कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले टिकट न मिलने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने पार्टी से इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे और मतगणना 13 मई को होगी.
नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की है. 67 वर्षीय शेट्टार ने शनिवार देर रात हुबली में कहा कि वह राज्य विधानसभा से भी इस्तीफा दे देंगे.
हालांकि, राज्य में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान विपक्ष के नेता रहे शेट्टार ने कहा कि वह निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नाराज दिख रहे शेट्टार ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने विधानसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है.’
उन्होंने कहा कि उन्होंने सिरसी में मौजूद विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से मिलने का समय मांगा है और अपना इस्तीफा दे दिया है.
उन्होंने कहा, ‘भारी मन से मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं वह हूं जिसने इस पार्टी को बनाया और खड़ा किया है. उन्होंने (पार्टी के कुछ नेताओं ने) मेरे लिए पार्टी से इस्तीफा देने की स्थिति पैदा कर दी.’
भाजपा में उनके योगदान और राज्य में विधानसभा अध्यक्ष सहित प्रमुख पदों पर अपने योगदान को याद करते हुए शेट्टार ने कहा, ‘वे (पार्टी नेता) जगदीश शेट्टार को अभी तक नहीं समझ पाए हैं, जिस तरह से उन्होंने मुझे अपमानित किया. जिस तरह से उन्होंने मुझे नजरअंदाज किया, उससे मैं परेशान हूं, जिससे मुझे लगा कि मुझे चुप नहीं बैठना चाहिए और मुझे उन्हें चुनौती देनी चाहिए. इसी को देखते हुए मैं कहता रहा हूं कि मैं यह चुनाव लड़ूंगा.’
लिंगायत नेता शेट्टार ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक व्यवस्थित साजिश थी और कहा कि वह कभी भी एक कठोर व्यक्ति नहीं थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें ऐसा बनने के लिए मजबूर किया.
छह बार के विधायक रहे जगदीश शेट्टार ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद जोशी और धर्मेंद्र प्रधान के साथ अपनी बैठक विफल होने के तुरंत बाद यह घोषणा की.
हुबली-धारवाड़ केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें मैदान में नहीं उतारने के भाजपा के फैसले के खिलाफ बगावत करने के बाद तीनों शनिवार रात उनके घर पहुंचे थे.
शेट्टार के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने उन्हें युवाओं के लिए रास्ता बनाने के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.
इससे पहले शनिवार दिन में शेट्टार ने कहा था कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया जाता है तो इसका असर राज्य के अलावा उत्तर कर्नाटक की 20 से 25 विधानसभा सीटों पर पड़ेगा.
भाजपा के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
सावदी बेलगाम जिले के अथानी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, हालांकि भाजपा द्वारा यहां से महेश कुमथल्ली को मैदान में उतारने से वह परेशान थे. सावदी पहले कांग्रेस में थे, लेकिन 2019 में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और जद (एस) की गठबंधन सरकार को गिराने के लिए वह भाजपा के पक्ष में 17 अन्य लोगों के साथ दलबदल कर गए थे.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे और मतगणना 13 मई को होगी. कर्नाटक विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल इस साल 24 मई को समाप्त होगा.
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. पार्टी ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 104 सीटें हासिल की थीं, वहीं कांग्रेस को 80 सीटें, जबकि जद (एस) को 37 सीटें मिली थीं.