बीते 12 अप्रैल को पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में सोते समय सेना के चार जवानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जांच में शामिल अधिकारियों का कहना है कि हत्या के संबंध में गिरफ़्तार गनर मोहन देसाई ने उन्हें बताया कि मारे गए चार सैनिकों द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया जा रहा था.
नई दिल्ली: इस हफ्ते की शुरुआत में पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में चार जवानों की हत्या के मामले में पुलिस ने घटना के चश्मदीद गवाह को गिरफ्तार किया है.
बठिंडा के एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि मामले में गवाह मोहन देसाई ने चारों जवानों की हत्या की थी, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
मृतक जवानों की पहचान सागर बन्ने, योगेश कुमार, संतोष और कमलेश के रूप में हुई थी.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बठिंडा एसएसपी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गनर मोहन देसाई ने राइफल, मैगजीन और एलएमजी की आठ गोलियां चुराई थीं और अपराध में इस्तेमाल किया था. अपराध करने के बाद उन्होंने राइफल और सात गोलियां छावनी के अंदर एक सीवर में फेंक दी थीं.
इससे पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द ट्रिब्यून को बताया था कि आरोपी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था और मृतकों के द्वारा अप्राकृतिक यौनाचार किया गया था, इसलिए बदला लेने के लिए उन्होंने उन्हें मार डाला.
पुलिस ने कहा, ‘मकसद व्यक्तिगत है, जो शारीरिक उत्पीड़न का संकेत देता है.’
जांच में शामिल अधिकारियों का कहना है कि हत्या के संबंध में गिरफ़्तार गनर मोहन देसाई ने उन्हें बताया कि मारे गए चार सैनिकों द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया जा रहा था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के आरोप में गिरफ्तार सेना के गनर ने शुरुआत में झूठा बयान दिया था कि उसने 12 अप्रैल की तड़के हत्या करने के बाद कुर्ता पजामा पहने दो नकाबपोश लोगों को पास के जंगल में भागते हुए देखा था.
सेना ने एक बयान में कहा कि गनर ने ‘निरंतर पूछताछ के बाद’ एक इंसास (INSAS) राइफल चोरी करने और पुलिस के सामने अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में अपनी संलिप्तता कबूल की है.
बयान के अनुसार, गनर ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने 9 अप्रैल को राइफल के साथ एक भरी हुई मैगजीन चुराकर उन्हें छिपा दिया था. 12 अप्रैल 2023 को तड़के लगभग 04:30 बजे, जब वह संतरी ड्यूटी पर थे, उन्होंने चुराया गया राइफल लेकर पहली मंजिल पर चले गए और सोते समय सभी चार जवानों को मार डाला.
साथियों की हत्या करने के बाद हथियार को नाले में फेंक दिया था. सेना ने कहा, ‘वहां से हथियार और अतिरिक्त गोला-बारूद बरामद किया गया है.’
सेना के अनुसार, गनर पुलिस हिरासत में है और ‘अन्य जानकारी का पता लगाया जा रहा है’. सेना इसने दोहराया कि घटना में ‘कोई आतंकी एंगल नहीं है, जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में पहले अनुमान लगाया गया था’.
रिपोर्ट के अनुसार, 12 अप्रैल को चार हत्याओं के सामने आने के बाद सेना ने बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर बड़े पैमाने पर तलाशी शुरू की थी. 12 अप्रैल की शाम को एक अन्य जवान की कथित आत्महत्या के कारण मौत हो गई थी, लेकिन इस मौत में किसी साजिश का संदेह नहीं था.