जयपुर में नींदड आवासीय योजना के विरोध में किसानों ने पिछले महीने ज़मीन समाधि सत्याग्रह किया था.
जयपुर: जयपुर के नींदड गांव में जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे 15 किसानों को रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पुलिस ने बीते शनिवार को इन किसानों को कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने पर गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस के अनुसार किसानों के आंदोलन के दौरान जयपुर से नींदड गांव को जोड़ने वाली सड़क को नुकसान पहुंचाने के लिये नींदड बचाओ संघर्ष समिति के समन्वयक नागेंद्र सिंह और चार अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की उपयुक्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अशोक गुप्ता ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने की धारा 3 और भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी की घटना के बाद 10 अन्य किसानों के विरुद्ध शनिवार को मामला दर्ज किया गया था. इन दोनों मामलों में 15 किसानों को गिरफ्तार किया गया था.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए 15 किसानों में से 10 किसानों को भारतीय दंड संहिता की धारा 151 (शांति भंग) के तहत गिरफ्तार किया गया. सभी को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
हाल ही में नींदड गांव में कृषि भूमि के अधिग्रहण को लेकर किसानों ने 30 दिन तक जमीन समाधि (जमीन में गड्डा बनाकर उसमें खड़े होकर) लेकर आंदोलन किया था.
गत 31 अक्टूबर को जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से ज़मीन अधिग्रहण पर नए सिरे से सर्वे का लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त कर दिया था.
हालांकि राज्य सरकार ने किसानों की जमीन पर फिर से सर्वे की मांग मानते हुए घोषणा की थी कि कॉलोनी में जयपुर विकास प्राधिकरण की कब्जे वाली जमीन पर विकास कार्य जारी रखेगी.
प्राधिकरण के जोन उपायुक्त राजकुमार सिंह ने बताया कि नींदड गांव के किसानों के पुनर्वास के लिए प्राधिकरण पहले कॉलोनी की लगभग 37 बीघा ज़मीन का विकास करेगी.
किसानों ने ज़मीन के कुछ हिस्से में कार्य करने की स्वीकृति दे दी थी. किसानों को गुमराह करने वाले नेताओं की गिरफ्तारी के बाद रविवार को काम शांतिपूर्ण तरीके से किया गया.
गौरतलब है कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) द्वारा नींदड आवासीय क्षेत्र की भूमि को अधिग्रहण से मुक्त करवाने की मांग को लेकर प्रभावितों किसानों ने बीते दो अक्टूबर को ज़मीन समाधि सत्याग्रह किया.
प्रभावित किसानों के अनुसार, जयपुर विकास प्राधिकरण गरीब लोगों की अपने पूर्वजों की भूमि को जबरदस्ती अधिगृहीत कर रही है. सरकार हमारी जायज़ मांगों पर बात करने को तैयार तक नहीं है.
प्राधिकरण के विरोध में पुरुष और महिलाएं करीब पांच से छह फुट गहरे गड्ढे खोदकर उसमें धरना दे रहे थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)