संसदीय समिति ने जेलों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की

जेल व्यवस्था में सुधार के सिलसिले में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की जेलों की स्थिति और उनमें सुधार के मुद्दे पर चर्चा की गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जेल व्यवस्था में सुधार के सिलसिले में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की जेलों की स्थिति और उनमें सुधार के मुद्दे पर चर्चा की गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जेल व्यवस्था में सुधार के सिलसिले में बीते मंगलवार (16 मई) को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की जेलों की स्थिति और उनमें सुधार के मुद्दे पर चर्चा की गई.

बैठक में शामिल होने के लिए तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारियों को भी तलब किया गया था. समिति के सदस्यों ने तिहाड़ और अन्य जेलों में सुरक्षा की कमी के बारे में कई सवाल पूछे.

समाचार एजेंसी एएनआई की ​रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कांग्रेस के एक सदस्य ने तिहाड़ जेल के आला अधिकारियों से सीधा सवाल किया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जेल में बंद एक हाईप्रोफाइल कैदी को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.

बैठक में कई सदस्यों ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या व अन्य मामलों को लेकर गंभीर सवाल उठाए.

टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड को लेकर एक सदस्य ने तिहाड़ जेल प्रशासन से पूछा कि इस मामले में क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

जेल अधिकारी ने कहा, ‘इस घटना में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे.’

बैठक में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येंद्र जैन की मालिश का मुद्दा भी उठा और तिहाड़ में हुईं हत्याओं पर भी चिंता जताई.

बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, ‘पिछले दिनों तिहाड़ जेल से आईं खबरों को लेकर सदस्यों ने कई सवाल पूछे. इसमें दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में तिहाड़ जेल में मालिश कराते हुए देखा गया था.’

समिति के एक सदस्य ने कहा कि ‘इस तरह की घटनाएं भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करती हैं और जेलों में सुरक्षा के बारे में सवाल उठाती हैं. जाहिर तौर पर विजय माल्या जैसे भारत के भगोड़े लोगों के लिए एक संकेत है, जो भारतीय जेलों में सुरक्षा की कमी का हवाला देते हुए ब्रिटेन की अदालतों में अपने प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.’

बैठक में चारों राज्यों के वरिष्ठ जेल अधिकारियों के साथ अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी बुलाया गया था. उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व पुलिस अधिकारी बृजलाल इस समिति के अध्यक्ष हैं.