केरल के कोल्लम ज़िले के एक सरकारी अस्पताल में बीते बुधवार को एक 42 वर्षीय स्कूल शिक्षक ने 23 वर्षीय डॉक्टर की कैंची मारकर हत्या कर दी. कथित तौर पर शराब के आदी शिक्षक को चोट लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया था.
नई दिल्ली: केरल के कोल्लम जिले के एक सरकारी अस्पताल में बीते बुधवार को एक 42 वर्षीय स्कूल शिक्षक ने एक 23 वर्षीय डॉक्टर की कैंची मारकर हत्या कर दी. शिक्षक को पहले लगी चोट के इलाज के लिए पुलिस द्वारा अस्पताल लाया गया था.
घाव की मरहम-पट्टी के लिए एक कमरे में ले जाने के बाद हमलावर ने कैंची से डॉक्टर वंदना दास पर कई वार किए, जिससे उनकी मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया है कि 42 वर्षीय शिक्षक एस. संदीप शराब के नशे में थे और अचानक हिंसक हो गए. वह अस्पताल के बिस्तर से कूद गए, कैंची पकड़ ली और एक पुलिसकर्मी सहित कई लोगों को चाकू मार दिया.
वंदना कोट्टारक्करा सरकारी तालुक अस्पताल में एक हाउस सर्जन के रूप में कार्यरत थीं, जहां यह घटना हुई. हमले में घायल होने के बाद में तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
युवा महिला डॉक्टर की हत्या को लेकर केरल हाईकोर्ट के साथ-साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. हाईकोर्ट में यह कहा गया कि इस तरह की घटना से युवा डॉक्टरों द्वारा सिस्टम पर किया गया विश्वास खत्म हो सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एक विशेष बैठक के बाद राज्य पुलिस प्रमुख को गुरुवार सुबह एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और ऑनलाइन सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया. आईएमए ने एक बयान में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और मेडिकल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानूनों को लागू करने की मांग की.
डॉ. वंदना दास की जघन्य हत्या का जिक्र करते हुए जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस डॉ. कौसर एडप्पागथ की पीठ ने कहा, ‘हमें यह कहना चाहिए कि अब हम जो देख रहे हैं, वह कुछ ऐसा है, जिससे हम हमेशा डरते थे और हितधारकों को लगातार सावधान करते रहे हैं. यह चौंकाने वाली घटना सिस्टम में विश्वास को कम कर सकती है, खासकर युवा छात्रों और हाउस सर्जनों के लिए और अब यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि ऐसा न हो.’
पीठ ने उन कमरों/स्थानों के सीसीटीवी दृश्यों को संरक्षित करने का भी निर्देश दिया, जहां घटना हुई थी और न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट-I कोट्टारक्करा को तालुक अस्पताल का दौरा करने और घटनास्थल का निरीक्षण करने और कल (बृहस्पतिवार) तक अदालत को रिपोर्ट करने के लिए कहा है.
पीठ ने कहा, ‘किसी भी अन्य सोच समझ वाले नागरिक की तरह हम इस दुखद घटना से हैरान और व्याकुल हैं और यह सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होने के लिए असहाय महसूस करते हैं कि डॉ. वंदना दास एक पूर्ण जीवन जी सकती थी. कम से कम हम उनके दोस्तों, रिश्तेदारों, सहपाठियों और सहकर्मियों को आश्वस्त कर सकते हैं कि उसके बलिदान को आसानी से नहीं भुलाया जा सकेगा.’
पुलिस को घेरते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी के साथ पुलिसकर्मी और अन्य लोग थे, लेकिन उनमें से कोई भी उनकी रक्षा नहीं कर सका. इसके कारणों का पता लगाना होगा.
