उत्तर प्रदेश: रेप पीड़िता के पिता ने आत्महत्या की, दो पुलिसकर्मी निलंबित

जालौन जिले के एट थाना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति ने 15 वर्षीय बेटी से सामूहिक बलात्कार की जांच में देरी के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उनके परिवार और पड़ोसियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर व्यक्ति की शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जालौन जिले के एट थाना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति ने 15 वर्षीय बेटी से सामूहिक बलात्कार की जांच में देरी के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उनके परिवार और पड़ोसियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर व्यक्ति की शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के एट थाना क्षेत्र के एक गांव में अपनी 15 वर्षीय बेटी से सामूहिक बलात्कार की जांच में पुलिस की देरी के कारण 38 वर्षीय एक व्यक्ति ने सोमवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि इस घटना के संबंध में एक थाना प्रभारी और उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, कथित आत्महत्या के तुरंत बाद मृतक के परिवार और पड़ोसियों ने पुलिस पर व्यक्ति की शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए एक विरोध प्रदर्शन किया.

मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष महानिदेशक (विशेष डीजी) (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि जालौन के पुलिस अधीक्षक इराज राजा को एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी नागेंद्र प्रताप गौतम और उपनिरीक्षक अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है. कुमार ने कहा, ‘हम मामले की निगरानी कर रहे हैं और मामले में एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है. पुलिस को आत्महत्या के संबंध में एक अलग मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

पुलिस ने कहा कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

पुलिस के मुताबिक, 28 मार्च को दो आरोपियों गोलू और देवेंद्र कुमार ने देवेंद्र की पत्नी लक्ष्मी से मिलीभगत कर लड़की को जन्मदिन की पार्टी में ले जाने के बहाने सामूहिक बलात्कार किया. वह भागने में सफल रही और 30 मार्च को अपने माता-पिता को फोन पर आपबीती सुनाई, जो पंजाब में स्ट्रीट वेंडर के रूप में काम करते थे.

रिपोर्ट के अनुसार, युवती अपनी दादी के साथ यूपी में रह रही थी. 30 मई को जालौन लौटने पर उन्होंने मामले की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए 31 मई को पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने कहा कि जब व्यक्ति और उसकी बेटी एट थाने पहुंचे, तो वहां के कर्मचारियों ने कथित तौर पर उन्हें मामले में फंसाने की धमकी दी.

पीड़िता के पिता द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जनसुनवाई ऑनलाइन पोर्टल पर स्थानीय पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद 4 जून को हमले की प्राथमिकी दर्ज की गई.

जालौन के पुलिस अधीक्षक इराज राजा ने कहा, ‘धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के प्रावधानों के तहत गोलू (22) और देवेंद्र (32) और उनकी पत्नी लक्ष्मी (29) के खिलाफ रविवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है.’

उन्होंने कहा, ‘मुख्य आरोपी गोलू पहले से ही जालौन जिला जेल में बंद है, जबकि देवेंद्र और उसकी पत्नी को सोमवार को गिरफ्तार किया गया.’ उन्होंने कहा कि पुलिस सामूहिक बलात्कार मामले में गोलू की हिरासत की मांग करेगी.

इस बीच, कथित आत्महत्या के बाद पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद लड़की के पिता ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात पेड़ से लटक कर जान दे दी.

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी शिकायत रविवार रात को ही दर्ज कर ली गई थी. पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय उन्हें मामला वापस लेने के लिए मजबूर किया.

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने एसपी से संपर्क किया जिन्होंने उन्हें एट थाने वापस जाने के लिए कहा.

एसपी ने कोंच अंचल अधिकारी शैलेंद्र कुमार बाजपेयी को दोनों मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है.