अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और ग़ुलाम, उमेश पाल की हत्या मामले में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को इलाहाबाद में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे.
नई दिल्ली: गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे समेत दो लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को झांसी में हुए एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया.
अतीक के बेटे असद अहमद और गुलाम, उमेश पाल की हत्या में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को उनके इलाहाबाद स्थित घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे. अतीक अहमद विधायक की हत्या का आरोपी है.
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) की एक टीम पर गोलियां चलाने के बाद असद और गुलाम की एनकाउंटर में मार गिराए गए. पुलिस ने कहा है कि उनके पास से अत्याधुनिक हथियार, नए सेलफोन और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.
उमेश पाल पर दिनदहाड़े हुए हमले के चौंकाने वाले दृश्य, जिसमें उनकी सुरक्षा में लगे दो सुरक्षाकर्मियों की भी जान चली गई थी, ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे.
पुलिस एनकाउंटर में अतीक के बेटे के मारे जाने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘मैं इस कार्रवाई के लिए यूपी एसटीएफ को बधाई देता हूं. उनके द्वारा फायरिंग किए जाने पर पुलिस ने जवाबी फायरिंग की. यह अपराधियों के लिए संदेश है कि यह नया भारत है. यूपी में योगी सरकार है, सत्ता में समाजवादी पार्टी नहीं है, जिसने अपराधियों को संरक्षण दिया.’
I congratulate UP STF for this action. Police fired in retaliation after they were fired upon by them. It is a message to criminals that this is the new India. It is Yogi govt in UP, not Samajwadi Party in power which gave protection to criminals: UP Deputy CM Keshav Prasad… pic.twitter.com/nBnjP1WmQj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 13, 2023
एनकाउंटर में असद की मौत ऐसे दिन हुई है, जब अतीक अहमद और उसके भाई को उमेश पाल हत्या मामले में इलाहाबाद के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अतीक को अदालत में पेशी के लिए अहमदाबाद की साबरमती जेल से सड़क मार्ग से इलाहाबाद लाया गया था. उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली जेल से लाया गया था.
#WATCH | Mafia-turned-politician Atiq Ahmed at CJM court Prayagraj in the Umesh Pal murder case
His son Asad, who was wanted in the same case, has been killed in an encounter by UP police in Jhansi today pic.twitter.com/UcRVtCKVnJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 13, 2023
मालूम हो कि उमेश पाल की हत्या के अगले दिन पुलिस ने इस संबंध में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
बीते 28 मार्च को गुजरात की साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद लाए जाने के बाद एक एमपी/एमएलए अदालत ने अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण मामले में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
एक पूर्व सांसद और विधायक अतीक अहमद हत्या और अपहरण सहित कम से कम 100 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है. 27 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 24 घंटे की सड़क यात्रा के बाद उसे गुजरात जेल से इलाहाबाद लाकर अदालत में पेश किया गया था.
अपहरण का मामला 2006 का है, जब अतीक अहमद और उसके सहयोगियों पर उमेश पाल के अपहरण और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था, जो राजू पाल हत्या के मामले में प्रमुख गवाह थे, जिसमें अतीक कथित रूप से शामिल था.
यूपी पुलिस ने दावा किया था कि अतीक अहमद ने उमेश पाल की हत्या करवा दी, क्योंकि उमेश ने उसे 2005 के राजू पाल हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया था.
इलाहाबाद शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल और उनके पुलिस गार्ड की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे. उमेश ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में इस हत्याकांड की पैरवी की थी.
साल 2006 में उमेश पाल की पत्नी जया ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उमेश का अपहरण कर उन्हें अदालत में अपने पक्ष में बयान देने के लिए मजबूर किया था. उमेश ने अपहरण के संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. अपहरण मामले में मुकदमा इलाहाबाद की एक स्थानीय अदालत में चल रहा है.
बसपा विधायक रहे राजू पाल की पत्नी पूजा पाल कौशांबी जिले की चायल सीट से सपा की विधायक हैं. राजू पाल की हत्या के पीछे मुख्य मकसद विधानसभा उपचुनाव बताया जाता है, जिसमें उन्होंने इलाहाबाद (पश्चिम) सीट से अतीक के छोटे भाई अशरफ को हरा दिया था. 2004 के चुनावों में अतीक के इलाहाबाद से लोकसभा सीट जीतने के बाद यह खाली हो गई थी.
राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और अशरफ समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना राजू पाल की पूजा से शादी के नौ दिन बाद हुई थी.
बीते मार्च महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान अपनी जान को खतरा होने और सुरक्षा की मांग की गई थी. अदालत ने कहा था कि राज्य मशीनरी उसकी देखभाल करेगी और वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है.