कर्नाटक: मुख्यमंत्री के ‘फ्रीबीज़’ देने की आलोचना वाले पोस्ट के लिए सरकारी शिक्षक निलंबित

कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने सरकार के मुफ्त में सामान और सुविधा देने के वादों पर सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर हमेशा क़र्ज़ बढ़ जाता है.

कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: फेसबुक/@Siddaramaiah)

कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने सरकार के मुफ्त में सामान और सुविधा देने के वादों पर सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर हमेशा क़र्ज़ बढ़ जाता है.

कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: फेसबुक/@Siddaramaiah)

तुमकुरु: कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को कांग्रेस की नवगठित सिद्धारमैया सरकार की कथित रूप से आलोचना करने पर रविवार को निलंबित कर दिया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षक ने सरकार के मुफ्त में सामान देने वाले वादों पर सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर हमेशा कर्ज बढ़ जाता है.

चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा तालुक के शिक्षक शांतामूर्ति एमजी ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान कर्ज – एसएम कृष्णा 3,590 करोड़ रुपये, धरम सिंह 15,635 करोड़ रुपये, एचडी कुमारस्वामी 3,545 करोड़ रुपये, बीएस येदियुरप्पा 25,653 करोड़ रुपये, डीवी सदानंद गौड़ा 9,464 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टार 13,464 करोड़ रुपये और सिद्धारमैया 2,42,000 रुपये कर्ज था.’

शिक्षक ने कहा कि एसएम कृष्णा के समय से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों द्वारा लिए गए ऋण 71,331 करोड़ रुपये थे, लेकिन सिद्धारमैया के कार्यकाल (2013-18) के दौरान यह 2,42,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पोस्ट में लिखा है, ‘इसलिए उनके लिए मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है.’

चित्रदुर्ग में जिला उप-निदेशक (सार्वजनिक निर्देश) के. रविशंकर रेड्डी ने कहा कि उन्होंने शिक्षक के निलंबन का आदेश दिया है, क्योंकि उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम-1966 का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि विभागीय जांच भी कराई जाएगी.

सिद्धारमैया मंत्रिमंडल ने शनिवार को शपथ ग्रहण के बाद अपनी पहली बैठक में कांग्रेस के पांच बड़े चुनावी वादों को लागू करने पर सहमति जताई, जिससे राज्य के खजाने से सालाना लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.