कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 31 मार्च 2023 तक कुल 181 करोड़ 2,000 रुपये के नोट चलन में थे, जो 3.62 लाख करोड़ रुपये होते हैं. इसका अधिकांश हिस्सा काला धन रखने वालों के पास है. बिना आईडी या फॉर्म के नोट बदलने का कहकर मोदी सरकार द्वारा काला धन रखने वालों का शाही स्वागत किया जा रहा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार (23 मई) को आरोप लगाया कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के कदम से काले धन को जमा करने वालों को सुविधा होगी और नोट बंद करने की इस कवायद पर एक श्वेत-पत्र लाने की मांग की.
द हिंदू के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम इस पर एक श्वेत-पत्र की मांग करते हैं कि 2,000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे और जो लोग कह रहे थे कि सारा काला धन समाप्त हो जाएगा. 2,000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला क्यों लिया गया?’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम नोटबंदी की आठवीं बरसी पर सरकार से पूछना चाहते हैं कि वे कौन लोग थे जिन्होंने सबसे पहले 2,000 रुपये के नोट लाने का सुझाव दिया था और इन नोटों को क्यों लाया गया था.’
वल्लभ ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक कुल 181 करोड़ 2,000 रुपये के नोट चलन में थे, जो कि 3.62 लाख करोड़ रुपये होते हैं. उन्होंने कहा कि अचानक लिया गया फैसला असंगठित क्षेत्र को एक बार फिर दबाव में डालेगा.
उन्होंने कहा कि छह करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और 11 करोड़ किसानों को उनके पास मौजूद 2,000 रुपये के कुछ नोटों को बदलने के लिए लाइन में खड़ा होना होगा.
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘इस 3.62 लाख करोड़ रुपये का अधिकांश हिस्सा काला धन रखने वालों के पास है. अब 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए बैंकों को किसी पहचान पत्र या फॉर्म की आवश्यकता नहीं होगी. इसलिए, मोदी सरकार द्वारा काला धन रखने वालों का अपने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों को बदलने के लिए शाही स्वागत किया जा रहा है.’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बैंक ऋण वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, उपभोक्ता मांग में भी गिरावट आएगी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह कम होगा और बदले में इसका प्रभाव सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र के खर्च पर पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘दीर्घावधि में, यह हमारी मुद्रा की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता को प्रभावित करता है.’
मालूम हो कि जिन लोगों के पास 2,000 रुपये के नोट हैं, वे 30 सितंबर 2023 तक किसी भी बैंक शाखा में उन्हें अपने खातों में जमा करा सकते हैं या अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदल सकते हैं. एक बार में अधिकतम 2,000 रुपए के 10 नोट यानी 20,000 रुपये बदलने की अनुमति होगी. इस संबंध में बीते हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा घोषणा की गई थी.
वहीं, बीते दिनों वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी 2,000 रुपये के नोट लाने के पक्ष में कभी नहीं थे क्योंकि वे दैनिक लेनदेन के लिए उपयुक्त नहीं थे, जिसे विपक्ष ने सरकार की ओर से डैमेज कंट्रोल की कवायद करार दिया था.