तीन दिनों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आने का अनुमान. पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की दख़ल की मांग, किसानों के लिए मांगा मुआवज़ा.
- आॅड-ईवेन योजना की समीक्षा करेगा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
- 13 से 17 नवंबर के बीच लागू रहेगी आॅड-ईवेन योजना
- एनजीटी ने दिल्ली शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाई
- दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और कचरा जलाने पर प्रतिबंध
- नगर निगमों ने अपने पार्किंग शुल्क चार गुणा बढ़ाए
- कृत्रिम बारिश कराने के विकल्प पर विचार हो: हाईकोर्ट
नई दिल्ली/चंडीगढ़: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी धुंध की मोटी चादर से ढका हुआ है जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 5:30 बजे दृश्यता सीमा 1000 मीटर की थी, लेकिन 8:30 बजे तक यह घटकर महज़ 400 मीटर रह गई.
दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सुबह 8:30 बजे आर्द्रता 93 प्रतिशत रही.
मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार दिन में हल्की हवा चलने का अनुमान है जिससे धुंध छंटने में कुछ मदद मिलेगी.
अधिकारी ने कहा, आज दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की दख़ल की मांग
पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी और उत्तरी राज्यों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में समाधान के लिए दख़ल देने का आग्रह किया.
उन्होंने पराली (फसल का अवशेष) के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का मुआवज़ा दिए जाने की मांग भी है.
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मुआवज़े की मांग करते हुए कहा कि पराली जलाने की ख़तरनाक प्रवृत्ति की जांच करवाने का आग्रह किया है.
उन्होंने इससे पहले पांच जुलाई को भी प्रधानमंत्री से यह मांग की थी. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस मसले पर केंद्रीय कृषि, खाद्य व पर्यावरण मंत्रालयों के मंत्रियों और प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मीटिंग बुलाने की भी मांग की.
आॅड-ईवेन योजना की समीक्षा करेगा एनजीटी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को कहा कि वह शहर में कारों के लिए 13 नवंबर से लागू हो रही आॅड-ईवेन योजना की समीक्षा करेगा.
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के जानलेवा स्तर से निपटने की योजनाओं के तहत आप सरकार ने आॅड-ईवेन योजना लागू करने की घोषणा गुरुवार को की थी.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह पिछली आॅड-ईवेन योजनाओं के दौरान वायु गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपे.
एनजीटी ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील को निर्देश दिया कि वह सभी ज़रूरी आंकड़ों के साथ तैयार रहें, उसे दिखाएं और अगली आॅड-ईवेन योजना को लागू करने के कारणों की जानकारी दें.
पिछले वर्ष 21 अप्रैल को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया था कि इस तथ्य को बताने वाला कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि आॅड-ईवेन योजना के दौरान दिल्ली में वाहनों से होने वाला वायु प्रदूषण कम हुआ है.
13 से 17 नवंबर के बीच लागू रहेगी आॅड-ईवेन योजना
दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से आॅड-ईवेन योजना फिर से शुरू करने की घोषणा की है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि आॅड-ईवेन योजना 2016 में दो बार राष्ट्रीय राजधानी में लागू किया गया था और यह योजना 13 नवंबर से 17 नवंबर तक सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक लागू होगा.
महिला चालकों, दो पहिया वाहनों और स्कूली यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों के अलावा वीवीआईपी के वाहनों को इस योजना से छूट दी गई है. इसके अलावा जिस कार का अंतिम नंबर सम से समाप्त होगा वह सम तारीखों को जबकि जिस वाहन का अंतिम नंबर विषम नंबर को समाप्त होगा वह विषम तारीखों को सड़कों पर चल सकेंगी.
इसके अलावा पीले नंबरों वाले व्यवसायिक वाहन भी इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे.
मंगलवार से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बाद से बुधवार दोपहर 12 बजे से पीएम 2.5 और पीएम 10 के अल्ट्राफाइन कणों के स्तर में गिरावट दर्ज की गई.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, नमी के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है.
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन योजना के तहत किए गए उपायों की समीक्षा के लिए सीपीसीबी की एक टॉस्क फोर्स इस नतीजे पर पहुंची है कि आगामी शनिवार को प्रदूषण के स्तर में बहुत कम श्रेणी की गिरावट आएगी जो इस समय जारी आपात स्थिति से दो स्तर नीचे होगी.
आॅड-ईवेन का उल्लंघन करने वाले को 2,000 रुपये का हर्जाना देना होगा. दिल्ली पुलिस, परिवहन विभाग और एसडीएम तैनात होंगे ताकि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.
इस बीच गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने आॅड-ईवेन सप्ताह के दौरान यात्रियों की भीड़भाड़ से निपटने के लिए दिल्ली परिवहन निगम को निजी ठेकेदारों से 500 बसें लेने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा, दिल्ली मेट्रो ने भी इस अवधि के दौरान 100 छोटी बसें मुहैया कराने का भी वादा किया है. स्कूल स्वेच्छा से अपनी बसें देने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि, ऐसी कोई बाध्यता नहीं है.
