जम्मू कश्मीर के 80,000 से अधिक छात्र कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में शामिल होने वाले हैं, लेकिन अनेकों छात्रों को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा प्रदेश के बाहर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं, जिसके बाद से घाटी में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
श्रीनगर: 25, 26, 27 और 28 मई को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में शामिल होने वाले कश्मीर के सैकड़ों छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें उनके गृहनगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर और कई मामलों में पूरी तरह जम्मू कश्मीर के बाहर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं.
तीन दिन पहले केंद्र आवंटित किए जाने के बाद से सीयूईटी कराने करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के खिलाफ घाटी में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से लगभग 80,000 छात्रों ने सीयूईटी परीक्षा के लिए आवेदन किया है.
सीयूईटी भारत के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न स्नातक, एकीकृत, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, सर्टिफिकेशन कोर्स और अनुसंधान कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक नई शुरू की गई अखिल भारतीय परीक्षा है.
यह उच्च शिक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि, अब स्कूल छोड़ने वाले छात्र जो गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, उनके लिए परीक्षा केंद्रों तक जाने के लिए भारी खर्चों को वहन करना चुनौतीपूर्ण है.
‘इतना यात्रा खर्च वहन नहीं कर सकते’
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के अबरार अहमद मीर ने कहा कि वह अपने गृहनगर से परीक्षा देना पसंद करते, जो श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर है. लेकिन, विकल्प सीमित होने के कारण मीर ने श्रीनगर और बारामूला जिले में एक परीक्षा केंद्र का अंतिम तौर पर चयन किया था.
मीर ने कहा, ‘अब मैं यह देखकर हैरान हूं कि मेरा केंद्र जम्मू कश्मीर के बाहर आवंटित किया गया है.’
पटियाला, जहां से मीर को परीक्षा देनी है, 660 किलोमीटर दूर है.
जिन छात्रों के केंद्र जम्मू कश्मीर के बाहर आवंटित किए गए हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें परीक्षा की तारीख से दो या तीन दिन पहले परीक्षा केंद्र वाली जगह पहुंचना होगा, ताकि उन केंद्रों को तलाश सकें और रहने-खाने की व्यवस्था कर सकें.
इस पूरी कवायद में हजारों खर्च होने की संभावना है.
मीर के पिता, जो पेशे से एक मजदूर हैं, ने कहा कि वह इतना यात्रा खर्च वहन नहीं कर सकते. मीर को लगता है कि उनके पास परीक्षा छोड़ने और अपना करिअर बर्बाद होते देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जब तक कि उनके परीक्षा केंद्र को किसी नजदीकी स्थान पर फिर से आवंटित नहीं किया जाता.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप की अपील करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने ट्विटर पर लिखा, ‘गरीब छात्रों के पास यात्रा खर्च का भुगतान करने के साधन नहीं हैं.’
उन्होंने ट्विटर पर उपराज्यपाल सिन्हा को संबोधित करते हुए लिखा, ‘विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने जम्मू कश्मीर के अधिकांश छात्रों को क्षेत्र से बाहर परीक्षा केंद्र दिए हैं, जिससे उनके लिए अपनी परीक्षा देना चुनौतीपूर्ण हो गया है. गरीब छात्रों के पास यात्रा खर्च का भुगतान करने के लिए साधनों की कमी होती है.’
Appealing to @OfficeOfLGJandK to intervene.
— M Y Tarigami (@tarigami) May 17, 2023
उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के कांडी क्षेत्र के शाकिर मकबूल को पंजाब के पठानकोट में परीक्षा केंद्र मिला है. उन्होंने कहा कि यह अनुचित है कि किसी कॉलेज में प्रवेश की संभावना एक गरीब परिवार से 20,000 रुपये छीन सकती है.
मकबूल ने कहा, ‘मेरे पिता एक किसान हैं और वह यात्रा एवं अन्य खर्चों के लिए इतना पैसा नहीं दे सकते. मुझे परीक्षा छोड़नी होगी.’
