गृह मंत्री से मिले प्रदर्शनकारी पहलवान, आंदोलन वापस लेने की ख़बर को कोरी अफ़वाह बताया

शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक के साथ कई कोच भी शामिल हुए थे. सोमवार को पुनिया और मलिक के बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शन से पीछे हटने की ख़बरें आई थीं, जिसे पहलवानों ने उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश क़रार दिया है.

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो साभार: ट्विटर/फेसबुक)

शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक के साथ कई कोच भी शामिल हुए थे. सोमवार को पुनिया और मलिक के बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शन से पीछे हटने की ख़बरें आई थीं, जिसे पहलवानों ने उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश क़रार दिया है.

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो साभार: ट्विटर/फेसबुक)

नई दिल्ली: अपने पदकों को गंगा में बहाने की धमकी देने के कुछ दिनों बाद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की उनकी पांच दिन की समय सीमा समाप्त होने से एक रात पहले, प्रदर्शनकारी पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार देर रात नई दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बैठक में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के साथ कई कोच भी शामिल हुए. बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली और आधी रात के बाद समाप्त हुई. बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमारी गृह मंत्री के साथ बैठक थी. मैं आगे टिप्पणी नहीं कर सकता.’

वहीं, सोमवार को साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने भारतीय रेलवे में अपनी नौकरी जॉइन की, जिसके बाद मीडिया के एक तबके में उनके विरोध प्रदर्शन से पीछे हटने की खबरें चलने लगीं. दोनों ने इन खबरों का खंडन किया है.

बजरंग, साक्षी और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहे हैं. बृजभूषण पर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें ‘पेशेवर सहायता के बदले’ सेक्सुअल मांग के कम से कम दो मामले; यौन उत्पीड़न की कम से कम 15 घटनाएं, जिनमें गलत तरह से छूने की करीब दस घटनाएं, छेड़छाड़- जिसमें खिलाड़ियों के स्तनों को हाथ लगाना, नाभि को छूना शामिल है; डराने-धमकाने के कई उदाहरण जिनमें पीछा करना भी शामिल है- का जिक्र किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शाह के साथ हुई बैठक में पहलवानों द्वारा उठाया गया प्रमुख मुद्दा बृजभूषण के खिलाफ इन आरोपों की जांच की स्थिति के बारे में था. पहलवानों ने जल्द एक मजबूत आरोप-पत्र दाखिल करने की मांग की. बताया गया है कि गृह मंत्री ने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत है.

इससे पहले, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पहलवानों से आग्रह किया था कि वे ‘निष्पक्ष जांच में पूरा सहयोग करें’ और ‘कानून को अपना काम करने दें.’

प्रदर्शनकारी पहलवानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच आखिरी उच्च स्तरीय बैठक नई संसद के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर 27 मई को हुई थी. बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो पहलवानों ने अपने समर्थकों के साथ नई संसद तक मार्च निकालने की अपनी योजना पर अमल किया. उन्हें रास्ते में रोक लिया गया, दिल्ली पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें हिरासत में ले लिया. साथ ही, दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ दंगा भड़काने समेत कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की थी.

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहलवानों के साथ इस व्यवहार की निंदा की गई. फिर, पहलवानों ने मंगलवार को अपने पदक गंगा में विसर्जित करने का फैसला किया. वे हरिद्वार गए थे लेकिन कथित तौर पर एक भाजपा नेता द्वारा फोन पर कुछ समय मांगे जाने और अपने परिवारों के दबाव में अंतिम समय में अपने फैसले पर पुनर्विचार किया.

उसी दिन हरिद्वार पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी पहलवानों से अपना फैसला पांच दिन के लिए टालने को कहा था. 2 जून को टिकैत ने एक खाप पंचायत में कहा कि सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को 7 से 10 दिन का समय दिया जाना चाहिए.

‘आंदोलन से पीछे हटने की ख़बर कोरी अफवाह’

सोमवार को मीडिया के एक तबके और ट्विटर पर ऐसी खबरें चलने लगी थीं कि बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक भारतीय रेलवे में ओएसडी (खेल) के तौर पर अपने पदों पर वापस नौकरी पर आ गए. साथ ही, उनके इस फैसले के पीछे का कारण अमित शाह के साथ उनकी बैठक को बताया गया और दावा किया गया कि दोनों विरोध प्रदर्शन से पीछे हट गए हैं.

हालांकि, पहलवानों ने फ़ौरन इसका खंडन किया. साक्षी मलिक ने ट्विटर पर एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘ये खबर बिल्कुल गलत है. इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, न हटेगा. सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई गलत खबर न चलाई जाए.’

साथ ही, समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. यह एक सामान्य बातचीत थी. हमारी केवल एक ही मांग है और वह है उन्हें (बृजभूषण सिंह) गिरफ्तार करना. मैं विरोध प्रदर्शन से पीछे नहीं हटी हूं, मैंने रेलवे में ओएसडी के रूप में मैंने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है. मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम विरोध करते रहेंगे. हम पीछे नहीं हटेंगे.’

यह भी कहा जा रहा था कि मामले की नाबालिग शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली है, इस पर साक्षी ने कहा कि कोई एफआईआर वापस नहीं ली गई है, यह सब झूठ है. उन्होंने एएनआई से कहा, ‘यह सारी झूठी खबरें हैं ताकि जनता की नजरों में हमारा विरोध प्रदर्शन बदनाम हो जाए और हम उनका समर्थन खो दें.’

साक्षी ने कहा, ‘यह सारी अफवाहें हैं, हमने विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं किया है. मैं एक या दो दिनों के लिए कुछ लंबित कामों को खत्म करने के लिए ऑफिस आई हूं और आगे क्या करना है, कैसे विरोध को अहिंसक तरीके से जारी रखना है, हम इसकी रणनीति बना रहे हैं.’

अमित शाह से अपनी बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कोई अंतिम समाधान पर नहीं पहुंचा जा सका.

प्रदर्शन में उनके साथी पहलवान बजरंग पुनिया ने भी खबरों को झूठा बताते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं. ये खबरें हमें नुक़सान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने (वापस लेने) की खबर भी झूठी है. इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी’

इसी बीच, पहलवान और साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी प्रदर्शन से पीछे हटने की खबर को झूठा बताया है.

उन्होंने कहा, ‘हमारा आंदोलन, हमारा सत्याग्रह लगातार जारी है और यह और भी बड़ा होता जाएगा. ये हमारे समर्थकों को तोड़ने की कोशिश है, जो विफल हो जाएगी.’

प्रदर्शन में शामिल विनेश फोगाट ने भी सोशल मीडिया और मीडिया में चल रही कई ‘अफवाहों’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा, ‘महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुज़र रही हैं इस बात का एहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमज़ोर मीडिया की टांगें हैं जो किसी गुंडे के हंटर के आगे कांपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘हमारे मेडलों को 15-15 रुपये के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं. हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है. अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे. नौकरी का डर मत दिखाइए.’