छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले के बीरनपुर गांव में हिंदू समाज के नेताओं द्वारा अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान करने के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है. अब तक तीन हत्याएं हो चुकी हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष शुभांकर द्विवेदी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक भड़काऊ पोस्ट किया था.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बीरनपुर गांव में बीते दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा पर अपने सोशल मीडिया पेज पर एक कथित घृणास्पद पोस्ट के संबंध में रायपुर पुलिस ने भाजपा युवा विंग के नेता शुभांकर द्विवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हिंदू समाज के नेताओं द्वारा अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान करने के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है.
18 अप्रैल को गांव के बहुसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्य अल्पसंख्यक मुसलमानों से भिड़ गए थे, जिससे 23 वर्षीय युवक भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी.
अखबार के मुताबिक, साहू की मौत के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए गए, जिन्हें अनौपचारिक तौर पर भाजपा का समर्थन प्राप्त था. कुछ दिन बाद, जवाबी कार्रवाई में गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के पिता-पुत्र की हत्या कर दी गई.
पुलिस ने बताया कि शुभांकर द्विवेदी रायपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष है.
रायपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘बीरनपुर की घटना से संबंधित नफरती भाषण की शिकायत पर हमारी जांच के आधार पर हमने शुक्रवार को द्विवेदी के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए एफआईआर दर्ज की.’
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘शुभांकर द्विवेदी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर बीरनपुर की घटना से संबंधित एक घर के जलने का वीडियो पोस्ट किया था, जिसका कैप्शन था- बेमेतरा के दिल में गुस्सा ठंडा हो रहा है.’
मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए और 505(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले शुभांकर द्विवेदी के अलावा आठ भाजपा पदाधिकारियों को भी बीते दिनों नोटिस भेजा गया था. उन पर सोशल मीडिया पर घृणास्पद टिप्पणियां करने का आरोप है. टिप्पणियां पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से भी की गई थीं.
चुनावी वर्ष में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं ने छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया है. तीन दिनों में तीन हत्याएं हो चुकी हैं, जिससे इस आदिवासी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थित पर सवाल उठ रहे हैं.