उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में शनिवार देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस घटना पर विपक्ष के नेताओं ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में शनिवार देर रात जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कैमरे के सामने पुलिस के सुरक्षा घेरे में हुई हत्याओं ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल और एआईएमआईएम सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
घटना की निंदा करते हुए विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को भी बर्खास्त करने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ‘जान-बूझकर’ ‘भय का माहौल’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है. अखिलेश ने बीते बृहस्पतिवार को यूपी पुलिस के एनकाउंटर में अतीक के बेटे असद की मौत पर भी सवाल उठाया था.
सपा प्रमुख अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जान-बूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.’
उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 15, 2023
राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘क्या लोकतंत्र में यह संभव है?’ उन्होंने ट्वीट में हैशटैग ‘जंगल राज’ भी लिखा. उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद का गठबंधन है.
द क्विंट से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘सरकार या प्रशासन में कोई होना चाहिए जो इसमें शामिल हो, अन्यथा यह हत्या संभव नहीं होती.’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा में अपने भाषण, भाषा और अपने अभियान के माध्यम से ‘एनकाउंटर को प्रोत्साहित कर रहे हैं.’
उनके अनुसार, इस घटना की व्यापक जांच की जरूरत है और यह भी कि ‘यह राज्यपाल के लिए उचित है कि वह हस्तक्षेप करें, क्योंकि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए यह घटना पर्याप्त आधार है.’
मालूम हो कि बीते फरवरी महीने में इलाहाबाद में बसपा विधायक राजू पाल हत्या मामले के गवाह रहे उमेश पाल की सरेआम हत्या को लेकर विधानसभा में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. इस दौरान योगी ने माफियाओं को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी.
अतीक अहमद विधायक राजू पाल की हत्या का आरोपी था. उमेश पाल की हत्या मामले में भी अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
अतीक की हत्या पर लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘एनकाउंटर राज का जश्न मना रहे लोग भी इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं.’
उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट किया, ‘अतीक और उसका भाई पुलिस हिरासत में थे. उन्हें हथकड़ी लगाई गई थी. जय श्री राम के नारे भी लगाए गए. उनकी हत्याएं यूपी की कानून व्यवस्था की विफलता का परिणाम हैं.’
https://twitter.com/ANI/status/1647431159582986240
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की भी मांग की. ओवैसी ने कहा, ‘हम यह भी मांग करते हैं कि वहां मौजूद सभी पुलिस अधिकारियों को सेवा से हटा दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को मामले की जांच करनी चाहिए.’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे ने रविवार को सिलसिलेवार ढंग से किए गए ट्वीट में कहा, देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आजादी के लिए लड़े थे. हमारा इसी संविधान और कानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है. अपराधी की सजा पर फैसले का अधिकार न्यायपालिका का है.’
देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आज़ादी के लिए लड़े थे। हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है।
अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है।
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 16, 2023
उन्होंने कहा, ‘ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है. गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाजी करता है, अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है. किसी भी मुजरिम को सख्त से सख्त सजा मिले, इसके लिए अदालतें हैं. कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है.’
समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाज़ी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है।
किसी भी मुजरिम को सख़्त से सख़्त सजा मिले,इसके लिए अदालतें हैं।
क़ानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है।
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 16, 2023
एक ट्वीट में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हमारे देश का कानून संविधान में लिखा गया है, यह कानून सर्वोपरि है. अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के कानून के तहत होनी चाहिए. किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.’
हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए।
किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 16, 2023
कांग्रेस महासचिव प्रभारी (संचार) जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘एचएम का मतलब गृह मंत्री नहीं बल्कि वास्तव में हेडलाइन मैनिपुलेटर हो गया है.’
HM does not stand for Home Minister but really for Headline Manipulator.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 15, 2023
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 2019 के हमले के आसपास की परिस्थितियों पर लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किए थे.
सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘यह एनकाउंटर राज और बुलडोजर राज की सरकार बन गई है और ऐसी घटना मीडिया और पुलिस के सामने वास्तव में घटित होना तब तक संभव नहीं है जब तक कि जब तक कि इसमें शामिल तत्वों को संरक्षण प्राप्त न हो.’
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘उमेश पाल जघन्य हत्याकांड की तरह ही गुजरात जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हत्या हुई. यह घटना यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है.’
2. देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में ’’कानून द्वारा कानून के राज’’ के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।
— Mayawati (@Mayawati) April 16, 2023
उन्होंने कहा, ‘देशभर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिंतनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर. वैसे भी उत्तर प्रदेश में ‘कानून द्वारा कानून के राज’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित है, सोचने की बात है.’
बसपा के लोकसभा सांसद दानिश अली ने ट्वीट किया कि दोनों की ‘नृशंस हत्या’ ‘यूपी में अराजकता की पराकाष्ठा’ है. उन्होंने कहा, ‘यह घटना ऊपर मिले आदेश के बिना नहीं हो सकती. किसी भी अन्य लोकतंत्र में कानून के शासन के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘संवैधानिक न्याय व्यवस्था की मीडिया के सामने धज्जियां उड़ी और लोग तमाशा देख रहे हैं. यह अविश्वसनीय घटना एक बड़ी साजिश के तहत हुई है. किसी भी अन्य लोकतंत्र में कानून के शासन के खिलाफ ऐसा जघन्य अपराध होने पर राज्य सरकार बर्खास्त होती, लेकिन आज के ‘नए भारत’ में यह मुमकिन नहीं है.’
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर में बेटे की मौत के दूसरे दिन ही जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) रात गोली मारकर हत्या कर दी गई.
बताया जा रहा है कि इलाहाबाद में मेडिकल जांच के बाद अस्पताल परिसर में दोनों भाई पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब दे रहे थे, जब यह वारदात हुई.
घटना से संबंधित तमाम वीडियो ट्विटर पर सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस के सुरक्षा घेरे में मौजूद अतीक और असद को कुछ लोग गोली मार देते हैं.
बीते 13 अप्रैल को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत दो लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने झांसी में हुए एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था.
अतीक के बेटे असद अहमद और गुलाम, उमेश पाल की हत्या में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को उनके इलाहाबाद स्थित घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे. अतीक अहमद विधायक की हत्या का आरोपी है.
उमेश पाल की हत्या के संबंध में भी अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.