साल 2022 में दुनियाभर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची

आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र और नॉर्वेन रिफ्यूजी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध और पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली मानसूनी बाढ़ के बीच साल 2022 में रिकॉर्ड 60.9 मिलियन नए विस्थापन दर्ज किए गए. यह 2021 में हुए विस्थापन की तुलना में 60 फीसदी अधिक है.

पाकिस्तान में बाढ़ग्रस्त रास्ते को पार करती महिलाएं. (प्रतीकात्मक फोटो: एशियन डेवलपमेंट बैंक/फ्लिकर)

आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र और नॉर्वेन रिफ्यूजी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध और पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली मानसूनी बाढ़ के बीच साल 2022 में रिकॉर्ड 60.9 मिलियन नए विस्थापन दर्ज किए गए. यह 2021 में हुए विस्थापन की तुलना में 60 फीसदी अधिक है.

पाकिस्तान में बाढ़ग्रस्त रास्ते को पार करती महिलाएं. (प्रतीकात्मक फोटो: एशियन डेवलपमेंट बैंक/फ्लिकर)

एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अंत तक दुनियाभर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (इंटरनली डिस्प्लेस्ड पीपल- आईडीपी) की संख्या 71.1 मिलियन (7 करोड़ से अधिक) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो 2021 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है.

आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (Internal Displacement Monitoring Centre- आईएमडीसी) और नॉर्वेन रिफ्यूजी काउंसिल (एनआरसी) की 76 पृष्ठीय रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक संकट, आंतरिक शक्ति संघर्ष और पर्यावरणीय आपदाओं की बढ़ोतरी ने न केवल विस्थापन को तेजी दी, बल्कि कमजोर लोगों को भी सबसे अधिक प्रभावित किया.

यूक्रेन में रूस के चल रहे युद्ध और पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली मानसूनी बाढ़ के बीच 2022 में रिकॉर्ड 60.9 मिलियन नए विस्थापन दर्ज किए गए. यह 2021 में देखे गए 38 मिलियन विस्थापन की तुलना में 60 फीसदी अधिक है.

आंतरिक तौर पर विस्थापितों की कुल संख्या में बढ़ोतरी दिखाता ग्राफ.

आईडीएमसी की प्रमुख एलेक्जेंड्रा बिलाक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि यह संख्या ‘बेहद अधिक’ है.

उन्होंने कहा, ‘बेशक ज्यादातर वृद्धि यूक्रेन में युद्ध के कारण हुई है, लेकिन पाकिस्तान में बाढ़, दुनियाभर में नए शुरू हुए और पहले से चल रहे संघर्षों आदि से भी हुई है.’

विस्थापन में रह रहे लगभग तीन-चौथाई लोगों का ठिकाना दस देशों- सीरिया, अफगानिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, यूक्रेन, कोलंबिया, इथियोपिया, यमन, नाइजीरिया, सोमालिया और सूडान- में है. इस आबादी का बड़ा हिस्सा अनसुलझे संघर्षों के कारण विस्थापित बना हुआ है.

यूक्रेन के अंदर 17 मिलियन, पाकिस्तान में 8 मिलियन और उप-सहारा अफ्रीका में 16.5 मिलियन (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और इथियोपिया में अफ्रीकी महाद्वीप पर सबसे अधिक विस्थापन देखा गया) विस्थापित हैं.

वैश्विक संघर्ष संख्या में बढ़ोतरी की वजह

संघर्षों के परिणामस्वरूप 2022 में 28.3 मिलियन का आंतरिक विस्थापन हुआ. वर्ष के दौरान यह आंकड़ा लगभग दोगुना हो गया है और पिछले एक दशक में वार्षिक औसत से तीन गुना अधिक है.

विस्थापन में रहने वाले लोगों की संख्या केवल बढ़ने की ही उम्मीद है क्योंकि सूडान में सत्ता संघर्ष जैसी चुनौतियां लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर करते हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 15 अप्रैल को शुरू हुए सत्ता संघर्ष से 7,00,000 से अधिक लोग पहले ही आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं, जबकि अन्य 1,50,000 लोग देश छोड़कर भाग गए हैं.

2022 में हिंसा और संघर्षों के कारण सबसे अधिक विस्थापन देखने वाले देश.

बिलाक ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से, यह जमीनी स्तर पर बहुत अस्थिर स्थिति है.’ उन्होंने जोड़ा कि सूडान में नए विस्थापित होने वाले लोग देश भर में पहले से ही विस्थापित हुए तीस लाख से अधिक लोगों की श्रेणी में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि संगठन ने अप्रैल के बाद से सूडान में विस्थापन की उतनी ही संख्या दर्ज की है जितनी उन्होंने पूरे 2022 में दर्ज की थी.

यूक्रेन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, म्यांमार और सोमालिया ने 2022 में नए विस्थापन में सबसे अधिक योगदान दिया था.

आपदा जनित विस्थापन

संघर्षों में वृद्धि के बीच जलवायु परिवर्तन के कारण बदतर हुईं प्राकृतिक आपदाएं ज्यादातर आंतरिक विस्थापन का कारण बनी हैं. इसके चलते 2022 में 32.6 मिलियन विस्थापन हुए, जो 2021 की तुलना में 40 फीसदी अधिक हैं.

पाकिस्तान, फिलीपींस, चीन, भारत और नाइजीरिया उन देशों की सूची में सबसे ऊपर हैं, जिन्होंने आपदाओं के कारण नए विस्थापन देखे.

एनआरसी प्रमुख जन एगलैंड ने एक बयान में कहा, ‘पिछले साल संघर्ष और आपदाओं ने मिलकर लोगों की पहले से मौजूद कमजोरियों और असमानताओं को बढ़ा दिया, जिससे उस स्तर पर विस्थापन शुरू हो गया, जो पहले नहीं देखा गया था.’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)