मामला अयोध्या के एक मंदिर का है, जिसके पुजारी का शव सोमवार सुबह उनके कमरे में मिला. पुलिस के मुताबिक़, आत्महत्या से पहले उन्होंने एक फेसबुक लाइव वीडियो में दो पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ित करने व पैसे मांगने का आरोप लगाया था.
अयोध्या: पुलिस ने बताया है कि सोमवार सुबह अयोध्या के एक मंदिर के एक कमरे के अंदर एक पुजारी का शव लटका हुआ मिला था, इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. पुजारी राम शंकर दास ने कथित रूप से आत्महत्या करने से पहले स्थानीय पुलिस पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
इस बीच, अधिकारियों ने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए यह भी कहा कि वह ड्रग्स का आदी थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि राम शंकर की उम्र 28 से 30 वर्ष के बीच थी. आत्महत्या से पहले उन्होंने फेसबुक लाइव किया था और दो पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ित करने एवं पैसे मांगने का आरोप लगाया था.
कथित वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है, ‘वो (पुलिसकर्मी) मुझसे दो लाख रुपये मांग रहे हैं. मुझे नहीं पता कि कहां से लाऊं.’
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (अयोध्या) मुनिराज जी. ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अयोध्या) मधुवन कुमार सिंह ने कहा, ‘जांच के दौरान सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा.’
पुलिस के मुताबिक, सोमवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि नरसिंह मंदिर का एक पुजारी कई बार खटखटाने के बावजूद अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोल रहा है. इस साल जनवरी में प्रधान पुजारी राम सरन दास के लापता होने के बाद से राम शंकर दास मंदिर में अकेले रह रहे थे.
अयोध्या के एसएचओ मनोज कुमार शर्मा ने मंगलवार को कहा, ‘उनका शव सोमवार सुबह 9 बजे बरामद किया गया. हमने एसपी (शहर) और एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मंदिर में उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा और उनका शव लटका हुआ पाया.’
शर्मा ने कहा, ‘वह मंदिर के अंदर रहते थे और कुछ पुलिसकर्मी भी मंदिर में तैनात थे. उन्हें पुलिसकर्मियों से परेशानी होती थी क्योंकि वे उन्हें चांदी और तांबे के बर्तन जैसे मंदिर से संबंधित सामान बेचने नहीं देते थे. एक दिन उन्होंने मांग की थी कि पुलिसकर्मियों को मंदिर परिसर के अंदर तैनात नहीं किया जाए. इसलिए पुलिसकर्मियों को बाहर तैनात कर दिया गया.’
मंदिर रायगंज पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है. बताया गया है कि पुजारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. घंटों बाद पुलिस को उनके फेसबुक लाइव के बारे में पता चला जिसमें उन्होंने दो पुलिसकर्मियों- रायगंज पुलिस चौकी प्रभारी उप-निरीक्षक स्वतंत्र कुमार मौर्य और कांस्टेबल सुभाष सिंह पर उन्हें परेशान करने और पैसे मांगने का आरोप लगाया.
शर्मा ने दावा किया, ‘जब उन्हें सामान बेचने से रोका गया तो वह ड्रग्स खरीदने का इंतजाम नहीं कर सके. कुछ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कुछ पैसे भी दिए थे. वह भारी मात्रा में ड्रग लेते थे और इस वजह से उन्होंने आत्महत्या की.’
एसएचओ ने कहा, ‘जिस फेसबुक वीडियो के लाइव होने का दावा किया जा रहा है, वह वास्तव में उनकी मौत से कम से कम 10 घंटे पहले शूट किया गया था. तथाकथित लाइव वीडियो फेसबुक पर अपलोड किए जाने के कुछ घंटों बाद उन्होंने पुलिस थाने जाकर हंगामा किया और कहा कि उन्हें मंदिर से संबंधित सामान बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘आरोप निराधार हैं और शत्रुता के कारण लगाए गए हैं क्योंकि मौर्य ने उन्हें मंदिर से संबंधित वस्तुओं को बेचने से रोका था. सभी आरोपों की जांच की जाएगी. हमने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है.’
पुलिस की प्राथमिक जांच के मुताबिक, राम शंकर 12 वर्ष की उम्र से मंदिर में रह रहे थे.
यह भी बताया गया है कि इस साल जनवरी में मंदिर के मुख्य पुजारी 80 वर्षीय राम सरन दास इलाहाबाद गए थे और वापस नहीं लौटे. इस बारे में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई और लगभग दो महीने बाद इसे अपहरण की शिकायत में बदल दिया गया था.
एएसपी सिंह ने कहा कि अपहरण मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर स्वतंत्र कुमार मौर्य कर रहे थे, जिनका नाम राम शंकर के वीडियो में था. अपहरण मामले में पुलिस ने राम शंकर से पूछताछ कर बयान भी दर्ज किया था.