कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटे हासिल कर पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस 55 सीटों के फायदे में रही, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 38 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. जनता दल (सेकुलर) के लिए भी चुनावी नतीजे निराशाजनक रहे हैं.
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर मतगणना के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया है.
भारतीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक, विधानसभा की 224 सीटों पर आए नतीजों में कांग्रेस ने बहुमत के साथ 135 सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा को 66 सीटों पर जीत मिली है, जबकि जनता दल (सेकुलर) को 19, कल्याण राज्य प्रगति पथ और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के खाते में एक-एक सीट गई हैं तथा दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली हैं.
त्रिशंकु विधानसभा की आस लगाए बैठे जनता दल (सेकुलर) के लिए भी चुनावी नतीजे निराशाजनक रहे, उसे महज 19 सीटों पर जीत मिली. पिछले विधानसभा चुनाव में जेडी (एस) के खाते में 37 सीटें आई थीं और कांग्रेस के सहयोग से एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बन बैठे थे.
बहरहाल, पिछले विधानसभा चुनावों से तुलना करें तो कांग्रेस 55 सीटों के फायदे में रही है, वहीं भाजपा को 38 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. 2018 के विधानसभा चुनावों में दोनों दलों को क्रमश: 80 और 104 सीटें मिली थीं.
मत प्रतिशत के लिहाज से देखें, तो कांग्रेस को 42.93 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं, भाजपा को 35.95 और जेडी (एस) को 13.32 फीसदी मत मिले हैं. बता दें कि चुनाव में 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.
वहीं, कुछ प्रमुख नामों की बात करें तो लिंगायत समुदाय के बड़े नेता और भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से हार गए हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर को भी हार का सामना करना पड़ा है. एक और मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. सोमन्ना दो सीटों (चामराजनगर और वरुणा) से चुनाव लड़े थे और दोनों पर ही हार गए हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और तमिलनाडु के प्रभारी सीटी रवि भी कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए हैं. भाजपा के एक तिहाई से अधिक मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. हारने वाले मंत्रियों शिक्षा मंत्री बीसी नागेश भी शामिल हैं जो राज्य में शिक्षा के भगवाकरण को बढ़ावा देने और मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के खिलाफ मुखर रहे थे.
हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी शिग्गांव सीट पर 35,000 से अधिक मतों से जीतने में सफल रहे.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते जेडी (एस) उम्मीदवार निखिल कुमारास्वामी को भी हार का सामना करना पड़ा है.
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कनकपुरा विधानसभा से बहुत ही बड़ी जीत दर्ज की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे भी जीतने में सफल रहे.
बोम्मई सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे लक्ष्मण सावदी, जो भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने से इनकार करने पर कांग्रेस में चले गए थे, ने भी जीत दर्ज की है. उन्होंने अठानी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को पटखनी दी है.
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी वरुणा सीट पर जीत गए हैं. सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बनने के प्रबल दावेदार हैं.
इस बीच, कांग्रेस ने कर्नाटक में जीत का श्रेय राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दिया है.
“Intangible impact”: Congress credits Karnataka elections victory to Rahul Gandhi’s Bharat Jodo Yatra
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— ANI Digital (@ani_digital) May 13, 2023
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जीत की बधाई दी है. वहीं, राहुल गांधी ने कर्नाटक में जीत को नफरत पर मोहब्बत की जीत करार दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री बोम्मई ने हार स्वीकारते हुए कहा है कि पार्टी आवश्यक सुधार करेगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में विजेता बनकर उभरेगी.