अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम कहा गया है कि भर्ती होने से पहले अग्निवीरों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के जरिये भर्ती होने वाले सैन्यकर्मी या अग्निवीर, जिन्हें अर्धसैनिक बलों में 10 फीसदी आरक्षण का आश्वासन दिया गया है, को भर्ती होने से पहले एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
द हिंदू के मुताबिक, यह पहली बार गुरुवार को तब स्पष्ट हुआ जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम अधिसूचित किए गए.
नियम 2010 की अधिसूचना का स्थान लेते हैं. जैसा कि गृह मंत्रालय द्वारा पहले घोषणा की गई थी, ताजा अधिसूचना के अनुसार अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी गई है और उन्हें आयु में तीन साल की छूट मिलेगी. अग्निवीरों के पहले बैच को पांच साल की छूट मिलेगी.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें गृह मंत्रालय से इस पर स्थिति स्पष्ट करने का इंतजार है कि कैसे पूर्व-अग्निवीरों को मौजूदा जाति कोटा को बाधित किए बिना सेवा में समाहित किया जाएगा.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘इन नियमों में कुछ भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, पूर्व सैनिकों और अन्य विशेष श्रेणियों के व्यक्तियों को मिलने वाले आरक्षण, आयु-सीमा में छूट और अन्य रियायतों को प्रभावित नहीं करेगा.’
ज्ञात हो कि सशस्त्र बल- सेना, नौसेना और वायु सेना- जाति आधारित फॉर्मूले का पालन करते हुए भर्ती नहीं करते हैं, लेकिन सीएपीएफ में नामांकन मौजूदा आरक्षण प्रणाली के अनुसार किया जाता है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 फीसदी की सीमा से अधिक नहीं हो सकता है.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा 18 से 23 वर्ष के बीच है. (एससी या एसटी के मामले में पांच साल की छूट और ओबीसी उम्मीदवारों के मामले में तीन साल की छूट है.)
आदेश के अनुसार पूर्व- अग्निवीरों सहित सभी उम्मीदवारों के पास मैट्रिक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए और ‘शारीरिक एवं चिकित्सा मानक’ केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित योजना के अनुसार लागू होंगे.
इसमें कहा गया है कि उम्मीदवारों को ‘भर्ती के लिए विज्ञापन में उल्लिखित कॉन्स्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के लिए निर्धारित शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, और कहा गया है कि ‘पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) से छूट दी जाएगी.’ इसमें किसी अन्य आवश्यकता से छूट की बात नहीं की गई है.
अब तक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अग्निवीरों के लिए आरक्षण का उल्लेख करते हुए ग्रुप सी पदों (कॉन्स्टेबल) के लिए भर्ती नियमों को अधिसूचित किया है, लेकिन इन्होंने विवरण का उल्लेख नहीं किया है. सीआरपीएफ के नियम विवरण प्रदान करते हैं और अन्य सभी सीएपीएफ के लिए एक संभावित नमूना हैं.
सीआरपीएफ के ग्रुप ‘सी’ श्रेणी में कॉन्स्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के 1.29 लाख स्वीकृत पदों के लिए नियम अधिसूचित किए गए थे. 1 जनवरी 2022 तक सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल की 19,921 रिक्तियां थीं. सीआरपीएफ की कुल स्वीकृत शक्ति 3.24 लाख है.
रक्षा मंत्रालय ने 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना लाई थी, जो सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसैनिकों के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता आधारित अल्पकालिक भर्ती योजना है. योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के उम्मीदवारों को 4 साल की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षण अवधि भी शामिल है.
चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद, संगठनात्मक आवश्यकताओं और मौजूदा नीतियों के आधार पर 25 फीसदी भर्तियों को नियमित सेवा के लिए रखा जाएगा.
एक अनुमान के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य पहले चरण में 46,000 अग्निवीरों की भर्ती करना है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस अख़बार से कहा, ’25 फीसदी की सीमा के मुताबिक, नियमित सेवा के लिए केवल 11,500 अग्निवीरों को शामिल किया जाएगा. शेष 34,500 को सीएपीएफ में कॉन्स्टेबलों की 10 फीसदी रिक्तियों के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी. सेवानिवृत्ति और मृत्यु के कारण रिक्तियां उत्पन्न होती हैं, जिनकी संख्या निश्चित नहीं होती है. पिछले साल सीएपीएफ में सभी रैंकों पर कुल रिक्तियां 84,000 थीं.’
गौरतलब है कि अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. जिसमें, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा संबंधी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा शामिल थी.
हालांकि, एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि एक तरफ जहां सरकार ‘अग्निपथ’ योजना के तहत नौकरी पाने वाले अग्निवीरों को चार साल की सेवा समाप्ति के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की बात कह रही है, कोटे के बावजूद पूर्व सैनिक सरकारी नौकरी से वंचित हैं.