कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. अब तक के रुझानों में कांग्रेस 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि 126 पर वह बढ़त बनाए हुए है. भाजपा के खाते में 64 सीटें नज़र आ रही हैं, वहीं जनता दल (सेक्युलर) का प्रदर्शन भी बीते चुनाव की अपेक्षा गिरा है.
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं. सभी 224 विधानसभा सीटों के रुझान आ चुके हैं, जिनमें कांग्रेस फिलहाल बहुमत की स्थिति में नज़र आ रही है. राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपनी हार स्वीकार कर ली है.
भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा रुझानों में कांग्रेस के खाते में कुल 136 सीटें नजर आ रही हैं. 10 सीट पर उसने जीत दर्ज कर ली है, जबकि 126 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. गौरतलब है कि सदन में बहुमत का आंकड़ा 113 है, जिसे कांग्रेस अकेले के बूते ही पार करती दिख रही है. पिछले चुनाव में पार्टी को 80 सीटें प्राप्त हुई थीं.
वहीं, भाजपा को बड़ा झटका लगा है. पिछले विधानसभा चुनाव में 104 सीट जीत कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी भाजपा महज 64 सीटों पर सिटमती दिख रही है. अब तक के रुझानों में 4 सीटें उसकी झोली में आई हैं, और 60 पर वह आगे है.
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ कुछ समय तक गठबंधन की सरकार चलाने वाली जनता दल (सेक्युलर) को भी नुकसान उठाना पड़ा है. उसके सिर्फ 19 उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं और 1 सीट पर उसने जीत दर्ज की है. जबकि, पिछले चुनाव में जेडीएस को 37 सीटें प्राप्त हुई थीं.
2 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी भी बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि 2 सीट अन्य क्षेत्रीय दलों के खाते में हैं.
मत प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को अब तक के रुझानों में 43.04 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं, जबकि भाजपा को 35.76 और जेडीएस को 13.32 फीसदी मत मिले हैं.
बसवराज बोम्मई ने मीडिया से बात करते हुए पार्टी की हार स्वीकार ली है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बहुत अधिक प्रयासों के बावजूद भी हम अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं. पूरे नतीजे आने के बाद हम विस्तृत विश्लेषण करेंगे. हम इस परिणाम को लोकसभा चुनाव में वापसी के अपने कदमों के रूप में देखते हैं.’
#WATCH | In spite of a lot of efforts put in by PM & BJP workers, we’ve not been able to make the mark. Once the full results come we’ll do a detailed analysis. We take this result in our stride to come back in Lok Sabha elections: Karnataka CM Bommai#KarnatakaElectionResults pic.twitter.com/ftNLsV5HHG
— ANI (@ANI) May 13, 2023
अगर बड़े नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री बोम्मई शिग्गांव सीट पर आगे हैं. कनकपुरा से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार आगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट पर भारी मतों से पीछे चल रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी वरुणा सीट पर आगे हैं.
चन्नपटना सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता कुमारास्वामी भी आगे हैं, हालांकि वह महज करीब 4 हजार मतों की बढ़त बनाए हुए हैं.
कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा को लेकर चुनाव सुर्खियों में रहा था. एनडीटीवी के मुताबिक, अब कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने बयान दिया है कि ‘हम चुनाव जीते हैं, इसलिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगेगा.’
मतगणना राज्य के 36 केंद्रों पर हो रही है. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.
बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल कांग्रेस को बढ़त पाते दिखा रहे थे, कई में तो कांग्रेस की सरकार का अनुमान लगाया गया था.
कांग्रेस और भाजपा के बीच के मुख्य मुकाबले में त्रिशंकु जनादेश की भी संभावना थी, जिसको लेकर जेडीएस उम्मीद लगा रहा था ताकि वह किंगमेकर की भूमिका निभा सके या पिछले विधानसभा चुनाव की तरह स्वयं सत्ता के शीर्ष तक पहुंच सके.
बहरहाल, वर्तमान में राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा कर्नाटक में क्रमिक बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा तोड़ नहीं पाई. पार्टी को प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार अभियान से सकारात्मक नतीजे मिलने की उम्मीद तो थी, लेकिन परिणाम उसके पक्ष में नहीं आए.
दोनों ही राष्ट्रीय दल इस चुनाव को अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी के तौर पर भी देख रहे हैं.
वहीं, नतीजों से एक दिन पहले डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि उनकी पार्टी कम से कम 141 सीटें जीतकर बहुमत प्राप्त करेगी.
चुनावों में कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर रोक लगाने, बढ़ते सांप्रदायिककरण, कट्टर हिंदुत्व, मुस्लिम कोटा खत्म करने जैसे मुद्दे सुर्खियों में रहे थे.