भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता के बेटे सूरज की शादी गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की बेटी से हुई है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मेहता को देश से भगाने का आरोप लगाया है. मेहता पर कई शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह के साथ व्यापार करने का आरोप है. कांग्रेस ने सवाल किया कि इस बड़े खुलासे के बाद सीबीआई और ईडी ने क्या किया है?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्योगवादी गौतम अडानी के साथ संबंधों पर अपने हमले को बनाए रखते हुए कांग्रेस ने सरकार पर हीरा कारोबारी जतिन मेहता को देश से भगाने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या उन्हें अडानी के साथ उनके पारिवारिक संबंध के कारण सुरक्षा प्रदान की गई थी.
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि मेहता ने भारतीय बैंकों को 7,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया.
उन्होंने कहा, ‘वह (मेहता) न केवल देश से भाग गए, बल्कि सेंट किट्स और नेविस, कैरेबियन की नागरिकता भी ले ली. भारत सरकार द्वारा ‘कोई आपत्ति’ जारी नहीं किया गया था.’
मोंटेरोसा ग्रुप की कंपनियां तथाकथित रूप से उन शेल कंपनियों में पैसा डाल रही हैं, जहां से वो पैसा अडानी के पास जाता है।
मोंटेरोसा समूह के तार अडानी के समधी जतिन मेहता से जुड़े हैं।
इसलिए पूछना जरूरी है कि शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ किसके हैं?
: @SupriyaShrinate जी pic.twitter.com/ae14MSNpec
— Congress (@INCIndia) April 19, 2023
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी जैसे अन्य बैंक धोखाधड़ी के आरोपियों के साथ समानताएं दिखाते हुए श्रीनेत ने कहा कि जतिन मेहता ने भी इसी तरह के तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया.
उन्होंने भी भारतीय बैंकों से साख पत्र (Letters of Credit) के आधार पर सोने का आयात किया. उन्होंने इससे आभूषण बनाए और फिर इन गहनों को दुबई निर्यात किया गया. यह चौंकाने वाली बात है कि जिन 13 कंपनियों को ये आभूषण दुबई में निर्यात किया गया था, वे सभी अंतत: जतिन मेहता और उनके परिवार के स्वामित्व में थीं.
जतिन मेहता विनसम डायमंड्स (Winsome Diamonds), फॉरएवर प्रेसिअस ज्वेलरी एंड डायमंड्स (Forever Precious Jewellery and Diamonds) और सु-राज डायमंड्स (Su-Raj Diamonds) के मालिक हैं. कहा गया कि उन कंपनियों ने भुगतान करने से इनकार कर दिया और यही वजह है कि वह पैसा डूब गया.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘दरअसल, उस पैसे की जतिन मेहता और परिवार ने ठगी की. वह पैसा इस देश के ईमानदार करदाताओं का है, यह वह पैसा है जो इस देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है, यह वह पैसा है, जिसके लिए ईडी और सीबीआई को दर-दर भटकना चाहिए, लेकिन उस पर कुछ नहीं हो रहा है.’
सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी आरोप लगाया कि मेहता के मॉरीशस से बाहर स्थित कुछ शेल कंपनियों के साथ संबंध थे, जिन्होंने अडानी समूह में पैसा लगाया था. उन्होंने एक ‘संदिग्ध’ चीनी नागरिक के साथ संबंध का भी आरोप लगाया.
द टेलीग्राफ के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने विनसम डायमंड्स के संस्थापक मेहता के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को कोई भी कार्रवाई करने से रोकने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की, जिन पर एक मोंटेरोसा नामक कंपनी सहित कई शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह के साथ व्यापार करने का आरोप है.
श्रीनेत ने कहा, ‘क्या प्रधानमंत्री मेहता जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं क्योंकि वह अडानी के रिश्तेदार हैं?’
टेलीग्राफ के मुताबिक, मेहता, उनकी पत्नी सोनिया और बेटे विपुल, सूरज ब्रिटेन चले गए, जहां उन्होंने कुछ व्यवसाय खोले और फिर एक कैरिबियन टैक्स हेवन ‘सेंट किट्स एंड नेविस’ की नागरिकता हासिल कर ली. लेकिन परिवार के भारत से भागने से पहले सूरज ने 2012 में विनोद अडानी की बेटी कृपा से शादी कर ली थी.
फिलहाल अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फले-फूले गुजरात स्थित इस उद्योग के विशाल व्यापारिक साम्राज्य के लिए विदेशी शेल कंपनियों की शृंखला के माध्यम से फंडिंग के आरोपों को लेकर विवादों में हैं.
प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान सुप्रिया श्रीनेत ने जानना चाहा कि जब जतिन मेहता के खिलाफ भारत में बैंकों को धोखा देने के कई मामले लंबित थे, तो किसने उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था, जिससे उन्हें सेंट किट्स की नागरिकता पाने की अनुमति मिल गई थी.
द टेलीग्राफ के मुताबिक, कुछ रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 15 भारतीय बैंकों पर विनसम डायमंड्स का 4,680 करोड़ रुपये और सहयोगी कंपनी फॉरएवर प्रेशियस डायमंड्स का 2,122 करोड़ रुपये बकाया है.
भारतीय बैंकों ने 2013-14 में विनसम डायमंड्स के खिलाफ शिकायत शुरू की थी. सीबीआई ने आखिरकार 2017 में मामला दर्ज किया था.
श्रीनेत ने कहा, ‘सीबीआई और ईडी ने मामले को आगे नहीं बढ़ाया, क्या वे केवल इसलिए सो रहे थे क्योंकि उन्हें पता चला कि वह (जतिन मेहता) कौन थे.’
उसने पूछा, ‘मेहता द्वारा शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह में निवेश जारी रखने के बड़े खुलासे के बाद सीबीआई और ईडी ने क्या किया है?’
आरोप यह है कि मेहता परिवार मोंटेरोसा नामक कंपनी के माध्यम से अडानी समूह में धन की हेराफेरी कर रहा है.
24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मोंटेरोसा के अध्यक्ष और सीईओ एलिस्टेयर गुगनबुल-इवेन के अतीत में कुख्यात भारतीय भगोड़े हीरा व्यापारी जतिन मेहता के साथ महत्वपूर्ण संबंध रहे हैं.’
मालूम हो कि अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
हालांकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से अडानी इनकार कर रहा है.