इलाहाबाद पुलिस ने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के आरोपी तीनों हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी (23 वर्ष), सनी सिंह (23 वर्ष) और अरुण मौर्य (18 वर्ष) के रूप में की है. पुलिस ने कहा कि वे क्रमश: बांदा, कासगंज और हमीरपुर के रहने वाले हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की इलाहाबाद में पुलिस की मौजूदगी में हुई सनसनीखेज हत्या की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है. इस बीच, आरोपियों को इलाहाबाद कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
60 वर्षीय अतीक और उनके भाई को पत्रकार के वेश में आए तीन लोगों ने शनिवार की रात मीडिया से बातचीत के दौरान गोली मार दी थी. यह घटना तब हुई जब पुलिसकर्मी उसे इलाहाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए ले जा रहे थे.
मिंट के मुताबिक, कानून व्यवस्था के विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है.’ साथ ही कहा कि तीन हमलावरों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की विस्तृत जांच जारी है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और इलाहाबाद की घटना के बाद जांच के आदेश दिए.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति को दो महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे और इसमें रिटायर आईपीएस अधिकारी सुवेश कुमार सिंह एवं रिटायर जिला जज बृजेश कुमार सोनी शामिल होंगे.
इस बीच, घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को सभी जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इलाहाबाद पुलिस ने तीनों हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह के रूप में की है. पुलिस ने कहा कि वे क्रमशः बांदा, कासगंज और हमीरपुर के रहने वाले हैं.
सूत्रों ने कहा कि पुलिस पकड़े गए तीन लोगों के बारे में और जानकारी जुटा रही है. सूत्रों के मुताबिक सनी सिंह हमीरपुर के कुरारा इलाके का रहने वाला है.
सनी के बड़े भाई पिंटू सिंह ने मीडिया को बताया कि वह 10 साल से घर नहीं आया है. पिंटू ने कहा, ‘आपराधिक मामलों में उसकी संलिप्तता के कारण हमने उससे नाता तोड़ लिया था.’
बांदा के लोमर गांव निवासी लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ कुमार तिवारी प्राइवेट ड्राइवर हैं. मकान मालिक रमेश कुमार ने मीडिया को बताया कि लवलेश पिछले सात साल से बांदा के केवटरा इलाके में किराये पर रह रहा था.
रमेश कुमार ने मीडिया से कहा, ‘गोलीबारी में उसकी संलिप्तता के बारे में जानकर हम हैरान हैं.’ उन्होंने कहा कि लवलेश को कुछ साल पहले एक महिला के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
तीन भाइयों में सबसे छोटे अरुण मौर्य कासगंज के बघेला पक्का गांव के रहने वाले हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि अरुण ने अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद घर छोड़ दिया था. साथ ही कहा कि वह कभी-कभार आता था और नोएडा में रहने का दावा करता था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लवकेश और सनी 23 वर्षीय हैं, जबकि अरुण की उम्र महज 18 साल है.
वहीं, इलाहाबाद पुलिस ने बताया है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद गिरफ्तार किए गए तीन लोगों ने कबूल किया है कि जब से उन्हें पता चला कि उन दोनों को पुलिस हिरासत में भेजा गया है, तब से वे उनका का पीछा कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने पुलिस को यह भी बताया है कि वे प्रसिद्ध होने के लिए अतीक और अशरफ को मारना चाहते थे.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हमें बताया कि वे प्रसिद्ध होने के लिए अतीक और अशरफ को मारना चाहते थे. आरोपियों ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उन्हें भविष्य में फायदा होगा.’
साथ ही, पुलिस ने बताया कि गोलीबारी में तिवारी के दाहिने हाथ में गोली लगी है और उसका इलाहाबाद के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने बताया कि गोली उसके साथियों ने चलाई थी.
शाहगंज थाने में दर्ज मामले में आरोपियों पर हत्या, हत्या के प्रयास व शस्त्र अधिनियम एवं आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. एफआईआर धूमनगंज थाने के थाना प्रभारी (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने दर्ज कराई है.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर में बेटे की मौत के दूसरे दिन ही जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) रात गोली मारकर हत्या कर दी गई.
पुलिस के मुताबिक, शनिवार शाम को अतीक और अशरफ ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद एसएचओ मौर्य के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम उसे मेडिकल जांच के लिए मोती लाल नेहरू जोनल अस्पताल (कोल्विन) ले गई. टीम में सात सब-इंस्पेक्टर और 13 कॉन्स्टेबल शामिल थे.
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ चार दिन की पुलिस हिरासत में थे.
पुलिस ने कहा कि अस्पताल के गेट पर मीडियाकर्मियों को देखकर अतीक और अशरफ धीरे-धीरे चलने लगे. अस्पताल के गेट के पास अतीक और अशरफ मीडिया से बात करने के लिए रुके, तभी हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं.
घटना से संबंधित तमाम वीडियो ट्विटर पर सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस के सुरक्षा घेरे में मौजूद अतीक और अरशद को कुछ लोग गोली मार देते हैं.
बीते 13 अप्रैल को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत दो लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने झांसी में हुए एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था.
अतीक के बेटे असद अहमद और गुलाम, उमेश पाल की हत्या में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को उनके इलाहाबाद स्थित घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे. अतीक अहमद विधायक की हत्या का आरोपी है.
उमेश पाल की हत्या के संबंध में भी अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कैमरे के सामने पुलिस के सुरक्षा घेरे में हुई हत्याओं पर तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
घटना की निंदा करते हुए विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को भी बर्खास्त करने की मांग की है.
इस बीच, न्यूज 18 के मुताबिक सुरक्षा उपाय के रूप में 5 कालिदास मार्ग पर मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें सीएम का आधिकारिक आवास है. इसी इलाके में कई मंत्रियों के घर भी हैं. दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.