जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद बीते शनिवार को हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लोग उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए उनके घर के बाहर जमा हो गए थे. कुछ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया तो मलिक भी उनके साथ थाने गए थे.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है, ‘मुझे किसी भी तरह से डराने का सरकार का रवैया काम नहीं करेगा, क्योंकि मेरे लोग मेरे साथ हैं’.
यह शब्द उन्होंने बीते शनिवार को तब कहे जब दिल्ली पुलिस ने रविवार सुबह उनके घर से बाहर से हिरासत में लिए गए 20-25 खाप नेताओं को छोड़ दिया.
हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के लगभग 250 से 300 लोग मलिक के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे नई दिल्ली के सोम विहार स्थित उनके घर पर जमा हुए थे. मलिक से 28 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पूछताछ करनी है.
सीबीआई से पूछताछ संबंधी नोटिस मलिक को द वायर के साथ किए उस साक्षात्कार के हफ्ते भर के भीतर मिला है, जिसमें मलिक ने पुलवामा आतंकी हमले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के प्रति नरम रुख पर चौंकाने वाले खुलासे किए थे.
खाप नेताओं ने दावा किया कि पुलिस ने उनसे कहा कि वे मलिक के घर के पास बैठक नहीं कर सकते. मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने उपस्थित लोगों को अपने घर पर दोपहर के भोजन के लिए बुलाया था, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण वह उन्हें खाने के लिए एक पार्क में ले गए. बाद में, कुछ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया.
मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने गिरफ्तारी दी थी.’
इस बीच सत्यपाल मलिक को भी हिरासत में लिए जाने की बात फैल गई थी, लेकिन पुलिस ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है.
उसके अनुसार, मलिक हिरासत में लिए गए नेताओं के साथ उन्हें रिहा कराने की मांग लेकर आरके पुरम थाने गए थे. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया कि मलिक को हिरासत में नहीं लिया गया था.
दिल्ली पुलिस ने अपने ट्वीट में जानकारी दी, ‘सोशल मीडिया पर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मिल को हिरासत में लेने संबंधी झूठी सूचना फैलाई जा रही है. जबकि, वह स्वयं ही अपने समर्थकों के साथ आरके पुरम पुलिस थाने आए हैं. उन्हें सूचित कर दिया गया है कि वह अपने इच्छा से जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’
False information is being spread on social media handles regarding detention of Sh. Satyapal Malik, Ex. Gov.
Whereas, he himself has arrived at P.S. R K Puram alongwith his supporters. He has been informed that he is at liberty to leave at his own will.#DelhiPoliceUpdates
— Delhi Police (@DelhiPolice) April 22, 2023
बाद में दिन में दिए एक बयान में दिल्ली पुलिस के कानून व्यवस्था (जोन II) के विशेष पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि हिरासत में लिए गए 24 लोगों को रिहा कर दिया गया है.
हुड्डा के मुताबिक, लोगों को हिरासत में लिया गया, क्योंकि वे आवश्यक अनुमति के बिना विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे और कहने के बाद भी नहीं गए. हुड्डा ने आगे कहा कि मलिक अपने कुछ समर्थकों के साथ अपनी मर्जी से थाने आए थे.
मलिक ने बाहर निकलने पर कहा, ‘खाप नेता यहां मुद्दे पर एकजुटता व्यक्त करने के लिए आए हैं.’
थाने परिसर के अंदर डेरा डाले एक खाप नेता ने द वायर को बताया, ‘सभी प्रधान और मलिक जी थाने के अंदर हैं. हम तब तक नहीं जाएंगे, जब तक कि सभी नेताओं को रिहा नहीं कर दिया जाता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह एक भ्रष्ट सरकार है, उन्होंने पुलवामा पर सच बोला है. सत्यपाल मलिक चुप नहीं रहेंगे.’
दोपहर 3 बजे तक खाप नेताओं को रिहा कर दिया गया और मलिक भी अगले कुछ दिनों में अपनी योजनाओं के बारे में पत्रकारों को संक्षेप में बताने के बाद घर वापस आ गए.
मलिक ने कहा कि उनकी योजना विभिन्न राज्यों में जाकर उनका समर्थन करने वाले लोगों से मिलने की है.
गौरतलब है कि मलिक को सीबीआई द्वारा सूचित किया गया था कि उनसे रिलायंस जनरल इंश्योरेंस मुद्दे पर पूछताछ की जाएगी.
मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के कार्यकाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.
मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे. इसके प्रसारण के बाद माधव ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.
मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और प्रशासन ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.
सीबीआई ने इस संबंध में दो केस दर्ज किए थे और अप्रैल 2022 में 14 स्थानों पर तलाशी ली थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, तब एक बयान में सीबीआई ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर सरकार के अनुरोध पर कदाचार के आरोपों के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का अनुबंध देने तथा वर्ष 2017-18 में 60 करोड़ रुपये (लगभग) जारी करने के संबंध में और दूसरा मामला वर्ष 2019 में एक निजी फर्म को किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2200 करोड़ रुपये (लगभग) का अनुबंध देने से संबंधित है.
मलिक भाजपा नेता हैं और न केवल जम्मू कश्मीर बल्कि चार अन्य राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं.
हाल ही में द वायर को दिए साक्षात्कार में मलिक ने कहा था कि उन्होंने शुरुआत में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को कश्मीर में बीमा योजना शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसने बहुत से सरकारी कर्मचारियों को नाखुश कर दिया था.
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