कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह दर्दनाक है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से कर रहे हैं. यह देवता का अपमान करने के समान है. इसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बीते सोमवार को कहा कि ‘हिंदुत्व’, ‘धर्म’ नहीं है, क्योंकि इसके तहत उन लोगों पर हमला करना शामिल है, जो इससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म में विश्वास करते हैं जो सद्भाव और सभी के कल्याण का उपदेश देता है.
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने विश्व हिंदू परिषद विहिप की युवा शाखा बजरंग दल को ‘गुंडों की जमात’ करार दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमारा धर्म, सनातन धर्म है. हम हिंदुत्व को धर्म नहीं मानते. ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सदभावना हो, विश्व का कल्याण हो’ जैसे नारे सनातन धर्म की सभाओं की पहचान हैं. यही सनातम धर्म है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘लेकिन हिंदुत्व के साथ ऐसा नहीं है. हिंदुत्व का मतलब, जो सहमत नहीं हैं उन्हें डंडों से मारो, उनके घरों को तोड़ो, बेईमानी से धन ले लो.’
सिंह ने कहा कि यह दर्दनाक है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘गुंडों की जमात’ ने जबलपुर कांग्रेस कमेटी कार्यालय (चार मई को) में तोड़फोड़ की थी.
मालूम हो कि बीते चार मई को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबलपुर शहर स्थित कांग्रेस कार्यालय में कथित रूप से तोड़फोड़ की थी. कर्नाटक में सत्ता में आने पर संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने के विरोध में कथित तौर पर बजरंग दल ने इस कृत्य को अंजाम दिया था.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से करना देवता का अपमान करने के समान है. उन्होंने कहा, ‘आपको माफी मांगनी चाहिए.’
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस संविधान, नियमों और कानूनों का पालन करती है.
कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के चुनावी वादे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने नफरत फैलाने वाला बयान देने वाले किसी भी धर्म के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. हम इसका पालन करेंगे.’
कांग्रेस ने हाल ही में हुए कर्नाटक चुनावों के अपने घोषणा-पत्र में कहा था कि पार्टी जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच ‘नफरत फैलाने’ वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस के घोषणा-पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर उस पर कटाक्ष किया था.
उन्होंने कहा था कि पार्टी (कांग्रेस) ने पहले भगवान राम को बंद कर दिया था और अब यह जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को बंद करना चाहती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 3 मई को कर्नाटक के लोगों से वोट डालने पर ‘जय बजरंग बली’ कहने का आग्रह किया था ताकि कांग्रेस को ‘दुरुपयोग की संस्कृति’ के लिए ‘दंडित’ किया जा सके.
वहीं, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के प्रयास में जान-बूझकर बजरंग दल को भगवान हनुमान के साथ मिलाने का आरोप लगाया है.
हालांकि कांग्रेस के खिलाफ भाजपा को कर्नाटक में हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणाम 13 मई को घोषित किए गए थे.