सरकार द्वारा सिफ़ारिश लंबित रखने के बाद कॉलेजियम ने जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को वापस लिया

इस सिफ़ारिश को वापस लेने का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का फैसला केंद्र सरकार के जवाब का छह महीने से अधिक समय तक इंतज़ार करने के बाद आया है. कॉलेजियम ने सितंबर 2022 को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफ़ारिश की थी, तब से यह बिना किसी प्रतिक्रिया के सरकार के पास लंबित है.

जस्टिस एस. मुरलीधर. (फोटो साभार: फेसबुक/@NyayaForum)

इस सिफ़ारिश को वापस लेने का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का फैसला केंद्र सरकार के जवाब का छह महीने से अधिक समय तक इंतज़ार करने के बाद आया है. कॉलेजियम ने सितंबर 2022 को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफ़ारिश की थी, तब से यह बिना किसी प्रतिक्रिया के सरकार के पास लंबित है.

जस्टिस एस. मुरलीधर. (फोटो साभार: फेसबुक/@NyayaForum)

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बीते 19 अप्रैल को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर करने की अपनी सिफारिश को वापस ले लिया है.

इस सिफारिश को वापस लेने का फैसला केंद्र सरकार के जवाब का छह महीने से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद आया है. कॉलेजियम ने 28 सितंबर, 2022 को जस्टिस मुरलीधर के मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरण की सिफारिश की थी.

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में शामिल जस्टिस संजय किशन कौल और केएम यूसुफ ने कहा, ‘सिफारिश तब से बिना किसी प्रतिक्रिया के भारत सरकार के पास लंबित है. जस्टिस मुरलीधर अब 7 अगस्त, 2023 को चार महीने से कम समय में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इस देरी को देखते हुए उनके ट्रांसफर की सिफारिश करने वाले प्रस्ताव को वापस लिया जाता है.’

कॉलेजियम ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट छह महीने से अधिक समय तक स्थायी मुख्य न्यायाधीश के बिना रहा और बॉम्बे हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस एसवी गंगापुरवाला को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.

कॉलेजियम ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट के वर्तमान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी. राजा को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया जाए.

कॉलेजियम ने सरकार से की सिफारिश की, ‘कॉलेजियम संकल्प करता है कि जस्टिस टी. राजा का राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जल्द से जल्द ट्रांसफर किया जाए. मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनका बने रहना जस्टिस एसवी गंगापुरवाला को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने में बाधक नहीं हो सकता.’

रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस टी. राजा वर्तमान में मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठतम उप-न्यायाधीश हैं. उन्हें मूल रूप से नवंबर 2022 में राजस्थान ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उन्होंने इस पर पुनर्विचार की मांग की थी, लेकिन कॉलेजियम अपनी सिफारिश पर अटल था.

कॉलेजियम ने राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की नियुक्ति का भी प्रस्ताव दिया. इसने संकेत दिया कि जस्टिस मसीह, जस्टिस टी. राजा से वरिष्ठ हैं.

इसके अलावा कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस एसवी भट्टी की सिफारिश केरल हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में की. वह वर्तमान में केरल हाईकोर्ट में सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं.

कॉलेजियम ने जस्टिस रमेश डी. धानुका को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है.

कॉलेजियम ने एक बार फिर तेलंगाना हाईकोर्ट से आने वाले शीर्ष न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने की सलाह दी. कॉलेजियम ने कहा, ‘तेलंगाना राज्य का उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के बीच कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.’