आम आदमी पार्टी के गुजरात अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने एक ट्वीट में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पर अब तक करदाताओं के 830 करोड़ रुपये ख़र्चे गए. इस पर पुलिस ने सरकार की ओर से शिकायतकर्ता बनकर उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.
अहमदाबाद: आम आदमी पार्टी (आप) के गुजरात अध्यक्ष इसुदान गढ़वी के खिलाफ पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है.
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि गढ़वी ने कथित तौर पर एक ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पर अब तक करदाताओं के 830 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा खर्च किए जाने का दावा किया था, जिसको लेकर मामला दर्ज हुआ है.
एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मामला शनिवार को यह पाए जाने के बाद दर्ज किया गया था कि गढ़वी ने अपने आरोपों को साबित करने वाले किसी संबंधित डेटा के बिना यह दावा किया था.
जहां गढ़वी द्वारा ट्वीट डिलीट कर दिया गया है, वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस तरह की ‘झूठी’ एफआईआर के जरिये उसके नेताओं को परेशान कर रही है.
बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो संबोधन के 100वें एपिसोड का प्रसारण किया गया था.
28 अप्रैल को गढ़वी ने एक ट्वीट में दावा किया था, ‘मन की बात के एक एपिसोड की लागत 8.3 करोड़ रुपये होती है. जिसका मतलब है कि केंद्र ने अब तक 100 एपिसोड पर 830 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह बहुत ज्यादा है.’
एक संवाददाता सम्मेलन में सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जेएम यादव ने बताया कि ट्वीट का संज्ञान लेते हुए अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने 29 अप्रैल को गढ़वी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.
गढ़वी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 [दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना], 500 [मानहानि], 505(1)(बी) और (सी) [जनता में भय पैदा करने के इरादे से अफवाह या रिपोर्ट प्रकाशित करना, या लोगों को राज्य के खिलाफ या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाना] और 505(2) [(वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान] समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
यादव ने कहा, ‘सरकार की ओर से पुलिस शिकायतकर्ता है. एफआईआर 29 अप्रैल को साइबर अपराध शाखा में तब दर्ज की गई थी जब यह पाया गया कि गढ़वी ने अपने दावे को साबित करने के लिए बिना किसी विश्वसनीय डेटा के ‘मन की बात’ के खिलाफ ट्वीट किया था. हम सबूत इकट्ठा करेंगे और फिर आगे कार्रवाई करेंगे. उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.’
गौरतलब है कि रविवार को पीआईबी के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल ने गढ़वी के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को टैग किया और कहा कि आप नेता का यह दावा कि ‘मन की बात’ पर 830 करोड़ रुपये खर्च किए गए, ‘भ्रामक’ है.
पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट किया, ‘यह दावा भ्रामक है. मन की बात के विज्ञापनों का कुल आंकड़ा 8.3 करोड़ रुपये है, न कि किसी एक एपिसोड के लिए इतना खर्च हुआ है. ट्वीट में माना गया है कि प्रत्येक एपिसोड विज्ञापनों द्वारा समर्थित है, जो गलत है.’
आप के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और गुजरात पार्टी के पूर्व प्रमुख गोपाल इटालिया ने दावा किया कि गढ़वी के खिलाफ झूठे आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
इटालिया ने कहा, ‘एक ट्वीट को लेकर गढ़वी पर मामला दर्ज किया गया है. यह दर्शाता है कि भाजपा आम आदमी पार्टी से कितना डरती है. भाजपा और उसकी सरकार ने हमें रोकने और तोड़ने के लिए बार-बार हमारे खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की हैं. लेकिन, हम लड़ना जारी रखेंगे.’