सीएनजी वाहनों को छूट मिलेगी लेकिन गाड़ियों पर स्टीकर लगा होना चाहिए. यह स्टीकर पूरी दिल्ली के 22 आईजीएल गैस स्टेशनों पर मिलेगी.
मंत्री ने कहा, पिछली बार लागू की गयी आॅड-ईवेन योजना के दौरान की पुरानी स्टीकर भी वैध होगी.
सूत्रों का कहना है कि सम-विषम के दौरान करीब 5,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवी तैनात रहेंगे तथा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए करीब 400 पूर्व सैनिकों की भी सेवा ली जाएगी.
एनजीटी ने शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाई
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने निर्माण और औद्योगिक गतिविधि और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि फसल का अवशेष नहीं जलाया जाए और किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाए.
कृत्रिम बारिश कराने के विकल्प पर विचार हो: उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह कृत्रिम वर्षा करवाने के लिए क्लाउड सीडिंग के विकल्प पर विचार करे, ताकि वातावरण में मौजूद धूल और प्रदूषकों की मात्रा पर तुरंत काबू पाया जा सके.
शहर में 20 नए वायु निगरानी स्टेशनों के उद्घाटन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पराली जलाने के लिए एक स्थायी समाधान निकालने को लेकर केंद्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकारों को एक साथ आने की और राजनीतिक मतभेदों को दूर रखने की आवश्यकता पर बल दिया. पराली जलाने के कारण यहां प्रदूषण फैल रहा है.
नगर निगमों ने अपने पार्किंग शुल्क चार गुणा बढ़ाए
इस बीच, शहर में उच्च स्तर के प्रदूषण को देखते हुए उप राज्यपाल के आदेश के बाद तीनों नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पार्किंग शुल्क बृहस्पतिवार से बढ़ाकर चार गुणा कर दिया गया है.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अन्तर्गत ख़ान मार्केट, सरोजनी नगर मार्केट, सेंट्रल मार्केट सहित कई बड़े बाज़ार आते हैं.
हालांकि, जारी आदेश में कहा गया है कि पार्किंग में की गई चार गुणा बढ़ोतरी केवल एक सप्ताह की समयावधि के लिए है.
उप राज्यपाल अनिल बैजल के निर्देशानुसार उत्तर और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों एनडीएमसी और ईडीएमसी ने भी पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की गई है.
दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी की प्रवेश सीमाओं को आवश्यक वस्तुओं को लेकर आ रहे ट्रकों के अलावा दूसरे ट्रकों के लिए सील कर दिया है.
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली यातायात पुलिस और नगर निगमों को बृहस्पतिवार रात 11 बजे से 12 नवंबर की रात 11 बजे तक भारी और मध्यम मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
द इनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) ने कहा कि छूट इसकी प्रभावशीलता को कम कर सकती है. ग्रीन पीस इंडिया ने कहा कि निर्माण, ताप विद्युत संयंत्रों जैसे अन्य तत्वों से भी निपटा जाना चाहिए जो प्रदूषण बढ़ाते हैं.
दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य और कचरा जलाने पर प्रतिबंध
इस बीच राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों और ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ कई निर्देश जारी किए.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियां नहीं होगी. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को भी 14 नवंबर तक चलने की अनुमति नहीं होगी.
हालांकि, पीठ ने साफ किया कि ऐसी जगह जहां सीमेंट और बालू जैसी निर्माण सामग्री के इस्तेमाल को छोड़कर केवल फिनिशिंग का काम हो, वहां पर इस अवधि में गतिविधि हो सकती है.
पीठ ने कहा कि निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले श्रमिकों को उनकी रोजाना की दिहाड़ी दी जाएगी और आदेश से वे प्रभावित नहीं होंगे.
एनजीटी ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी और कहा कि बाहर से या दिल्ली के भीतर गाड़ियों को निर्माण सामग्री ढोने की अनुमति नहीं होगी.
पीठ ने प्राधिकारों और नगर निकायों को ऐसी जगहों पर पानी का छिड़काव करने को कहा है जहां पर पीएम 10 की मात्रा प्रति घन मीटर 600 माइक्रोग्राम से अधिक पाई गई है.
नगर निकायों से टीम का गठन कर सुनिश्चित करने को कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में अपशिष्टों को नहीं जलाया जाए.
टीम को उन जगहों का निरीक्षण करने को कहा गया जहां पर निर्माण सामग्री को खुले में बिना ढके हुए रखा गया हो. इसके साथ ही पर्यावरण मुआवजे सहित पर्याप्त कदम उठाने को कहा गया.
पीठ ने कहा कि वह निर्माण और औद्योगिक गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश को वापस लेने के लिए अगली तारीख 14 नवंबर को विचार करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)