द केरला स्टोरी: प्रोड्यूसर भ्रामक दावा हटाएंगे, मोदी बोले- फिल्म में आतंकवाद का ‘बदसूरत सच’

विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया था कि केरल की 32,000 महिलाओं का धर्म परिवर्तित हुआ है और वे आईएसआईएस में शामिल हो गई थीं. विवाद के बाद निर्मार्ताओं ने इस दावे को हटाने की बात कही है. वहीं, कर्नाटक में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी फिल्म के पक्ष में नज़र आए.

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कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया था कि केरल की 32,000 महिलाओं का धर्म परिवर्तित हुआ है और वे आईएसआईएस में शामिल हो गई थीं. विवाद के बाद निर्मार्ताओं ने इस दावे को हटाने की बात कही है. वहीं, कर्नाटक में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी फिल्म के पक्ष में नज़र आए.

नरेंद्र मोदी और ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के निर्माताओं ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को बताया कि फिल्म से उस भ्रामक दावे को हटा दिया जाएगा कि दक्षिणी राज्य केरल की 32,000 महिलाओं का धर्म परिवर्तित हुआ है और वे आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गई थीं. हालांकि इसी दिन दिन कर्नाटक में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि इसने (फिल्म) आतंकवादियों के मंसूबों का ‘पर्दाफाश’ किया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बल्लारी में एक चुनावी रैली में कहा कि फिल्म आतंकी साजिश पर आधारित है और आतंकवाद के बदसूरत सच को दिखाती है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आतंकवाद पर बनी फिल्म का विरोध कर रही है और आतंकवाद के साथ खड़ी है. कांग्रेस वोट बैंक के लिए आतंकवाद का बचाव कर रही है.’

सच्ची कहानी पर आधारित होने का दावा करने वाली इस फिल्म को केरल में विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है. सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने फिल्म पर आरएसएस-भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए मलयाली समुदाय को सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

राज्य की महिलाओं के कथित तौर पर इस्लाम में परिवर्तित होने और तथाकथित ‘आईएसआईएस ब्राइड्स’ (आईएस आतंकियों की दुल्हन) बनने के कुछ मामले सामने आए हैं. हालांकि फिल्म का दावा है कि यह ऐसी 32,000 महिलाओं की कहानी बताती है.

इस दावे के कारण यह फिल्म आलोचना के घेरे में आ गई है. आलोचकों का तर्क है कि बढ़ी हुई संख्या राज्य को इस्लामी आतंकवाद के केंद्र के रूप में चित्रित करने के लिए तैयार की गई है.

इससे एक दिन पहले बृहस्पतिवार को फिल्म के निर्माताओं के वकील ने केरल हाईकोर्ट को बताया, ‘फिल्म का टीजर, जिसमें दावा किया गया था कि केरल की 32,000 से अधिक महिलाओं को आईएसआईएस में भर्ती किया गया था, को उनके सोशल मीडिया एकाउंट से हटा दिया जाएगा.’

हाईकोर्ट इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

हाईकोर्ट ने निर्माताओं का बयान दर्ज किया कि दावा छोड़ दिया जाएगा और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

द न्यूज मिनट की प्रधान संपादक धन्या राजेंद्रन के अनुसार, निर्माता टीजर में भ्रामक दावे को वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं, फिल्म का कहना है कि केरल की 50,000 महिलाएं लापता हो गई हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, क्योंकि अभियान अपने अंत के करीब है. इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर उस पर कटाक्ष किया था.

उन्होंने कहा था कि पार्टी ने पहले भगवान राम को बंद कर दिया था और अब यह जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को बंद करना चाहती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 3 मई को कर्नाटक के लोगों से वोट डालने पर ‘जय बजरंगबली’ कहने का आग्रह किया था ताकि कांग्रेस को ‘दुरुपयोग की संस्कृति’ के लिए ‘दंडित’ किया जा सके.

वहीं, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के प्रयास में जान-बूझकर बजरंग दल को भगवान हनुमान के साथ मिलाने का आरोप लगाया है.

प्रधानमंत्री ने अपने अभियान में धार्मिक राष्ट्रवाद और आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित किया है. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में पता चला है कि कर्नाटक में बसवराज बोम्मई सरकार की कथित भ्रष्ट छवि के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है. राज्य में 10 मई को मतदान होगा, जबकि 13 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

मालूम हो कि बीते 5 मई को ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म रिलीज हो गई. इसके निर्देशक सुदिप्तो सेन और विपुल अमृतलाल शाह प्रोड्यूसर हैं. फिल्म में अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सिद्धि इडनानी और सोनिया बलानी अहम भूमिकाओं में हैं.

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