भाजपा ने आरोप लगाया है कि सासाराम के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को अल्पसंख्यकों को ‘खुश करने’ के लिए गिरफ़्तार किया गया है. बिहार के सासाराम और बिहार शरीफ़ में बीते 31 मार्च और 1 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. बिहार शरीफ़ में हुईं झड़पों के दौरान एक 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: इस साल मार्च में बिहार के सासाराम (रोहतास) जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की सांप्रदायिक झड़पों की जांच के सिलसिले में पुलिस ने पूर्व भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया है.
सासाराम विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे प्रसाद को शुक्रवार रात उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. भाजपा ने आरोप लगाया कि सासाराम के पूर्व विधायक को अल्पसंख्यकों को ‘खुश करने’ के लिए गिरफ्तार किया गया है.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसाद की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिस मामले की जांच कर रही है. दोषियों को सजा दी जाएगी, भले ही उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो. जांचकर्ता अपना काम कर रहे हैं. मैं कभी भी पुलिस जांच में हस्तक्षेप नहीं करता.’
Bihar | Former BJP MLA Jawahar Prasad arrested from his residence in Sasaram in connection with the communal violence case which took place on March 31 pic.twitter.com/raR5MIkXIv
— ANI (@ANI) April 29, 2023
दूसरी ओर, भाजपा ने दावा किया कि प्रसाद को सत्तारूढ़ गठबंधन की ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ को आगे बढ़ाने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा पूरी तरह से राज्य प्रायोजित थी ताकि भाजपा को सम्राट अशोक की जयंती मनाने से रोका जा सके, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि थे.’
बयान में कहा गया है, ‘दंगे में मारा गया व्यक्ति ओबीसी वर्ग का था और अब राज्य सरकार एक लोकप्रिय ओबीसी नेता (जवाहर प्रसाद) को इस मामले में बलि का बकरा बनाना चाहती है.’
भाजपा ने दावा किया कि नीतीश कुमार सरकार अपनी ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ को आगे बढ़ाने के लिए प्रसाद और अन्य नेताओं को अपराधी के रूप में गिरफ्तार करना चाहती है.
पूर्व भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद के खिलाफ रोहतास की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था.
रोहतास और नालंदा जिलों के जिला मुख्यालय क्रमश: सासाराम और बिहार शरीफ में 31 मार्च और 1 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. बिहार शरीफ में हुई झड़पों के दौरान एक 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई थी.