प्रधानमंत्री-गृहमंत्री राजनीति में व्यस्त थे, कश्मीर में आतंकियों ने फायदा उठाया: ‘सामना’

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में यह टिप्पणी हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की मौत को लेकर की है. कहा गया है​ कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात होती है तो उन्हें गौतम बुद्ध की शांति की शिक्षा याद आती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनाथ सिंह और अमित शाह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में यह टिप्पणी हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की मौत को लेकर की है. कहा गया है​ कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात होती है तो उन्हें गौतम बुद्ध की शांति की शिक्षा याद आती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनाथ सिंह और अमित शाह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने बीते शनिवार (22 अप्रैल) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ‘राजनीतिक कार्यों में व्यस्त थे और आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया’.

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में यह टिप्पणी की है. इस आतंकी हमले को साल 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण आतंकी हमला कहा जा रहा है.

आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवानों की मौत बीते 20 अप्रैल को उस समय हो गई, जब उनके वाहन पर पुंछ में आतंकवादियों ने हमला किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संपादकीय में कहा गया है कि ‘जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी घाटी में हिंसा जारी है और वहां अभी भी शांति नहीं है’.

संपादकीय में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री अपने राजनीतिक कार्यों में व्यस्त हैं (कर्नाटक चुनावों के संदर्भ में), आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया और जम्मू कश्मीर में सेना के एक वाहन पर बम से हमला किया.’

संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात आती है तो उन्हें गौतम बुद्ध की शांति की शिक्षा याद आती है.

संपादकीय में केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना साधते हुए उन्हें मोदी-शाह के हथियार के रूप में वर्णित किया गया है. कहा गया कि ‘ऐसा लगता है कि आतंकवादी उनसे डरते नहीं हैं’.

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए जश्न के संदेशों के अनुसार पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद संगठन की शाखा माने जाने वाले पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.

हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस ने अभी तक दावों की पुष्टि नहीं की है. पीएएफएफ को इस साल जनवरी में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद विरोधी कानून के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था.

जम्मू स्थित सेना के सामरिक उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था कि सेना का ट्रक राजौरी सेक्टर में स्थित भिंबर गली और पुंछ के बीच चल रहा था, तभी अज्ञात आतंकवादियों ने भारी बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाया उठाकर उस पर हमला किया.

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