मणिपुर में हिंसा के बाद सेना की तैनाती समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मणिपुर में बीते बुधवार को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन- ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च में हिंसा होने के बाद राज्य में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बिष्णुपुर जिले के साथ लगी चूड़ाचांदपुर जिले की सीमा के पास हुई हिंसा जल्द ही इंफाल पश्चिम जिले सहित राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गई. राज्य में निषेधाज्ञा लागू है और इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सेना की तैनाती के बीच राज्यपाल ने जिला प्रशासन को चरम स्थिति में उपद्रवियों को ‘शूट ऐट साइट’ (देखते ही गोली मारने) के आदेश जारी किए हैं. बताया गया है कि राज्य में मणिपुर में असम राइफल्स की 34 और सेना की 9 कंपनियां तैनात हैं. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने रैपिड एक्शन फोर्स की भी पांच कंपनियों को वहां भेजा है.

नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच को लेकर प्रदर्शन कर रहे पदक विजेता पहलवानों ने आरोप लगाया है कि बुधवार की रात नशे में धुत दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की. इस बारे में महिला पहलवानों के कई वीडियो सामने आए हैं, जहां वे रोते हुए उनके साथ हुई बदतमीज़ी के बारे में बता रही हैं. पहलवानों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस ने पहलवानों से मिलने नहीं जाने दिया.

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका को यह कहते हुए बंद कर दिया है कि इसमें जो अनुरोध किया गया था, वह पूरा हो गया है. बार एंड बेंच के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने नाबालिग शिकायतकर्ताओं को उचित सुरक्षा देने की बात कही है और याचिकाकर्ता चाही तो वे मजिस्ट्रेट अदालत या हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में हो रही जाति जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी है. राज्य में इस साल जनवरी में शुरू हुई जनगणना का दूसरा और आखिरी चरण चल रहा था. लाइव लॉ के अनुसार, इसके खिलाफ एक याचिकाकर्ता ‘यूथ फॉर इक्वलिटी’ नाम का संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसे अदालत ने पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था. संगठन का कहना है कि केवल केंद्र सरकार ही जनगणना की डोर टू डोर सर्विस को अंजाम दे सकती है. हाईकोर्ट ने भी इससे सहमत होते हुए कहा कि यह सर्वे जनगणना जैसा अभ्यास ही लग रहा है. जुलाई महीने में अगली सुनवाई होने तक इस जनगणना पर रोक रहेगी.

लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए दस दिन के उपवास की घोषणा की है. द ट्रिब्यून के अनुसार, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे लेकर कोई कदम नहीं उठा रही है. सोनम का यह भी कहना है कि यह लद्दाख के लिए भाजपा के घोषणापत्र का पहला बिंदु था और लोगों ने इसीलिए उन्हें वोट दिया. लेकिन जीत के बाद इस मुद्दे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया. इससे पहले सोनम इसी मांग को लेकर इस साल जनवरी में पांच दिन का उपवास कर चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को केंद्र सरकार द्वारा तीसरा सेवा विस्तार दिए जाने के खिलाफ याचिका सुनते हुए सवाल किया कि क्या उनके अलावा कोई योग्य व्यक्ति नहीं है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया, ‘क्या संगठन में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है जो उनका काम कर सके? क्या एक व्यक्ति इतना जरूरी हो सकता है?’

प्रसार भारती ने एक आदेश जारी कर कहा है कि इसकी रेडियो सेवाओं को ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (एआईआर) नहीं बल्कि ‘आकाशवाणी’ के नाम से ही जाना जाएगा. आकाशवाणी की महानिदेशक द्वारा बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में इस बदलाव को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है.

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फाॅर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को बताया कि इसने गैंगस्टर अनिल दुजाना को मेरठ में हुए एक एनकाउंटर में मार गिराया. द हिंदू के अनुसार, पुलिस ने कहा कि हाल में ‘जमानत पर बाहर अनिल दुजाना एक वांछित अपराधी था, जिसने मेरठ के जानी थानाक्षेत्र के एक गांव में पुलिस टीम पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में मारा गया.’ उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में बढ़े पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठते रहे हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने गोवा पहुंचे हैं. साल 2011 के बाद से ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आए हैं. बताया  जा रहा है कि एससीओ सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और बिलावल के बीच द्विपक्षीय बैठक की फिलहाल कोई योजना नहीं है.