अदालत ने कहा, ‘जब एक डॉक्टर को इतने भीषण तरीके से मार दिया गया, तो यह प्रथमदृष्टया उस सुरक्षात्मक प्रणाली के टूटने को स्थापित करता है जिससे उसकी देखभाल करने की उम्मीद की जा रही थी. यह और भी बड़ा मामला है, क्योंकि यह घटना एक सरकारी अस्पताल में हुई थी, जब यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी व्यक्तियों, विशेष रूप से पुलिस और सुरक्षाकर्मियों का कर्तव्य था कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य पेशेवरों, नर्सों और अन्य को अधिकतम सीमा तक सुरक्षित रखा जाए.’
केरल हेल्थकेयर सर्विस पर्सन एंड हेल्थकेयर सर्विस इंस्टिट्यूशंस (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) अधिनियम, 2012 में संशोधन करने के राज्य सरकार के कदम का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि ‘कोई ठोस परिणाम हमारे ध्यान में नहीं लाया गया है’.
अदालत ने कहा कि उसने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले के संबंध में अतीत में कई आदेश पारित किए थे और इस बात पर जोर दिया था कि ऐसी घटनाओं पर पुलिस को एक घंटे की अवधि के भीतर संज्ञान लेना चाहिए.
अदालत ने यह भी कहा कि नागरिकों को इस तरह के हमले के परिणामों के बारे में जागरूक करना होगा. हम अभी भी अवगत नहीं हैं कि क्या इन निर्देशों को पूरी तरह से लागू किया गया है.
बहरहाल घटना के तुरंत बाद सरकारी डॉक्टरों ने काम का बहिष्कार कर दिया और वंदना के लिए न्याय की मांग करते हुए राज्यभर में सड़कों पर उतर गए.
#WATCH | Thiruvananthapuram, Kerala: Doctors hold protest in front of Secretariat & demand protection for doctors in hospitals after a woman doctor was stabbed to death by her patient pic.twitter.com/pSEtC7VQ6y
— ANI (@ANI) May 11, 2023
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से कार्रवाई की भी मांग की. केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी घोषणा की कि वे गुरुवार को भी आपात स्थिति को छोड़कर राज्य में ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे.
मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने डॉक्टर की मौत को ‘चौंकाने वाला’ और ‘दर्दनाक’ बताया, और कहा कि ड्यूटी पर स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा, ‘घटना की व्यापक जांच की जाएगी और सरकार डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.’
Shocked and deeply saddened by the murder of Dr. Vandana Das at Kottarakkara Taluk Hospital in Kerala. GoK will take enhanced measures to prevent such acts & ensure healthcare professionals' safety. Heartfelt condolences to her family & friends, as we join in their grief. pic.twitter.com/Ukegz1PRSm
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) May 10, 2023
कोट्टायम जिले के मंजूर शहर की रहने वाली डॉ. वंदना व्यवसायी केजी मोहनदास और वसंत कुमारी की इकलौती बेटी थीं. उन्होंने अज़ीज़िया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोल्लम से एमबीबीएस किया था.
एमबीबीएस की परीक्षा के बाद उन्हें एक ग्रामीण अस्पताल में 84 दिनों की सेवा पूरी करनी थी. इसके लिए उन्होंने बीते मार्च महीने से कोट्टारक्करा अस्पताल में काम करना शुरू किया था.
डॉ. वंदना की हत्या के आरोपी संदीप कोल्लम के नेदुम्पना में एक सरकारी सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुसान ने कहा, ‘उन्होंने दिसंबर 2021 में जॉइन किया था. दरअसल वह दूसरे सहायता प्राप्त स्कूल से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन एक संरक्षित शिक्षक बन गए, क्योंकि उस स्कूल में पर्याप्त छात्र नहीं थे. हमें ऐसी कोई घटना नहीं मिली है जिससे पता चलता हो कि वह ड्रग एडिक्ट हैं. हमें उसके व्यवहार के बारे में कोई शिकायत नहीं है.’
हालांकि, उनके पड़ोसी श्रीकुमार ने कहा कि संदीप को शराब के नशे में विवाद पैदा करने और हिंसक होने की आदत थी. मंगलवार रात उसने नशे की हालत में अपनी मां से झगड़ा किया था.