पुलिस ने बताया कि जमशेदपुर के कदमा इलाके में शनिवार रात को तनाव व्याप्त हो गया था, जब एक स्थानीय संगठन के सदस्यों ने रामनवमी के झंडे में मांस का एक टुकड़ा लिपटा हुआ पाया. इसके बाद रविवार शाम को स्थिति हिंसक हो गई.
नई दिल्ली: झारखंड में जमशेदपुर के कदमा इलाके में रविवार शाम कथित रूप से रामनवमी के झंडे के अपमान को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद पूर्वी सिंहभूम पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में एफआईआर दर्ज की.
पुलिस ने कहा कि हिंसा के दौरान ईंटें फेंकी गईं और भीड़ ने अस्थायी दुकानों और कुछ वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद उन्होंने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि इलाके में शनिवार (8 अप्रैल) रात से ही तनाव व्याप्त हो गया था, जब एक स्थानीय संगठन के सदस्यों ने रामनवमी के झंडे में मांस का एक टुकड़ा लपेटा हुआ पाया. कई हिंदू संगठनों ने विरोध किया और पुलिस से 24 घंटे के भीतर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की.
कदमा थाना प्रभारी गौरव कुमार ने कहा, ‘हमने एफआईआर दर्ज की है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. हम जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लेंगे.’
हालांकि अधिकारियों ने रविवार शाम इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी और पूरे शहर में इंटरनेट बंद कर दिया, स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सक्रिय रूप से कार्रवाई नहीं की, जबकि माहौल गर्म था.
नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय निवासी ने रामनवमी के जुलूस के दौरान एक सप्ताह पहले सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए इस मुद्दे को हल करने के लिए पुलिस की कमी और प्रशासन की सक्रियता को दोष दिया.
उन्होंने कहा, ‘शास्त्रीनगर में शनिवार को रामनवमी के झंडे का अपमान किया गया. हिंदू समुदाय ने यह कहते हुए विरोध किया था कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन होगा.’
उन्होंने कहा, ‘फिर शांति समिति की बैठक बुलाई गई, जिसमें दोनों समुदाय शामिल थे, जिसमें निचले रैंक के पुलिसकर्मियों ने भाग लिया, हालांकि, मामले को सुलझाया नहीं जा सका. रविवार शाम को भी कुछ स्थानीय लोगों ने संभावित हिंसा के बारे में पुलिस को अवगत कराना चाहा, लेकिन अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका.’
रविवार शाम को स्थिति उस समय हिंसक हो गई, जब एक दुकान में आग लगा दी गई और दोनों ओर से ईंट-पत्थरबाजी शुरू हो गई. भीड़ ने एक ऑटोरिक्शा में भी आग लगा दी, जिससे पुलिस को कदमा इलाके में आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जहां झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी रहते हैं.
जबकि एसएसपी पूर्वी सिंहभूम ने कहा कि सब कुछ ‘नियंत्रण में’ है, झारखंड के डीजीपी अजय सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘अगर पुलिस की ओर से भी कोई लापरवाही हुई है, तो मामले की जांच की जाएगी.’
पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने उनकी साजिश को विफल करने के लिए नागरिकों से सहयोग मांगा.
जाधव ने एक बयान में कहा, ‘हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल, एक त्वरित प्रतिक्रिया दल, एक मजिस्ट्रेट, रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मचारियों और अन्य दंगा-रोधी संसाधनों को तैनात किया गया है.’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एसपी सिटी, जमशेदपुर के. विजय शंकर ने कहा, ‘मामले में दोनों समुदायों के कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में एक अभय सिंह नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके समर्थकों ने थाने आकर अभद्रता की. इनके खिलाफ होगी कार्रवाई.’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका ब्लॉक के हल्दीपोखर में 31 मार्च की शाम को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुए पथराव के मामले में चार एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस के कहने पर संबंधित समुदायों की शिकायतों पर एक-एक एफआईआर और दर्ज की गई है.