मध्य प्रदेश: पुलिस स्टेशन पर हमला कर भीड़ ने डकैत को छुड़ाया

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर थाने का मामला. भीड़ ने शुक्रवार तड़के थाने पर उस समय हमला किया, जब सिर्फ़ चार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. डकैत की पहचान हेमा मेघवाल के रूप में हुई, जिसे पुलिस ने एक दिन पहले ही गिरफ़्तार किया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर थाने का मामला. भीड़ ने शुक्रवार तड़के थाने पर उस समय हमला किया, जब सिर्फ़ चार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. डकैत की पहचान हेमा मेघवाल के रूप में हुई, जिसे पुलिस ने एक दिन पहले ही गिरफ़्तार किया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में 50 से अधिक लोगों की भीड़ बीते शुक्रवार (7 अप्रैल) को थाने में जबरदस्ती घुस गई और तीन बंदियों को छुड़ा लिया, जिनमें एक डकैत भी था. इस दौरान भीड़ द्वारा पुलिस अधिकारियों पर भी लाठियों से हमला करने की बात सामने आई है.

शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे हुई यह घटना थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई. उस समय चार कर्मचारी ड्यूटी पर थे. इस घटना के दौरान तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने नेपानगर थाने में हमले के दौरान 32,000 रुपये के इनामी डकैत हेमा मेघवाल और उसके दो अन्य साथियों को मुक्त करा लिया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेघवाल को एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था.

अधिकारी ने कहा कि हमले की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर भव्य मित्तल और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे.

उन्होंने कहा कि पुलिस हमलावरों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा, ‘बकड़ी चौकी पर बंदूकों की लूट में शामिल हेमा मेघवाल नाम के एक व्यक्ति को बीते गुरुवार (6 अप्रैल) को पकड़ा गया था और नेपानगर थाने के हवालात में बंद किया गया था.’

एसपी ने आगे बताया कि इसके बाद मेघवाल के साथी सुदिया करीब 50 अन्य वन अतिक्रमणकारियों के साथ पहुंचा और थाने पर तोड़फोड़ की. वे हेमा मेघवाल और दो अन्य को अपने साथ ले गए, जो हवालात में बंद थे.

उन्होंने कहा, ‘आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.’

एनडीटीवी के अनुसार, पिछले महीने बुरहानपुर जिले में वन विभाग द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ हिंसक झड़प में 13 लोग घायल हो गए थे.

अतिक्रमणकारियों – जिनकी संख्या 150 मानी जाती है – ने अतिक्रमण विरोधी दल को जंगल की ओर जाने से रोकने के लिए देसी बम, धनुष-बाण और देशी हथियारों का इस्तेमाल किया था. इस दौरान वन विभाग की टीम के साथ गए कुछ ग्रामीणों को भी गंभीर चोटें आई थीं.