साल 2013 में कॉन्स्टेबल की परीक्षा में चयन होने के बाद विभाग ने गंगा कुमारी की नियुक्ति रोक दी थी, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी.
जोधपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कॉन्स्टेबल की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हुए शहर पुलिस विभाग को गंगा कुमारी को कॉन्स्टेबल नियुक्त करने के निर्देश दिये हैं.
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने इसे लिंग भेदभाव का मामला बताते हुए आदेश की तिथि से छह सप्ताह में गंगा कुमारी की नियुक्ति करने के निर्देश दिये.
वर्ष 2013 में कॉन्स्टेबल की 11,400 रिक्तियों के लिए हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में जालौर जिले के रानीवारा की रहने वाली गंगा कुमारी का चयन हुआ था. चिकित्सा जांच के बाद उसकी नियुक्ति रोक दी गयी.
चिकित्सा जांच के बाद पुलिस के संज्ञान में यह बात आई कि गंगा कुमारी ट्रांसजेंडर है.
गंगा कुमारी ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करते हुए कहा कि पद के लिए योग्य होने के बावजूद जालौर पुलिस ने उसे कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्त करने से इनकार कर दिया.
उनके वकील रितुराज सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ट्रांसजेंडर पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुई और वह उसमें सफल हुई, लेकिन नियुक्ति के नियमों के चलते विभाग भ्रम में आ गया और परीक्षा पास करने के बावजूद गंगा कुमारी को कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्त नहीं किया गया.