झारखंड के रांची ज़िले का मामला. मृतक की पहचान ज़िले के चान्हो प्रखंड के पंडरी गांव के 22 वर्षीय पेंटर वाजिद अंसारी के रूप में हुई है. पुलिस ने इस संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है.
नई दिल्ली: झारखंड के रांची जिले में चोरी के शक में एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट पीटकर हत्या करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मृतक के परिजनों ने उसके ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है.
पुलिस ने कहा कि जिले के चान्हो प्रखंड के पंडरी गांव के 22 वर्षीय पेंटर वाजिद अंसारी की शुक्रवार (7 अप्रैल) को पास के महुआटोली गांव स्थित जीवन उरांव के घर में घुसने के बाद पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में जीवन उरांव, उनका बेटा गोवर्धन उरांव और उनके पड़ोसी नंदू उरांव हैं. पुलिस ने कहा कि वे यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या अन्य संदिग्ध भी हैं.
रांची के एसएसपी कौशल किशोर ने बताया, ‘(घर में घुसने पर) कुछ आवाज हुई और उन्हें (अंसारी) मकान मालिकों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी गई, जिसके बाद पुलिस पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. कोई स्पष्ट चोट नहीं थी. हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘वाजिद अंसारी शुक्रवार तड़के करीब 4:30 बजे जीवन और गोवर्धन के घर के अंदर गए थे. उनके साथ और भी लोग थे. अभी तक यह चोरी के प्रयास का मामला लगता है, जहां केवल अंसारी को निवासियों द्वारा पकड़ा गया और फिर पीटा गया.’
अंसारी के पिता हफीजुल रहमान अंसारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि उन्हें घटना के बारे में एक सब्जी विक्रेता के जरिये पता चला.
उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया कि सुबह लगभग 6 बजे करीब 25 लोगों ने मेरे बेटे को बांध दिया था और उसे पीट रहे थे. मैं उस स्थान पर गया और मैंने पुलिस, वहां जमा भीड़ और मेरे बेहोश पड़े बेटे को देखा. भीड़ गुस्से में थी. उसे (वाजिद अंसारी) पुलिस वाहन के अंदर डाल दिया गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.’
वाजिद के खिलाफ चोरी के आरोपों से इनकार करते हुए परिवार ने कहा कि उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं था और इसके बजाय वह राष्ट्रीय मानवाधिकार और अपराध नियंत्रण ब्यूरो (एनएचआरसीसीबी) से जुड़े थे, जो नई दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी मानवाधिकार समूह होने का दावा करता है.
एनएचआरसीसीबी के राज्य सचिव रमीज राजा ने कहा कि वाजिद अंसारी को एक स्वयंसेवक के रूप में पंजीकृत किया गया था और ‘उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी’.
पिता हफीजुल रहमान ने कहा, ‘स्थानीय लोग कह रहे थे कि उसे चोरी के संदेह में पकड़ा गया था, लेकिन उन्हें उसके पास कुछ नहीं मिला. उसकी जेब में गांजे का केवल एक छोटा सा पैकेट था. यह उसे किसने दिया और क्या इरादा था?’
वाजिद की मां मेरातुन खातून ने सवाल किया कि उनके बेटे को क्यों मारा गया?
उन्होंने कहा, ‘अगर उसने कोई नुकसान पहुंचाया है या कुछ चुराया है, तो उन्हें मेरे बेटे को मारने का अधिकार किसने दिया? उन्हें उसे पुलिस को सौंप देना चाहिए था, तब मेरा बेटा जिंदा होता. वे हमसे पैसे ले सकते थे, तब वह जीवित होता. मुझे मेरा बेटा वापस चाहिए, जो मुझे मेरा बेटा अब कौन देगा?’
इस बीच, हफीजुल रहमान ने कहा कि उन्हें किसी भी एफआईआर की प्रति नहीं दी गई, ‘अगर यह दर्ज की गई है’.
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने मुझे शनिवार को बुलाया और मुझे लगा कि वे मुझसे लिखित शिकायत लेंगे. अब उन्होंने मुझे सोमवार को आने को कहा है. मुझे कोई एफआईआर नहीं सौंपी गई है.’