गुजरात में दाहोद ज़िले के लिमखेड़ा क़स्बे के रंधीकपुर गांव का मामला. पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि बिलक़ीस बानो का रिश्तेदार होने के नाते भीड़ ने उन पर हमला किया था. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि हमला पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ.
वडोदरा: गुजरात के दाहोद जिले के लिमखेड़ा कस्बे के एक बाजार में बीते रविवार को कथित रूप से भीड़ के हमले में बिलकीस बानो के एक रिश्तेदार और उनके बेटे घायल हो गए थे.
अस्पताल में भर्ती बिलकीस बानो एक रिश्तेदार (Brother-in-Law) अजीत घांची और उनके बेटे आसिफ ने दावा किया कि उन्हें बिलकीस का संबंधी होने के कारण निशाना बनाया गया.
गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी. इस दौरान वह गर्भवती थीं. यह वाकया दंगों के दौरान हुई सबसे दर्दनाक घटनाओं में शामिल है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, रंधीकपुर के रहने वाले अजीत गांची ने कहा कि वह और आसिफ बकरी बेचने के लिए लिमखेड़ा बाजार पहुंचे थे, तभी उमेश नाम के एक व्यक्ति ने उनसे प्रवेश शुल्क मांगा.
उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे 500 रुपये दिए लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे. इससे कुछ बहस हुई और उन्होंने मुझसे मेरे पैतृक शहर के बारे में पूछा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैंने उन्हें बताया कि मैं रंधीकपुर से हूं, तो उमेश ने मुझे यह कहते हुए गाली देना शुरू कर दिया कि मैं बिलकीस बानो के परिवार से हूं. जल्द ही, उन्होंने और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर मेरे और मेरे बेटे के साथ मारपीट शुरू कर दी.’
अजीत घांची का पैर टूट गया है, जबकि आसिफ के सिर में चोट आई है.
रिपोर्ट के अनुसार, रंधीकपुर पुलिस थाने के अधिकारियों ने कथित तौर पर पिता और पुत्र से कहा कि उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए लिमखेड़ा पुलिस से संपर्क करना होगा.
बिलकीस का रिश्तेदार होने की वजह से हमला होने की बात से इनकार करते हुए दाहोद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पैसे के विवाद के कारण दोनों के साथ मारपीट की गई.
उन्होंने कहा, ‘वे बिलकीस के रिश्तेदार हैं, लेकिन विवाद का इससे कोई संबंध नहीं है. वे उनके रिश्तेदार हैं या बिलकीस के कानूनी मामले के कारण, उन पर हमला नहीं किया गया. हम हमले में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं.’
मालूम हो कि 11 लोगों ने 3 मार्च 2002 को अहमदाबाद के पास एक गांव में 19 वर्षीय बिलकीस बानो के साथ गैंगरेप किया था. उस समय वह गर्भवती थीं और तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. हिंसा में उसके परिवार के 7 सदस्य भी मारे गए थे, जिसमें उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.
हालांकि 15 अगस्त 2022 को अपनी क्षमा नीति के तहत गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा माफी दिए जाने के बाद बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को 16 अगस्त को गोधरा के उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.
शीर्ष अदालत द्वारा इस बारे में गुजरात सरकार से जवाब मांगे जाने पर राज्य सरकार ने कहा था कि दोषियों को केंद्र की मंज़ूरी से रिहा किया गया. गुजरात सरकार ने कहा था कि इस निर्णय को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी थी, लेकिन सीबीआई, स्पेशल क्राइम ब्रांच, मुंबई और सीबीआई की अदालत ने सजा माफी का विरोध किया था.