2021-22 में पीएम बीमा योजना का अधिक दावा वितरण कोविड की दूसरी लहर में ज़्यादा मौतों को दर्शाता है

साल 2020-21 में जब भारत कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चपेट में था, तब प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत तहत दावों का वितरण 49.2 प्रतिशत बढ़कर 63,181 हो गया था. वित्त वर्ष 2021-22 में यह 438 प्रतिशत बढ़कर 3,40,192 हो गया.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

साल 2020-21 में जब भारत कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चपेट में था, तब प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत तहत दावों का वितरण 49.2 प्रतिशत बढ़कर 63,181 हो गया था. वित्त वर्ष 2021-22 में यह 438 प्रतिशत बढ़कर 3,40,192 हो गया.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत दावों का वितरण (Disbursal of Insurance Claim) वित्तीय वर्ष 2021-22 में 438 प्रतिशत बढ़कर 3,40,192 हो गया है.

सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमा योजना किसी भी कारण से मृत्यु कवरेज प्रदान करती है. 18-50 वर्ष की आयु के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत नामांकन के लिए पात्र हैं. यह योजना मई 2015 में शुरू की गई थी.

वित्त मंत्रालय द्वारा 9 मई को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020-21 में जब भारत कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चपेट में था, तब इस योजना के तहत दावों का वितरण 49.2 प्रतिशत बढ़कर 63,181 हो गया था.

हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2021-22 में बीमा दावों में 438 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान मौतों की उच्च संख्या को दर्शाता है और सरकार द्वारा महामारी की स्थिति से निपटने पर सवाल भी उठाता है.

वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के तहत नामांकन (Enrollments) 191 प्रतिशत बढ़कर 3 करोड़ 20 लाख होने के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में 20.6 प्रतिशत गिरकर 2 करोड़ 54 लाख हो गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में योजना के तहत वार्षिक नामांकन 30 प्रतिशत बढ़कर 3 करोड़ 30 लाख के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.

जो लोग 50 वर्ष पूरा करने से पहले योजना में शामिल होते हैं, सालाना नियमित प्रीमियम के भुगतान पर उन्हें 55 वर्ष तक के जीवन तक जोखिम कवर मिलता है. यह उन पॉलिसी वर्षों के लिए है, जो 1 जून से 31 मई तक चलते हैं.

योजना के तहत 436 रुपये सालाना के प्रीमियम पर मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये का लाइफ कवर दिया जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक भारत में कोविड-19 से सबसे अधिक 47 लाख मौतें होने का अनुमान लगाया गया था. इसने कहा था कि भारत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर लगभग 10 गुना अधिक थी.

आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के कारण भारत में इस महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के दौरान हुईं इन 47 लाख मौतों में से 8 लाख 30 हजार मौतें (17.65 प्रतिशत) 2020 में हुईं; बाकी मौतें 2021 में हुई थीं.

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