द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में फिर एक गैंगस्टर की हत्या का मामला सामने आया है. दैनिक भास्कर के अनुसार, बुधवार को लखनऊ की जिला अदालत में एक आपराधिक मामले के लिए पेशी के लिए लाए गए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अख़बार के मुताबिक, संजीव के कोर्ट पहुंचते ही वकील के वेश में आए हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें उसकी मौत हो गई और वहां मौजूद एक डेढ़ साल की बच्ची समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. संजीव माहेश्वरी को मुख़्तार अंसारी का करीबी माना जाता था. पुलिस के अनुसार, हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मणिपुर में जारी तनाव के बीच भीड़ ने एक एम्बुलेंस को आग लगा दी, जिसमें एक बच्चे समेत दो महिलाओं की जान चली गई. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंफाल पश्चिम के इरोइसेम्बा इलाके में 4 जून को भीड़ द्वारा एंबुलेंस में आग लगाने से एक सात वर्षीय लड़के, उसकी मां और एक महिला, जो उनकी पड़ोसी थीं, की मौत हो गई. इस बच्चे को असम राइफल्स कैंप में गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया जा रहा था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सूबे में चुनाव न करवाने को लेकर फिर चुनाव आयोग और सरकार को निशाने पर लिया है. टेलीग्राफ के अनुसार, अब्दुल्ला ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर में चुनाव नहीं कराने के लिए दबाव में है और उसे लोगों को यह बताने का साहस होना चाहिए. उन्होंने यह भी जोड़ा कि में लंबे समय से विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार स्पष्ट रूप से हार के डर से चुनाव की बात आगे नहीं बढ़ा रही है. सूबे में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था. राज्य में 2018 से कोई विधानसभा नहीं है, जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था.
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को 15 जून तक उनका आंदोलन स्थगित करने को कहा गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बुधवार को पहलवान ठाकुर से मिले थे और उनकी लंबी बैठक हुई थी. ठाकुर ने यह भी कहा कि कुश्ती महासंघ का चुनाव इस महीने के खत्म होने से पहले करवाया जाएगा. बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि 15 जून से पहले पुलिस जांच पूरी कर ली जाएगी. अगर 15 जून तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
नए संसद भवन में लगे ‘अखंड भारत’ के म्यूरल (भित्ति चित्र) को लेकर उठा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, अब बांग्लादेश ने इस बारे में भारत से स्पष्टीकरण मांगा है. इस म्यूरल के विरोध में नेपाल में प्रदर्शन हुए थे और पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई थी. अब बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने दिल्ली में बांग्लादेश दूतावास को इस मामले पर भारत सरकार से आधिकारिक स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क करने को कहा है. इससे पहले भारत ने म्यूरल को लेकर अपनी सफाई में कहा था कि यह 300 ईसा वर्ष पूर्व का अशोक साम्राज्य का नक्शा है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.’
मैनुअल स्केवेंजिंग पर प्रतिबंध के बावजूद देश के केवल 66 प्रतिशत ज़िले मैला ढोने की प्रथा से मुक्त हैं. द हिंदू ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी डेटा के हवाले से बताया है कि देश के कुल 766 जिलों में से सिर्फ 508 जिलों ने ही खुद को मैला ढोने से मुक्त घोषित किया है. मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों में लगभग हर संसद सत्र में कहा है कि देश भर में मैला ढोने की प्रथा से कोई मौत नहीं हो रही है और जो भी मौतें हुई हैं उनकी वजह ‘सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई’ है.
गुजरात में पूर्वोत्तर भारत का खाना बेचने को लेकर नगालैंड के दो युवकों पर हमला किया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अहमदाबाद के चाणक्यपुरी में एक फूड जॉइंट पर काम करने वाले दोनों युवकों का आरोप है कि हमलावर लगभग 10 की संख्या में थे और कह रहे थे कि ‘हम हिंदु बहुल गुजरात जैसी जगह में मांसाहारी खाद्य पदार्थ और नॉर्थईस्टर्न खाना नहीं बेच सकते. अगर हमने ऐसा किया तो हमें मार डालेंगे.’
गौहाटी हाईकोर्ट की कोहिमा पीठ ने नगालैंड सरकार के कुत्ते के मांस पर प्रतिबंध के तीन साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया है. नगालैंड सरकार ने जुलाई 2020 में कुत्तों के मांस के वाणिज्यिक आयात, कारोबार और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले के खिलाफ मांस बेचने वाले कारोबारियों ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इस फैसले से उनकी आजीविका और कारोबार प्रभावित हुआ है. द हिंदू के अनुसार, दो जून को जस्टिस मर्ली वांकुन ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि देश के पूर्वोत्तर हिस्से में आज भी कुत्ते का मांस खाना स्वीकृत चलन है.