केरल के मल्लपुरम ज़िले के किझिसरी का मामला. मृतक की पहचान 36 वर्षीय राजेश मांजी के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि मृतक के सीने, पसलियों और पेट में गंभीर चोटें आई थीं.
नई दिल्ली: बिहार के एक 36 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति को बीते शनिवार (13 मई) को केरल के मलप्पुरम जिले के किझिसरी में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला. मृतक की पहचान राजेश मांजी के रूप में हुई है. कोंडोट्टी पुलिस ने इस अपराध के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच शुरू कर दी है.
समाचार वेबसाइट द न्यूज मिनट से बातचीत में कोंडोट्टी के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विजय भारत रेड्डी ने बताया, ‘पहले हमने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया, फिर हमने संबंधित धारा को आईपीसी की धारा 302 (हत्या के लिए सजा) में बदल दिया. मृतक शख्स घटना के दो दिन पहले ही मलप्पुरम पहुंचा था. उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हो गई. हमने घटना की जांच शुरू कर दी है.’
मलप्पुरम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुजीत दास ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि यह स्पष्ट रूप से मॉब लिंचिंग का मामला है.
एसपी के मुताबिक, कुछ संदिग्धों ने शनिवार सुबह पुलिस को सूचना दी कि एक घर के पास एक शव पड़ा हुआ है. एक घर में चोरी के संदेह में मृतक राजेश को कुछ स्थानीय लोगों ने बेरहमी से पीटा गया था.
एसपी ने कहा कि लोगों ने राजेश पर हमला करने के लिए लोहे की छड़ों और लाठी का इस्तेमाल किया और उनकी पूछताछ के दौरान वह कुछ देर के लिए बेहोश हो गया था.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी राजेश को घसीटकर एक बंद शटर की ओर ले गए और वहां छोड़ दिया. कुछ देर बाद एक आरोपी ने एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता को सूचना दी, जो तुरंत मौके पर पहुंचे और राजेश को अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
एसपी ने कहा, ‘मुहम्मद अफसल के घर के पास एक चिकन की दुकान में काम करने वाले दो लोगों ने शनिवार तड़के कुछ शोर सुना और देखने पहुंचे. उन्होंने राजेश को एक कोने में बैठा देखा तो अंदर सो रहे मकान मालिक अफसल और उसके परिवार को बुलाया. अफसल के दो भाई भी पहुंचे और उन सभी ने राजेश पर चोरी का आरोप लगाते हुए पूछताछ और मारपीट की. यह दो घंटे तक जारी रहा.’
उन्होंने कहा कि बाद में आरोपी राजेश को पास के एक चौराहे पर ले गए और अनवर नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता को इसके बारे में सूचित किया. अनवर ने ही पुलिस को सूचना दी थी. रात में गश्त करने वाले पुलिसकर्मी राजेश को पास के एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
जांच में पुलिस ने पाया कि आठों आरोपी पीड़ित को पीटने में सीधे तौर पर शामिल थे. उन्होंने यह भी पाया कि राजेश के हाथ बंधे हुए थे. एसपी ने कहा कि राजेश के सीने, पसलियों और पेट में गंभीर चोटें आई थीं.
पुलिस ने आठ लोगों की गिरफ्तारी दर्ज की है और एक व्यक्ति से पूछताछ कर रही है, जिसने कथित तौर पर एक सीसीटीवी कैमरे सहित सबूत मिटा दिए, साथ ही आरोपी के फोन पर कई संदेशों को हटा दिया.
गिरफ्तार लोगों में मकान मालिक (मुहम्मद अफसल) और उसके रिश्तेदार शामिल हैं.