असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर को तांत्रिक साधनाओं का केंद्र माना जाता है. यह पूरे भारत में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है. गुवाहाटी पुलिस के मुताबिक, 64 वर्षीय महिला की हत्या जून 2019 में वार्षिक उत्सव अंबुबाची के दौरान हुई थी.
गुवाहाटी: असम पुलिस ने लगभग चार साल पुराने मानव बलि मामले का पर्दाफाश कर दिया है. गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कामाख्या मंदिर के पास किए गए इस ‘अनुष्ठान’ में कथित संलिप्तता को लेकर 4 अप्रैल को 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कामाख्या मंदिर को तांत्रिक साधना का केंद्र माना जाता है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. यह पूरे भारत में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है. 10 दिवसीय शरदकालीन दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान भक्तों द्वारा पशु बलि देना नियमित है. त्योहार के आठवें और नौवें दिन भैंसों, बकरों और कबूतरों का वध किया जाता है.
मुख्य मंदिर शक्ति की 10 महाविद्याओं को समर्पित अलग-अलग मंदिरों से घिरा हुआ है.
जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनकी पहली बार प्रेस के सामने गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर दिगंता बोरा ने पहचान कराई.
इनमें मध्य प्रदेश के जबलपुर से गिरफ्तार माता प्रसाद पांडे, गुवाहाटी के जालुकबारी से गिरफ्तार सुरेश पासवान, गुवाहाटी से कनु आचार्य उर्फ कनु तांत्रिक, उत्तर प्रदेश के वाराणसी से राजू बाबा और उत्तर प्रदेश के मथुरा से प्रदीप पाठक शामिल हैं.
The sensational “Human Sacrifice” case of Kamakhya in the year 2019 is being solved. @GuwahatiPol has arrested 5 persons all are ‘Baba’s and a mastermind Pradip Pathak who is an employee of #MadhyaPradesh. The victim was from West Bengal pic.twitter.com/paJRUeENf5
— Julee Bezbaruah.Guwahati (@JuleeBezbaruah) April 4, 2023
राज्य पुलिस द्वारा मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम गठित करने के बाद लगभग चार साल बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के अनुसार, 64 वर्षीय महिला की हत्या जून 2019 में अंबुबाची के दौरान हुई थी. अंबुबाची एक वार्षिक उत्सव है, जिसमें देवी के मासिक धर्म का जश्न मनाया जाता है.
पूरे भारत और यहां तक कि विदेशों से भी लाखों भक्त तांत्रिक स्थल पर अनुष्ठान करने के लिए आते हैं, जब 10 मंदिरों के कपाट पांच दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं.
पुलिस कमिश्नर बोरा ने मंगलवार (4 अप्रैल) को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदीप कथित मानव बलि का मास्टरमाइंड था और अपनी मान्यताओं को लेकर पूरी तरह से अंधविश्वासी था.
कमिश्नर ने बताया, ‘हमने एक विशेष टीम बनाई और अनसुलझी हत्या पर ध्यान केंद्रित किया. एक सिर कटा हुआ शव मिला था, जिसकी पहचान महिला के बेटे ने उसके शरीर पर बने एक टैटू से की थी.’
पुलिस को पता चला कि माता प्रसाद पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के सीतलकुची नामक गांव में एक अन्य व्यक्ति के घर में रह रहा था. विशेष टीम ने मालिक के घर पर छापा मारा, जहां पांडे अक्सर रहता था.
कमिश्नर ने बताया, ‘हमें पता चला कि वह जबलपुर में है, उसे ट्रैक किया और 25 मार्च को मध्य प्रदेश पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया.’
उन्होंने यह भी बताया, ‘विशेष टीम पांडे को गुवाहाटी ले गई, जहां उससे पूछताछ की गई और उसने अन्य आरोपियों के नामों का खुलासा किया.’
अन्य अभियुक्तों में से एक प्रदीप पाठक, एक सरकारी कर्मचारी था और उत्तर प्रदेश में एक सहकारी समिति के लिए एग्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रहा था.
पुलिस ने जब सीतलकुची गांव में घर पर छापा मारा तो उन्हें एक बोरी मिली, जिसमें पीड़िता के कपड़े, आधार कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य सामान था.
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, पांडे ने मालिक से कहा था कि बोरी में उसके कपड़े हैं और जब वह वापस आएगा तो वह उन्हें उठा लेगा.
उन्होंने आगे कहा, ‘साजिश गुवाहाटी के भूतनाथ श्मशान घाट में रची गई थी. प्रदीप जादू टोने में विश्वास करता था. 2019 के अंबुबाची के दौरान उसकी मुलाकात उत्तर भारत के एक बाबा से हुई. अन्य आरोपी गुवाहाटी के भूतनाथ श्मशान घाट में मिला और एक छुरा खरीदा.’
उन्होंने बताया कि पीड़िता के साथ दो अन्य महिलाएं और बंगाल का एक बाबा भूतनाथ में तांत्रिक तांत्रिक अनुष्ठान के लिए गए थे.
उन्होंने कहा, ‘हम यह भी जानते हैं कि 12 अन्य लोग भी थे, जो भूतनाथ मैदान में मौजूद थे. प्रदीप ने ही मानव बलि की साजिश रची थी. वे पीड़िता को भूतनाथ से कामाख्या के जय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर ले गए और अपराध को अंजाम दिया. इसकी जांच कर रहे हैं कि किसने उन्हें नीचे झुकाया, किसने उनके हाथ-पैर पकड़े और किसने चाकू से उनका सिर काटा.’
आरोपियों पर संभवत: अंधविश्वास विरोधी असम डायन प्रताड़ना (प्रतिबंध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
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