सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी राज्य का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को राशन कार्ड मुहैया कराए. अदालत ने अधिकारियों को अपने आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख 3 अक्टूबर तक केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार (20 अप्रैल) को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत लगभग आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड प्रदान करने का निर्देश दिया, जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं किया गया है.
पोर्टल में 28.6 करोड़ मजदूर पंजीकृत हैं. इसमें से 20.63 करोड़ राशन कार्ड से संबंधित आंकड़ों में दर्ज हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया.
पीठ ने कहा, ‘इसका मतलब है कि ईश्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले बाकी लोग अभी भी राशन कार्ड के बिना हैं. बिना राशन कार्ड के एक प्रवासी/असंगठित मजदूर या उसके परिवार के सदस्य योजनाओं के लाभ और यहां तक कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ से वंचित हो सकते हैं.’
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता प्रशांत भूषण और चेरिल डिसूजा ने तर्क दिया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत न आने वाले 10 करोड़ से अधिक श्रमिक हो सकते हैं, क्योंकि आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित है. तब से आबादी बढ़ गई है.
अदालत ने कहा कि कल्याणकारी राज्य का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को राशन कार्ड पाने की श्रेणी में शीघ्रता से शामिल करे.
अदालत ने अधिकारियों को अपने आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख 3 अक्टूबर तक केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.
अदालत ने आदेश दिया, ‘हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम पोर्टल पर छूटे हुए श्रमिकों को राशन कार्ड जारी करने की कवायद के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए तीन महीने का समय देते हैं.’
खंडपीठ ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिला कलेक्टरों के माध्यम से श्रमिकों तक पहुंच सकते हैं ‘ताकि ईश्रम पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराने वालों को राशन कार्ड जारी किए जा सकें और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ सहित केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके’.