मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.
चुराचांदपुर (लमका, मणिपुर): बीते बुधवार (3 मई) को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद मणिपुर के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. मार्च के बाद चुराचांदपुर जिला भी हिंसा का चपेट में आ गया.
3 मई की दोपहर बिष्णुपुर जिले के साथ लगी चुराचांदपुर जिले की सीमा के पास स्थित एक इलाके में हुई हिंसा जल्द ही इंफाल पश्चिम जिले सहित उत्तर पूर्व के इस राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गई. जिसके बाद राज्य प्रशासन ने पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में कई जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दिया.
मणिपुर भौगोलिक रूप से पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में विभाजित है. पहाड़ी क्षेत्र राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है, जहां पारंपरिक रूप से नगा और कुकी-चिन-मिज़ो या ज़ो जातीय जनजातियां बसी हुई हैं. घाटी क्षेत्रों में मेईतेई समुदाय का वर्चस्व है.
पिछले कुछ समय से मेईतेई का एक वर्ग राज्य की आदिवासी आबादी के समान अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका पहाड़ी क्षेत्र के निवासी इस आधार पर विरोध कर रहे हैं कि इससे उनके संवैधानिक सुरक्षा उपाय प्रभावित होंगे.
चुराचांदपुर में 3 मई को हुई हिंसा से पहले राज्य में 28 अप्रैल को भी हिंसा हुई थी. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा एक ओपन जिम का उद्घाटन किया जाना था, लेकिन लोगों की समस्याओं को सुने बिना राज्य सरकार के भूमि और वन सर्वेक्षण करने के फैसले के विरोध में इस जिम में आग लगा दी गई थी.
इसके बाद 28 अप्रैल से पांच दिनों के लिए चुराचंदपुर और फेरज़ावल जिलों में मोबाइल डेटा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था.
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा था कि 27 अप्रैल की रात हुई हिंसा इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के स्वयंसेवकों और समर्थकों द्वारा की गई थी. फोरम ने राज्य सरकार द्वारा किए गए भूमि और वन सर्वेक्षण के विरोध में चुराचांदपुर में आठ घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया था.
आरक्षित/संरक्षित वन और आर्द्रभूमि से संबंधित राज्य सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण और ग्रामीणों की बेदखल किए जाने को लेकर की गई शिकायतों पर ध्यान न दिए जाने के विरोध में यह कदम उठाया गया था.
Immediate attention of PM Modi ji, Amit Shah ji & Biren ji ,Manipur is burning,India is set on fire,#humanbeingskilled #TurnOutFromElectionCampaign, save lives of innocent people in Manipur @Jairam_Ramesh @kharge @narendramodi @AmitShah @NBirenSingh @RahulGandhi @ANI @IndiaToday pic.twitter.com/OGb6LLhoRG
— Keisham Meghachandra (@meghachandra_k) May 3, 2023
बहरहाल चुराचांदपुर में हुई ताजा हिंसा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राजधानी इंफाल की यात्रा के साथ हुई है.
ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा मेईतेई की मांग का विरोध करने के लिए 3 मई को सात पहाड़ी जिलों में मार्च आयोजित किया गया था. लगभग 50,000 लोगों ने इसमें भाग लिया था. कई युवा प्रतिभागियों को ‘ट्राइबल्स यूनाइटेड’ संदेश वाली टी-शर्ट पहने देखा गया.
एटीएसयूएम द्वारा निकाले गए मार्च का विरोध करते हुए कुछ घाटी क्षेत्रों में भी प्रदर्शन हुए. हालांकि, एसटी दर्जे के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मेईतेई संगठन ‘शेड्यूल्ड ट्राइब डिमांड कमेटी मणिपुर’ ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने मार्च के खिलाफ किसी भी विरोध प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मार्च के दौरान सब कुछ शांतिपूर्ण था, जब तक कि कुछ अराजक तत्वों ने पड़ोसी बिष्णुपुर जिले के मोइरंग में स्थित एंग्लो कुकी मेमोरियल के गेट को नहीं जला दिया.
इसके परिणामस्वरूप चूराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के ग्रामीणों के बीच कंगवई इलाके के पास झड़प हो गई, जहां बहुसंख्यक आबादी कुकी आदिवासी समुदाय की है.
स्थानीय लोगों ने द वायर को बताया कि उनके घरों को जला दिया गया है, जिससे दर्जनों लोग आश्रय और सुरक्षा के लिए पास के जंगलों में भाग गए.
प्रतिशोध में अज्ञात लोगों ने चुराचांदपुर जिले में गैर-आदिवासी इलाकों पर हमला किया. हिंसा को शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
शाम तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं. कहा जाता है कि राजधानी इंफाल में कई आदिवासी इलाकों पर हमला हुआ. निवासियों ने दावा किया कि कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 निवासियों के घायल होने की सूचना है.
कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि मणिपुर विश्वविद्यालय में आदिवासी छात्रों पर अज्ञात लोगों ने हमला किया, जिसके कारण उनमें से 150 ने कैंपस के अंदर सेना के शिविर में शरण ली. रिपोर्टों में कहा गया है कि डिप्टी रजिस्ट्रार डेविड जोटे के घर पर भी हमला किया गया.
स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है.
राज्य प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए पूरे राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू रहेंगी.
भारतीय सेना और असम राइफल्स कथित तौर पर पूरे मणिपुर में बचाव अभियान चला रहे हैं.
Violence erupted in Churachandpur, Kangpokpi & Imphal districts in #Manipur.
Columns of #IndianArmy, #AssamRifles & @manipur_police intervened to control the situation.
Approx 4000 villagers provided shelter in Army/Assam Rifles camps@SpokespersonMoD @adgpi @official_dgar— PRO, Kohima & Imphal, Ministry of Defence (@prodefkohima) May 4, 2023
इस बीच, मणिपुर हाईकोर्ट ने मार्च का आयोजन करने वाले एटीएसयूएम के अध्यक्ष और राज्य विधानसभा की हिल एरिया कमेटी (एचएसी) के अध्यक्ष को मेईतेई के लिए एसटी दर्जे पर उसके 20 अप्रैल के आदेश की आलोचना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट ने उस आदेश में राज्य सरकार को 29 मई तक केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्रालय को एसटी सूची में बहुसंख्यक समुदाय को शामिल करने की सिफारिश करने का निर्देश दिया था.
इसी बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है.
My humble appeal to everyone in the State to cooperate with the Government in maintaining peace & harmony at this hour. pic.twitter.com/qViqbuflWr
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) May 4, 2023
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राज्य में सभी से मेरी विनम्र अपील है कि इस घड़ी में शांति और सद्भाव बनाए रखने में सरकार का सहयोग करें.’
वहीं, बॉक्सिंग चैंपियन मैरीकॉम ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर में शांति के लिए मदद मांगी है.
My state Manipur is burning, kindly help @narendramodi @PMOIndia @AmitShah @rajnathsingh @republic @ndtv @IndiaToday pic.twitter.com/VMdmYMoKqP
— M C Mary Kom OLY (@MangteC) May 3, 2023
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, कृपया मदद करें.’ इस ट्वीट में उन्होंने नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, अमित शाह, राजनाथ सिंह और कुछ समाचार चैनल को टैग किया है.
उन्होंने कहा, ‘मणिपुर के हालात मुझे ठीक नहीं लग रहे हैं. बीती रात से स्थिति बिगड़ी हुई है. मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया. यह स्थिति जल्द से जल्द सामान्य होनी चाहिए.’
जॉन स्वांटे एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.