वहीं, जो छात्र अपने परीक्षा केंद्रों तक 700-800 किलोमीटर की यात्रा करने की सोच रहे हैं, उन्हें डर है कि वे इससे थक जाएंगे और इस तरह परीक्षा अच्छी तरह से नहीं लिख पाएंगे.
सुरक्षा की चिंता
चिंता छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी है. मध्य कश्मीर के बडगाम जिले की इफ्फत शब्बीर को पंजाब में केंद्र आवंटित किया गया है और उनके माता-पिता खर्च वहन करने में सक्षम नहीं होने के अलावा, अपनी बेटी को अकेले दूसरे राज्य में भेजने को लेकर आशंकित हैं.
शब्बीर भी परीक्षा देने नहीं जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘हम गरीब भी हैं और जीवन में अन्य संघर्ष भी हैं और अब एनटीए का यह निर्णय हमारी समस्याओं को बढ़ा रहा है. ऐसा लगता है कि उन्हें छात्रों और उनकी सुविधा की कोई परवाह नहीं है.’
अन्य राजनीतिक दलों ने भी मामले को उठाया है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि प्रशासन की ओर से उन हजारों छात्रों के अनुरोध को नजरअंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो लंबी दूरी की यात्रा किए बिना इस परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं.
भान ने कहा कि खराब मौसम के कारण राजमार्ग अक्सर बंद हो जाते हैं और हवाई यात्रा एक व्यवहार्य विकल्प नहीं है, जिसमें जाने-आने (राउंड ट्रिप) की लागत 20,000 से कम नहीं बैठती.
उन्होंने कहा, ‘यह प्रशासन और विशेष रूप से शिक्षा मंत्रालय की ओर से छात्रों की वास्तविक चिंताओं को दूर नहीं करने की दिशा में बहुत असंवेदनशील और बहुत कठोर रवैया है.’
छात्रों का अनुमान है कि दूर के केंद्रों को आवंटित करने का कारण यह रहा होगा कि जम्मू कश्मीर में बहुत सारे केंद्रों में कंप्यूटर परीक्षा आयोजित करने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है. इस पर वे पूछते हैं कि अधिकारी कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित कराने के अपने निर्णय पर क्यों अड़े हुए थे.
भान ने पूछा कि कैसे देश जी-20 आयोजनों के लिए विदेशी प्रतिनिधियों की मेजबानी कर सकता है, लेकिन छात्रों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर सकता.
जम्मू कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने और जम्मू कश्मीर के भीतर परीक्षा केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
#CUET Centres Outside Valley:J&K Students Association Writes to JK LG for Intervention @dpradhanbjp @OfficeOfLGJandK pic.twitter.com/IExFUUF4iy
— Nasir Khuehami (ناصر کہویہامی) (@NasirKhuehami) May 18, 2023
कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निलोफर खान समेत जम्मू कश्मीर के राजनेताओं और अन्य प्रमुख हस्तियों ने संबंधित अधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए लिखा है.
इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एनटीए श्रीनगर में एक अस्थायी परीक्षा केंद्र स्थापित करने पर विचार कर रहा है, ताकि उन उम्मीदवारों को समायोजित किया जा सके जिन्हें जम्मू कश्मीर के बाहर केंद्र आवंटित किए गए हैं.
इसने एक आधिकारिक आदेश में कहा, ‘एनटीए उन उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए श्रीनगर में एक अस्थायी केंद्र स्थापित करने की संभावना तलाश रहा है, जिन्हें (केंद्रशासित प्रदेश के) बाहर केंद्र आवंटित किए गए हैं.’
हालांकि, एनटीए ने साथ में यह भी कहा, ‘जम्मू कश्मीर और झारखंड में उम्मीदवारों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण कुछ उम्मीदवारों को फिर भी उनके द्वारा चुने गए राज्य से बाहर सीयूईटी देने जाना पड़ सकता है.’
(लेखक जम्मू कश्मीर की स्वतंत्र पत्रकार हैं. इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)