नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर को ट्वीट कर कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसके विरोध में नेपाल में प्रदर्शन हुए थे. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई थी.
नई दिल्ली: भाजपा के एक मंत्री द्वारा नए संसद भवन पर बने एक भित्ति चित्र का वर्णन ‘अखंड भारत’ के रूप में किए जाने ने राजनयिक उथल-पुथल खड़ी कर दी है. बांग्लादेश सरकार ने सोमवार (5 जून) को इस पर ‘स्पष्टीकरण’ मांगा है.
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने कहा कि दिल्ली स्थित बांग्लादेश दूतावास को इस मामले पर भारत का आधिकारिक स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए देश के विदेश मंत्रालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने सोमवार (5 जून) दोपहर संवाददाताओं से कहा कि भित्ति चित्र के खिलाफ नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने जो स्पष्टीकरण दिया, उसको लेकर ‘संदेह व्यक्त करने का कोई कारण नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘इस बारे में संदेह व्यक्त करने का कोई कारण नहीं है. हालांकि, आगे के स्पष्टीकरण के लिए हमने दिल्ली स्थित अपने मिशन को भारतीय विदेश मंत्रालय से बात करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका आधिकारिक स्पष्टीकरण क्या है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने जो जाना, वह यह है कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह 300 ईसा वर्ष पूर्व का अशोक साम्राज्य का नक्शा है. इसमें उस समय के क्षेत्र का नक्शा और एक भित्ति चित्र शामिल है. भित्ति चित्र लोगों की यात्रा को दर्शाता है. सांस्कृतिक समानताएं हो सकती हैं, लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.’
यह मुद्दा केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी द्वारा भित्तिचित्र की एक तस्वीर को इस कैप्शन के साथ ट्वीट करने के बाद उठा था, ‘संकल्प स्पष्ट है- अखंड भारत.’
भित्ति चित्र को लेकर नेपाल में विरोध प्रदर्शन हुए थे. कुछ राजनेताओं ने कहा था कि यह कदम काठमांडू और दिल्ली के बीच पहले से ही व्याप्त विश्वास की कमी को और बढ़ा सकता है.
जोशी के बयान पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज बलूच ‘हैरान’ थीं. उन्होंने कहा था, ‘अखंड भारत’ का अनावश्यक दावा एक संशोधनवादी और विस्तारवादी मानसिकता का प्रकटीकरण है, जो न केवल भारत के पड़ोसी देशों बल्कि अपने स्वयं के धार्मिक अल्पसंख्यकों की पहचान और संस्कृति को भी अपने अधीन करना चाहता है.’
इस बीच, पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भित्तिचित्र ‘अखंड भारत’ के बारे में नहीं था, बल्कि प्राचीन मौर्य साम्राज्य का विस्तार था.
बागची ने कहा, ‘भित्तिचित्र अशोक के साम्राज्य के प्रसार और जिम्मेदार और जन-उन्मुख शासन के विचार को दर्शाती है, जिसे उन्होंने अपनाया और प्रचारित किया. भित्तिचित्र और इसके सामने लगी पट्टिका यही कहती है. इसके अलावा इस बारे में मैं और कुछ नहीं कह सकता.’
उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के ट्वीट पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से अन्य नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर टिप्पणी नहीं करने जा रहा हूं.’