वरिष्ठ क्रिकेटर्स के प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में आगे आने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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साल 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में सामने आई है. शुक्रवार को जारी बयान में टीम की तरफ से कहा गया कि वे पहलवानों के साथ हुए दुर्व्यवहार से व्यथित हैं. हमें इस बात की भी बेहद चिंता है कि वे कड़ी मेहनत से अर्जित किए पदक गंगा में बहाने की सोच रहे हैं… हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मामले में जल्दबाज़ी में कोई निर्णय न लें. साथ ही हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुना जाए और जल्द ही उनका समाधान निकाला जाए.  इस टीम में कपिल देव, सुनील गावस्कर, मदन लाल जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे. टीम के एक सदस्य रोजर बिन्नी वर्तमान में बीसीसीआई के प्रमुख हैं.

गुजरात के बनासकांठा ज़िले में ‘अच्छे कपड़े’ पहनने और ‘धूप का चश्मा’ लगाने को लेकर कथित उच्च जाति के लोगों द्वारा एक दलित व्यक्ति को पीटने और उनकी मां से बदसलूकी की घटना सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पालनपुर के मोटा गांव के 21 वर्षीय दलित युवक जिगरभाई कनुभाई शेखालिया पर राजपूत समुदाय के सदस्यों द्वारा हमला किया गया था. उनके द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर लिखी एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने जिगरभाई से कहा कि वे जिगर का अच्छे कपड़े पहनना और धूप का चश्मा लगाना पसंद नहीं करते. शिकायत के अनुसार, हमले के दौरान आरोपियों ने जिगर को बचाने आईं उनकी मां के कपड़े फाड़ दिए. पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद में दस दलितों की हत्या के 42 साल बाद 90 साल के आरोपी को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, साधुपुर गांव में 1981 में उच्च जाति के राशन दुकान के मालिक के ख़िलाफ़ शिकायत करने पर 10 दलितों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान नौ आरोपियों की मौत हो गई थी. अब एक स्थानीय अदालत ने एकमात्र जीवित बचे आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

पहलवानों के यौन उत्पीड़न का सामना कर रहे भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने आगामी पांच जून को अयोध्या में होने वाली ‘जन चेतना रैली’ को स्थगित कर दिया है. सिंह द्वारा जारी एक पत्र में सुप्रीम कोर्ट के ‘निर्देशों’ का हवाला दिया गया है. यह पत्र सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन पर लगे आरोपों के ब्योरे को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के बीच आया है. एफआईआर के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि शिकायतकर्ताओं ने बताया है कि बृजभूषण ने एक पदक विजेता को ज़बरदस्ती गले लगाया था, एक अन्य खिलाड़ियों को ग़लत तरह से छाती पर छुआ और विरोध करने पर धमकाया था. पदक विजेता पहलवान ने यह भी बताया है कि उन्हें ‘सप्लीमेंट्स’ दिलाने के एवज में सिंह ने यौन संबंध की मांग की थी.

एनसीईआरटी द्वारा स्कूल सिलेबस को ‘युक्तिसंगत’ बनाने की कवायद में इस बार फिर कई महत्वपूर्ण माने जाने वाले अध्याय हटाए गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 10वीं की किताब से पीरिऑडिक टेबल, लोकतंत्र की चुनौतियों समेत कुछ अध्याय हटाए गए हैं. एनडीटीवी की रिपोर्ट बताती है कि कक्षा 6 के पाठ्यक्रम से भोजन, लोकतंत्र के प्रमुख तत्व, भारत की जलवायु और वन्य जीवन पर आधारित अध्याय भी हटा दिए हैं. कक्षा 7 के समानता के लिए संघर्ष जैसे मुद्दों को भी पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. सिलेबस को ‘युक्तिसंगत’ बनाने की कार्रवाई में दो विषय, जो सभी वर्गों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, वे हैं भारत में लोकतंत्र और मुगल शासन, जिनके अध्यायों को कक्षा 6, 9, 10, 11 और 12 से हटा दिया गया है. साथ ही अब गरीबी, शांति, विकास, पदार्थ की अवस्था (States of Matter) जैसे अध्याय भी कक्षा 11 की किताबों का हिस्सा नहीं हैं.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक कॉरिडोर में तेज़ आंधी के बाद सप्तऋषि की मूर्तियों के गिरने की घटना की जांच प्रदेश के लोकायुक्त करेंगे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, लोकायुक्त ने छह मूर्तियों को तेज आंधी के कारण पहुंचे नुकसान का स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया है. महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था. राज्य में विपक्षी कांग्रेस इसके निर्माण में अनियमितता का आरोप लगा रही है. इसी बीच, कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि (महाकाल लोक परिसर में) नंदी द्वार पर रखा कलश भी गिर गया और उस समय वहां से जो लोग गुजर रहे थे, वे बाल बाल बच गए.

नए संसद भवन में लगी ‘अखंड भारत’ के एक म्यूरल को लेकर नेपाल में विवाद हो गया है. द हिंदू के अनुसार, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्विटर पर इसकी एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें गौतम बुद्ध का जन्मस्थान लुम्बिनी भारत के हिस्से के रूप में दर्शाया गया था. इस पर आपत्ति जताते हुए नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने कहा कि यह ‘नेपाल सहित पड़ोस में अनावश्यक और हानिकारक राजनयिक विवाद को भड़का सकता है. इसमें भारत के अधिकांश निकटतम पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में पहले से ही कम हुए भरोसे को और कम करने की क्षमता है.

महाराष्ट्र से भाजपा सांसद प्रीतम मुंडे ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रति समर्थन जाहिर किया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रीतम मुंडे ने कहा कि जब कोई महिला इतनी गंभीर शिकायत करती है तो इसे बिना किसी संदेह के सच माना जाना चाहिए. भले ही मैं इस सरकार का हिस्सा हूं, लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि जिस तरह से हमें पहलवानों के साथ संवाद करना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ.  मुंडे से पहले हरियाणा के भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने पहलवानों के विरोध को ‘हृदयविदारक’ कहा था.