भिवानी हत्याकांड: राजस्थान पुलिस ने हरियाणा के दो ‘गोरक्षकों’ को गिरफ़्तार किया

राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी जिले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था. मामले में बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी आरोपी हैं.

हरियाणा के भिवानी जिले में जली बोलेरो कार, जिसके अंदर जुनैद और नासिर के जले हुए शव बरामद हुए थे. (फोटो साभार: एएनआई)

राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी जिले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था. मामले में बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी आरोपी हैं.

हरियाणा के भिवानी जिले में जली बोलेरो कार, जिसके अंदर जुनैद और नासिर के जले हुए शव बरामद हुए थे. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: राजस्थान पुलिस ने भरतपुर के दो मुस्लिम युवकों – जुनैद और नासिर – के कथित अपहरण और हत्या के मामले में वांछित आठ संदिग्ध गोरक्षकों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि दो आरोपियों – नरेंद्र कुमार उर्फ मोनू राणा और मोनू उर्फ गोगी – को गुरुवार (13 अप्रैल) रात देहरादून के एक सुनसान पहाड़ी इलाके से हिरासत में लिया गया.

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों ने पुष्टि की है कि पहले जुनैद की मौत फिरोजपुर झिरका में हुई थी और उन्होंने भिवानी में नासिर पर हमला किया और उनका गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद वाहन में ही शवों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

मालूम हो कि जुनैद और नासिर बीते 15 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर से लापता हो गए थे और उनके जले हुए शव एक दिन बाद हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे.

श्रीवास्तव ने कहा कि जांच के दौरान उन्होंने ‘हरियाणा गोरक्षा दल’ के पदाधिकारियों और अन्य लोगों की संलिप्तता का पता चला है.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया है, लेकिन अभी तक उनसे पूछताछ नहीं की है. तो यह अच्छा है कि हमने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जो शुरू से अंत तक घटना में शामिल थे. मुझे विश्वास है कि जो जानकारी अप्रत्यक्ष रूप से प्रकट थी, वह अब प्रत्यक्ष रूप से प्रकट होगी.’

उनके अनुसार, दोनों आरोपियों ने कहा है कि जुनैद और नासिर को गो-तस्करी के संदेह में अगवा किया गया था और अधिक जानकारी का पता लगाने के लिए उन पर हमला किया गया था. हालांकि, जब आरोपी मारपीट के बावजूद दोनों से कोई जानकारी प्राप्त नहीं कर सके, तो वे उन्हें हरियाणा के एक स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर दोनों की स्थिति को देखते हुए कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.

इस वारदात में बजरंग दल के सदस्य और गुड़गांव में हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर के शामिल होने के सवाल पर आईजी ने कहा कि वह अ​भी भी एक संदिग्ध है, लेकिन हम आगे की पूछताछ के बाद ही उनकी भूमिका के बारे में अधिक कह सकते हैं.

गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे अभियान पर आईजी ने कहा, ‘हमारी पांच टीमें हरियाणा में छापेमारी कर रही थीं. पुलिस ने उनके घर, उनके रिश्तेदारों, दोस्तों, जिन संगठनों से वे जुड़े थे, उनके यहां तलाशी अभियान चलाया और छापेमारी की. उनका कहीं पता नहीं चला. उन्होंने अपने किसी भी रिश्तेदार से सीधे या टेलीफोन के जरिये संपर्क नहीं किया.

उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में सभी खुफिया इकाइयों को उनका पता लगाने के लिए सक्रिय किया गया है. हमने कम से कम पांच अलग-अलग राज्यों में उनके मूवमेंट को पकड़ा है और हमने छोटे से छोटे सुराग को भी विकसित किया है. हमारी पुलिस टीमें दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा गईं, पुलिस की टीमें कई बार उत्तराखंड भी गईं.’

इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

मालूम हो कि राजस्थान भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के रहने वाले दो निवासी जुनैद और नासिर 14 फरवरी की सुबह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए बोलेरो कार से घर से निकले थे और कभी नहीं लौटे.

उनके परिवारों ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के सदस्यों ने जुनैद और नासिर की हत्या कर दी. उनके जले हुए शव एक दिन बाद 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे.

परिवार के सदस्यों ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि घटना में बजरंग दल के सदस्य शामिल हैं. राजस्थान पुलिस ने बाद में आठ व्यक्तियों की पहचान की जिनकी अपराध में भूमिका अब तक की जांच में साबित हुई है.

मोनू और गोगी को आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 365 (अपहरण), 367 (गंभीर चोट पहुंचाने के लिए अपहरण), 368 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 201 (सबूतों को मिटाना), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 143 (गैरकानूनी जमावड़ा) के तहत गिरफ्तार किया गया है.

रिंकू सैनी इस मामले में 17 फरवरी को गिरफ्तार होने वाले पहले आरोपी थे. न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले उनसे पुलिस हिरासत में 13 दिनों तक पूछताछ की गई थी.