बिहार के भागलपुर जिले में रविवार शाम को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का 200 मीटर का हिस्सा ढह गया. पिछले साल 30 अप्रैल को भी इसी पुल का एक हिस्सा गिर गया था. अधिकारियों ने दावा किया कि पुल निर्माण में कई खामियां हैं, इसलिए इसे ढहाया गया.
पटना: बिहार के भागलपुर जिले में रविवार शाम को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का 200 मीटर का हिस्सा ढह गया. ठीक एक साल पहले इसी तरह की एक और घटना इसी पुल पर घटी थी.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि पुल के कुछ हिस्सों को विशेषज्ञों की सलाह के तहत योजनाबद्ध तरीके से जान-बूझकर ध्वस्त किया गया है, क्योंकि इसके डिजाइन में खामियां थीं.
खगड़िया जिले के अगुवानी को भागलपुर के सुल्तानगंज से जोड़ने वाले 3.1 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था और इसके 2019 में पूरा होने की उम्मीद थी. तब से समयसीमा को चार बार बढ़ाया जा चुका है.
पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,710 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है.
पुल के ढहने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसकी विपक्षी भाजपा ने तीखी आलोचना की थी. उसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
#WATCH | Under construction Aguwani-Sultanganj bridge in Bihar’s Bhagalpur collapses. The moment when bridge collapsed was caught on video by locals. This is the second time the bridge has collapsed. Further details awaited.
(Source: Video shot by locals) pic.twitter.com/a44D2RVQQO
— ANI (@ANI) June 4, 2023
यादव ने कहा, ‘आपको याद दिला दूं कि पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था. इसके बाद हमने निर्माण मामलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया था.’
उन्होंने कहा, ‘इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं.’
अमृत ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया कि हमें कोई जोखिम नहीं लेना चाहिए, इसलिए पुल के कुछ हिस्सों को गिराने का फैसला किया गया. आज की घटना ऐसी ही एक कवायद का हिस्सा थी.’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘जो पुल गिरा था, वह पिछले साल भी टूटा था. मैंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसका निर्माण सही ढंग से नहीं हो रहा है, जिससे यह बार-बार गिर रहा है. विभाग इस पर गौर करेगा और कार्रवाई की जाएगी.’
मालूम हो कि इससे पहले दिसंबर 2022 में बिहार में पांच साल पुराना एक पुल उद्घाटन से पहले ही दो हिस्सों में टूटकर नदी में गिर गया था. इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ, क्योंकि पुल को औपचारिक रूप से जनता के लिए खोला जाना बाकी था. बेगूसराय जिले में बूढ़ी गंडक नदी पर 13 करोड़ रुपये की लागत से यह पुल बनाया गया था.
साल 2020 में बिहार के गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले को जोड़ने वाले एक नवनिर्मित पुल का एक हिस्सा उद्घाटन के करीब एक महीने बाद ही भारी बारिश के बाद ढह गया था. इस पुल का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.
पुल से जुड़ी एक और हैरानी भरी घटना अप्रैल 2022 में सामने आई थी. बिहार के सासाराम (रोहतास) जिले में खुद को सरकारी अधिकारी बताने वाले कुछ लोगों ने 60 फुट लंबे लोहे का पुल खोलकर उसका लोहा चोरी कर लिया था.
पुलिस ने बताया था कि 500 टन वजनी इस पुल का निर्माण नसरीगंज थानाक्षेत्र के अमियावर गांव में आरा नहर पर 1972 में हुआ था. जर्जर होने की वजह से लोहे के इस पुल पर आवाजाही कम हो रही थी.