कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चूंकि पेगासस बदनाम हो गया है, इसलिए ‘मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलांस’ वाली सरकार बाज़ार में एक नए स्पायवेयर की तलाश कर रही है. ‘कॉग्नीटे’ स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, मीडिया, कार्यकर्ताओं और एनजीओ की जासूसी करने के लिए किया जाएगा.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीते सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार 986 करोड़ रुपये की लागत से पेगासस जैसा जासूसी सॉफ्टवेयर ‘कॉग्नीटे’ (Cognyte) खरीदने की कोशिश कर रही है. पार्टी का आरोप है कि इसका इस्तेमाल राजनेताओं, मीडिया, कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों की जासूसी करने के लिए किया जाएगा.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘चूंकि पेगासस बदनाम हो गया है, इसलिए ‘मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलांस’ वाली सरकार बाजार में एक नए स्पायवेयर की तलाश कर रही है. कॉग्नीटे स्पायवेयर को खरीदने में हमारा-आपका 986 करोड़ रुपये खर्च होगा.’
पेगासस जब बदनाम हो गया तो 'मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलेंस' वाली सरकार नया स्पाईवेयर मार्केट में ढूंढ रही है।
ये नया स्पाईवेयर पेगासस का विकल्प है।
Cognyte स्पाईवेयर को खरीदने में हमारा-आपका 986 करोड़ रुपये खर्च होगा।
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— Congress (@INCIndia) April 10, 2023
कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज पर खेड़ा के हवाले से कहा, ‘इस देश के जो ‘2 जासूस’ हैं, उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है. इसलिए ये हमारे और आप जैसे करदाताओं का करोड़ों रुपये जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में लगा रहे हैं. ये ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि शहंशाह को डर है कि कहीं उसका झूठ का खोखला महल हमारे एक सच से गिर न जाए.’
इस देश के जो '2 जासूस' हैं, उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है।
इसलिए ये हमारे और आप जैसे करदाताओं का करोड़ों रूपया जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में लगा रहे हैं।
ये ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शहंशाह को डर है कि कहीं उसका झूठ का खोखला महल हमारे एक सच से गिर न जाए।
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एक अन्य ट्वीट में सरकार से कुछ सवाल पूछे गए हैं, ‘1. क्या कॉग्नीटे से कुछ संचार उपकरण खरीदे गए हैं? अगर हां, तो किस मंत्रालय ने खरीदे, कितना खर्च हुआ? 2. क्या एक नए स्पायवेयर को अंतिम रूप देने का विचार है? 3. क्या किसी मंत्रालय ने रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जारी किया? यदि हां तो वह कौन सा मंत्रालय है?’
हमारे सवाल:
1. क्या Cognyte से कुछ संचार उपकरण खरीदे गए हैं? अगर हां, तो किस मंत्रालय ने खरीदे, कितना खर्च हुआ?
2. क्या एक नए Spyware को अंतिम रूप देने का विचार है?
3. क्या किसी मंत्रालय ने रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जारी किया? यदि हां तो वह कौन सा मंत्रालय है?
: @Pawankhera जी pic.twitter.com/Lrg5lz6mag
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘मैं समझता हूं कि सत्तारूढ़ दल विपक्ष से नफरत करता है, लेकिन उन्होंने अपने मंत्रियों पर जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष, पत्रकारों, न्यायपालिका, नागरिकों और यहां तक कि अपने मंत्रियों की जासूसी करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करती है.
खेड़ा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कितने लोग कॉग्नीटे के बारे में नहीं जानते थे, लेकिन यह पेगासस के समान काम करता था और मीडिया के बीच कम चर्चा में था.
उनके अनुसार, एक अमेरिकी कानूनी फर्म ने कहा था कि कॉग्नीटे ‘पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और उनके परिवारों को नियमित रूप से निशाना बनाता है और उनके बारे में जानकारी प्रस्तुत करने के लिए अनैतिक तरीकों का उपयोग करता है.’
उन्होंने कहा, ‘नॉर्वे सॉवरिन वेल्थ फंड ने अनियमितताओं के कारण कॉग्नीटे के शेयरों को डंप कर दिया था.’
कॉग्नीटे के वेबपेज में कहा गया है कि ‘खोजी विश्लेषण सॉफ्टवेयर क्षेत्र में इजरायली सॉफ्टवेयर शीर्ष पर है, जो सरकारों और उद्यमों को एक सुरक्षित दुनिया के लिए एक्शनेबल इंटेलिजेंस के साथ सशक्त बनाता है’.