दोबारा कांग्रेस में आ गए थे.

अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी भाजपा की सदस्यता लेते हुए. (फोटो साभार: फेसबुक)

किरण कुमार रेड्डी ने 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन से पहले अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों को लेकर मार्च 2023 में कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था. हालांकि, 2018 में वे दोबारा कांग्रेस में आ गए थे.

अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी भाजपा में शामिल होने संबंधी एक कार्यक्रम में. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए. दो दिनों के भीतर पाला बदलने वाले वह दक्षिण भारत के दूसरे कांग्रेसी नेता हैं.

एनडीटीवी के मुताबिक, एक दिन पहले ही केरल में कांग्रेसी दिग्गज एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था.

रेड्डी, जिन्होंने 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन से पहले अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था, ने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों को लेकर मार्च 2023 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

रेड्डी का भाजपा में शामिल होने का फैसला अगले साल आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जहां सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है. यह कदम संभावित रूप से भाजपा के पक्ष में हो सकता है, जो राज्य में पैठ बनाने की उम्मीद कर रही है.

62 वर्षीय रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद 2014 में एक बार पहले भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और अपनी पार्टी ‘जय समैक्य आंध्र’ बनाई थी. हालांकि, वह 2014 के चुनावों में छाप छोड़ने में विफल रहे. बाद में वह 2018 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए लेकिन लंबे समय तक राजनीति में निष्क्रिय रहे.

रायलसीमा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले रेड्डी से उम्मीद की जाती है कि वह उस क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति को मजबूत करेंगे जहां उनका खासा प्रभाव है. राज्य में तीसरे विकल्प के रूप में उभरने का प्रयास कर रही भाजपा द्वारा उन्हें संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किया जा सकता है.

एक दिन पहले भाजपा में शामिल हुए अनिल एंटनी ने रेड्डी का पार्टी में स्वागत किया है.

रेड्डी ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं द्वारा भाजपा में स्वागत किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. कांग्रेस के साथ अपने परिवार के छह दशक लंबे जुड़ाव का हवाला देते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह पार्टी छोड़ देंगे.

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर ‘लोगों का फैसला स्वीकार करके हालात सुधार करने में असमर्थता’ के लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘उन्हें लगता है कि वे सही हैं और भारत के लोगों सहित अन्य सभी गलत हैं.’

चार बार के पूर्व विधायक रेड्डी ने कहा, ‘वे सत्ता पर नियंत्रण चाहते हैं, लेकिन कड़ी मेहनत करना नहीं चाहते हैं या कोई जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते हैं… सभी राज्यों में कांग्रेस को नुकसान हो रहा है और इसका हाईकमान दूसरों के साथ बातचीत नहीं करता है या उनकी राय नहीं लेता है.’

रेड्डी ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी… एक कहावत है, ‘मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह अपने बारे में नहीं सोचता, किसी की सलाह नहीं सुनता.”

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘भाजपा के नेताओं की कड़ी मेहनत और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता’ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनके पास विचार और निरंतरता की स्पष्टता है, और साहसी निर्णय लेना सरकार की पहचान है.’