हरियाणा: 18 महीनों में 114 चिकित्सा अधिकारियों ने इस्तीफ़ा दिया, सरकार ने जांच आयोग गठित किया

हरियाणा सरकार ने अभी तक इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सा अधिकारियों के इस्तीफ़ों के पीछे के कारण का ख़ुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ चिकित्सा अधिकारियों ने इशारा किया है कि ऐसा ज़्यादातर वेतन संरचना (जो कि निजी क्षेत्र में दी जा रही पेशकश के बराबर नहीं है), काम के भारी बोझ और नई पेंशन योजना की शुरुआत के कारण है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Marcelo Leal/Unsplash)

हरियाणा सरकार ने अभी तक इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सा अधिकारियों के इस्तीफ़ों के पीछे के कारण का ख़ुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ चिकित्सा अधिकारियों ने इशारा किया है कि ऐसा ज़्यादातर वेतन संरचना (जो कि निजी क्षेत्र में दी जा रही पेशकश के बराबर नहीं है), काम के भारी बोझ और नई पेंशन योजना की शुरुआत के कारण है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Marcelo Leal/Unsplash)

नई दिल्ली: पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा हरियाणा अब एक नए संकट का सामना कर रहा है. 100 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों (मेडिकल ऑफिसर्स) ने सेवा में शामिल होने के दो साल से भी कम समय में सेवा से इस्तीफा दे दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक के मुताबिक, बीते 18 माह में इस्तीफा देने वाले चिकित्सा अधिकारियों की कुल संख्या 114 है. जिसके चलते सरकार ने जांच आयोग का गठन किया है.

हालांकि, सरकार ने अभी तक इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफों के पीछे के कारण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ चिकित्सा अधिकारियों ने इशारा किया है कि ऐसा ज्यादातर वेतन संरचना (जो कि निजी क्षेत्र में दी जा रही पेशकश के बराबर नहीं है), काम के भारी बोझ और नई पेंशन योजना की शुरुआत के कारण है.

आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में हरियाणा में 92 सरकारी चिकित्सा अधिकारियों ने इस्तीफा दिया था.

इस साल अब तक 22 और इस्तीफा दे चुके हैं. इस्तीफों के अलावा 13 अन्य ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) का विकल्प चुना है.

इनमें से 8 ने 2022 में वीआरएस लिया, जिनमें सात वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी थे. अन्य 5 ने इस साल वीआरएस लिया है.

अखबार के मुताबिक, यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब राज्य पहले से ही सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरीज में 21 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा अधिकारियों की कमी का सामना कर रहा है.

राज्य में चिकित्सा अधिकारियों के कुल स्वीकृत 3915 पदों में से 840 रिक्त हैं. रिक्त पदों का प्रतिशत 38 फीसदी से अधिक है.